अविश्वासियों के लिए कैसे विनती करें

भाइयो, मेरी हार्दिक अभिलाषा और परमेश्वर से उनके लिए प्रार्थना है कि वे उद्धार पाएँ। (रोमियों 10:1)

पौलुस प्रार्थना करता है कि परमेश्वर इस्राएल का हृदय-परिवर्तन करे। वह इस्राएल के उद्धार के लिए प्रार्थना करता है। वह ऐसे प्रभावों के लिए प्रार्थना नहीं करता है जो निष्फल हैं, वरन् फलप्रद प्रभावों के लिए प्रार्थना करता है। और इसी प्रकार हमें भी प्रार्थना करना चाहिए।

हमें परमेश्वर की नई वाचा की प्रतिज्ञाओं को लेकर परमेश्वर से विनती करनी चाहिए कि परमेश्वर हमारे बच्चों में और हमारे पड़ोसियों में और विश्व के सभी मिशन क्षेत्रों में उनको पूरा करे।

हे परमेश्वर, उनके शरीर में से पत्थर का हृदय निकालकर उन्हें माँस का हृदय दें। (यहेजकेल 11:19)

उनके मन का ख़तना करें जिससे कि वे आप से प्रेम करें। (व्यवस्थाविवरण 30:6)

हे पिता, अपना आत्मा उन में डाल और अपनी विधियों पर उन्हें चला। (यहेजकेल 36:27)

उन्हें पश्चात्ताप का मन और सत्य की पहचान प्रदान करें जिससे कि वे शैतान के फन्दे से बच सकें (2 तीमुथियुस 2:25-26)

उनका मन खोलें कि वे सुसमाचार पर विश्वास करें! (प्रेरितों के काम 16:14)

जब हम परमेश्वर की सम्प्रभुता पर विश्वास करते हैं — कि परमेश्वर के पास अधिकार और सामर्थ्य है कि वह कठोर पापियों को चुने और उनको विश्वास और उद्धार में लाए — तब हम बिना किसी अनियमितता के और खोए हुओं के हृदय-परिवर्तन हेतु बाइबल की महान् प्रतिज्ञाओं पर भरोसे के साथ प्रार्थना कर पाएँगे।

अतः, परमेश्वर इस प्रकार की प्रार्थना से हर्षित होता है क्योंकि यह उसे स्वतन्त्र और सम्प्रभु परमेश्वर होने का अधिकार और सम्मान देता है जो की वह चुनाव और उद्धार में है।

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जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

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