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अपना प्रतिशोध परमेश्वर को दे दें

प्रियो, अपना बदला कभी न लेना, परन्तु परमेश्वर के कोप को जगह दो, क्योंकि लिखा है, “प्रभु कहता है कि बदला लेना मेरा काम है, बदला मैं दूँगा।” (रोमियों 12:19)

कड़वाहट और प्रतिशोध की ओर हमारे झुकाव पर विजय प्राप्त करने के लिए यह इतनी महत्वपूर्ण प्रतिज्ञा क्यों है? इसका कारण यह है कि यह प्रतिज्ञा क्रोध के पीछे अति सामर्थी आवेगों में से  एक का उत्तर देती है — एक ऐसा आवेग जो पूर्णतः अनुचित नहीं है।

अनेक प्रकरणों में, हमारे प्रति वास्तव में बुरा किया गया होता है। इसलिए, यह आभास करना कि न्याय किया जाना चाहिए पूर्णतः अनुचित नहीं है। अनुचित है यह आभास करना कि हमें ही न्याय करना चाहिए और कि जब तक न्याय किया न जाए हम कड़वाहट में बने रह सकते हैं। यह तो एक घातक त्रुटि होगी।

मेरे सेमिनरी के दिनों में, नोएल और मैं दम्पत्तियों के लिए एक छोटे समूह में थे जिसमें लोग बहुत व्यक्तिगत स्तर पर एक दूसरे को समझने लगे थे। एक सन्ध्या को हम क्षमा और क्रोध पर चर्चा कर रहे थे। एक युवा पत्नी ने कहा कि बचपन में किए गए किसी कार्य के लिए वह अपनी माता को क्षमा नहीं कर सकी और न ही वह करेगी।

हमने क्षमा न करने वाली आत्मा से सम्बन्धित कुछ बाइबलीय आज्ञाओं और चेतावनियों के विषय में बात की।

  • एक दूसरे के प्रति दयालु और करुणामय बनो, और परमेश्वर ने ख्रीष्ट में जैसे तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो। (इफिसियों 4:32)
  • यदि तुम मनुष्यों को क्षमा न करो तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा नहीं करेगा। (मत्ती 6:15)

परन्तु वह मानने के लिए तैयार नहीं थी। इसलिए मैंने उसे चिताया कि यदि वह इस प्रकार के क्षमा न करने वाले कड़वाहट के साथ व्यवहार करती रहेगी तो उसका प्राण ही जोखिम में है। परन्तु वह इस बात पर अड़ी रही कि वह अपनी माँ को क्षमा नहीं  करेगी।

प्रतिशोध और कड़वाहट की इतनी घातक आत्मा पर विजय प्राप्त करने के साधन के रूप में यहाँ रोमियों 12 में हमसे परमेश्वर के न्याय के अनुग्रह की प्रतिज्ञा की जा रही है।

पौलुस का तर्क है कि हम इस विषय में निश्चित हो सकते हैं कि परमेश्वर सभी बुराइयों से व्यवहार करेगा और हम इस विषय को उसके हाथों में छोड़ सकते हैं क्योंकि बदला लेना उसका कार्य है। हमारी प्रतिशोधी इच्छाओं को छोड़ने हेतु हमें प्रेरित करने के लिए वह हमें एक प्रतिज्ञा देता है: “प्रभु कहता है कि बदला मैं दूँगा।”

वह प्रतिज्ञा जो हमें एक क्षमा न करने वाली, कड़वी, प्रतिशोधी आत्मा से छुड़ाती है वह यह है कि हमारा प्रतिशोध परमेश्वर लेगा। वह इसे हमारी क्षमता से अधिक न्यायपूर्ण, और दयापूर्वक, और हमसे कहीं अधिक अच्छी रीति से करेगा। वह सभी पाप को दण्ड देता है। कोई भी उससे बचकर नहीं निकल जाता है। पश्चात्ताप करके उस पर विश्वास करने वालों को वह ख्रीष्ट के क्रूस पर दण्ड देता है, तथा ऐसा न करने वालों को वह नरक में दण्ड देता है। इसलिए हम प्रतिशोध लेने से पीछे हट सकते हैं और परमेश्वर को उसके सिद्ध कार्य को करने के लिए स्थान दे सकते हैं।

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जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

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