हम जानते हैं कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में आ पहुचे हैं, क्योंकि हम भाइयों से प्रेम रखते हैं। (1 यूहन्ना 3:14)
वास्तव में प्रेम इस बात का प्रमाण है कि हमारा नया जन्म हुआ है — कि हम ख्रीष्टीय हैं, कि हमारा उद्धार हुआ है।
कभी-कभी बाइबल हमारी पवित्रता को तथा लोगों के प्रति हमारे प्रेम को हमारे अन्तिम उद्धार का प्रतिबन्ध बनाती है। दूसरे शब्दों में, यदि हम पवित्र नहीं हैं, और हम प्रेमी नहीं हैं, तो हम न्याय के दिन नहीं बचेंगे (देखिए, इब्रानियों 12:14; गलातियों 5:21; 1 कुरिन्थियों 6:10)। इसका यह अर्थ नहीं है कि प्रेमपूर्ण कार्यों के द्वारा ही परमेश्वर से हमारा मेलमिलाप होता है। नहीं, बाइबल बार-बार बहुत स्पष्ट है इस बात में जैसे कि इफिसियों 2:8-9 कहता है, “अनुग्रह के द्वारा विश्वास ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है। यह तुम्हारी ओर से नहीं वरन् परमेश्वर का दान है। यह कार्यों के कारण नहीं है जिससे कि कोई घमण्ड करे।” जब बाइबल कहती है कि हम विश्वास के द्वारा बचाए गए हैं और अनन्तः बचाये जाने के लिए हमें लोगों से प्रेम करना है, तो इसका अर्थ यह है कि परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं में विश्वास इतना वास्तविक होना चाहिए कि जो प्रेम इससे उत्पन्न होता है वह उस विश्वास की वास्तविकता को प्रमाणित करे।
अतः दूसरों के लिए प्रेम भविष्य-के-अनुग्रह के लिए इस अर्थ में एक प्रतिबन्ध है क्योंकि यह इस बात की पुष्टि करता है कि प्राथमिक प्रतिबन्ध अर्थात् विश्वास सच्चा है। दूसरों के लिए प्रेम को हम द्वितीयक प्रतिबन्ध भी कह सकते हैं, जो प्राथमिक तथा अनिवार्य प्रतिबन्ध की प्रामाणिकता की पुष्टि करता है अर्थात् विश्वास का जो अकेले ही ख्रीष्ट से हमारा मिलन करवाता है और उसकी सामर्थ्य को प्राप्त कराता है।
विश्वास परमेश्वर की महिमा को उसके भविष्य-के-अनुग्रह की प्रतिज्ञाओं के रूप में देखता है और ये प्रतिज्ञाएँ यीशु में परमेश्वर के विषय में जो कुछ भी हम पर प्रकट करती हैं, उसे स्वीकार करता है। परमेश्वर की महिमा का आत्मिक दर्शन और उसमें हमारा आनन्द, स्वयं में इस बात का प्रमाण है कि परमेश्वर ने हमें उसके अनुग्रह के प्राप्तकर्ता के रूप में बुलाया है। यह प्रमाण हमें परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं पर भरोसा करने के लिए स्वतन्त्र करता है जैसे कि मानो ये प्रतिज्ञाएँ हमारे लिए ही हों। और प्रतिज्ञाओं पर हमारा यह भरोसा हमें प्रेम करने के लिए सशक्त करता है। और यह इस बात की पुष्टि करता है कि हमारा विश्वास वास्तविक है।
संसार ऐसे विश्वास को बड़ी उत्सुकता से चाहता है जिसमें ये दो बातें पाई जाती हों: विस्मित करने वाले अटल ईश्वरीय सत्य का दर्शन, और चौबीस घण्टे एवं सातों दिन के लिए पूर्णतः व्यावहारिक सामर्थ्य जो जीवन में बड़ी स्वतन्त्रता प्रदान करे। मैं भी यही चाहता हूँ। इसीलिए तो मैं ख्रीष्टीय हूँ।
अनुग्रह करने वाला एक महान् परमेश्वर है जो उस पर भरोसा करने वाले असहाय लोगों के प्रति अपनी प्रतिज्ञाओं को पूरी करने के द्वारा अपनी असीमित सुन्दरता तथा स्व-पर्याप्तता को प्रदर्शित करता है। और इस परमेश्वर को बहुमूल्य समझने के द्वारा एक सामर्थ्य प्राप्त होती है जो जीवन के प्रत्येक कोने या क्षेत्र को प्रभावित करती है। यह हमें उत्तम रीति से व्यावहारिक प्रेम करने के लिए सशक्त करती है।