यीशु सम्प्रभु मसीहाई राजा है।

यीशु कौन है? यह प्रश्न हमारे लिए जानना अत्यावश्यक है। इसलिए आइए हम मरकुस 11:1-11 के आधार पर जानें कि यीशु कौन है? मरकुस यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने से ठीक पहले यरूशलेम में प्रवेश का वर्णन करता है। इस खण्ड को आमतौर पर विजय-प्रवेश के रूप में जाना जाता है और यह यीशु के जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना है।

इस खण्ड से ठीक पहले अन्धा बरतिमाई यीशु को पुकारता है यह कहते हुए कि हे! दाऊद की सन्तान मुझ पर दया कर। वह जान गया कि अन्ततोगत्वा यीशु कौन है। उसने यीशु को दाऊद की सन्तान अर्थात् एक मसीहाई राजा के रूप में जानता और यीशु उसे दृष्टिदान देते हैं। इसलिए इस लेख को पढ़ते समय यह प्रश्न पूछते रहें कि यीशु कौन है?

खण्ड का आरम्भ यीशु और उसके शिष्यों के यरूशलेम के निकट आने से होता है। यीशु ने अपने दो शिष्यों को गाँव में जाकर एक ऐसा गधा खोजने का निर्देश देते हैं जिस पर पहले कभी सवारी नहीं की गई हो। उन्हें उसे यीशु के पास वापस लाना था जिससे कि वह उस पर सवार होकर शहर में आ सके।

मसीहाई राजा यीशु सब कुछ पर सम्प्रभु है (मरकुस 11:1-7)

यहाँ पर यीशु के द्वारा गदही का बच्चा सामने वाले गांव से खोल कर लाने का आदेश देना और शिष्यों के द्वारा उस गदही के बच्चे को खोलकर लाना इस बात को प्रकट करता है कि यीशु सब बातों पर सम्प्रभु हैं। समस्त बातों पर उन्हीं का नियन्त्रण है। यीशु सब बातों को पहले से जानता है। वह सर्वज्ञानी है। उसे मालूम है कि सामने वाले गांव में गदही का बच्चा बन्धा हुआ है। 

जब यीशु के शिष्य गदहे के बच्चे को खोल रहे थे तो लोगों ने पूछा कि तुम इसे क्यों खोलते हो? तो उन्होंने कहा कि प्रभु को इसकी आवश्यकता है। लोगों ने गदही के बच्चे को ले जाने दिया। यह प्रकरण इस बात को दिखाता है कि यीशु वास्तव में प्रभु हैं। वह परमेश्वर है। वह सब बातों, घटनाओं, लोगों के मनों आदि को नियंत्रित करता है। 

वे लोग गदही के बच्चे को ले आए और यीशु उस पर बैठकर यरुशलेम की ओर उस स्थान सेे चल देते हैं। ये प्रकरण (एपिसोड) मरकुस यीशु को भविष्यवाणी को पूरा करते हुए दिखाता है। जकर्याह 9:9 में, यह भविष्यवाणी की गई थी कि मसीहा एक गधे पर सवार होकर यरूशलेम में प्रवेश करेगा। ऐसा करके, यीशु प्रदर्शित कर रहे थे कि वह लंबे समय से प्रतीक्षित मसीहा थे।

मसीहाई राजा यीशु उद्धारकर्ता है (मरकुस 11: 8-11)

जैसे ही यीशु गधे पर यरूशलेम में प्रवेश करता है, लोग जमीन पर अपने कपड़े बिछाना शुरू कर देते हैं और खजूर की डालियाँ हिलाते हुए चिल्लाते हैं, “होशन्ना! धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है! हमारे पिता दाऊद का आने वाला राज्य धन्य है! सर्वोच्च स्थान में होशन्ना!”

खजूर की की डालियाँ विजय का एक प्रतीक है, और लोगों का “होशन्ना” का नारा उद्धार के लिए एक पुकार थी। उन्होंने यीशु को मसीहा के रूप में पहचाना जो उन्हें उनके अत्याचारी रोमी साम्राज्य से बचाएगा। वे लोग यीशु को एक राजनीतिक राजा और राजनीतिक छुटकारे के विषय में सोच रहे थे। परन्तु यीशु प्रतिज्ञा किया हुआ मसीहाई राजा है जो उन्हें उनके पापों से उद्धार करने के पथ पर जा रहा था।

मरकुस भीड़ के उत्साह पर जोर डालता है कि जिन लोगों ने शहर में खजूर की डालियों और “होशन्ना” के नारों के साथ यीशु का स्वागत किया, वे शीघ्र ही उस पर भड़क उठे और उसे क्रूस पर चढ़ाने का आह्वान किया। यह एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि हमारी निष्ठा परमेश्वर के प्रति होनी चाहिए।

मरकुस हमें  पाप और मृत्यु पर यीशु की अन्तिम विजय की प्रतिछाया देता है। जबकि लोगों ने यीशु को एक राजनीतिक मसीहा के रूप में देखा जो उन्हें उनके उत्पीड़कों से बचाएगा। वह लोगों को उनके पापों से बचाने और उन्हें परमेश्वर से मिलाने आया था।

ठहरिए और विचार कीजिए कि आप के लिए यीशु कौन है?

1. यीशु प्रतिज्ञा किया हुआ मसीहा है, राजा जो प्रभु के नाम से आता है, अपने लोगों के लिए उद्धार लाता है। यीशु को मसीहा और राजा के रूप में पहिचानिये और विश्वास कीजिए और उसके प्रति आज्ञाकारी बनिए। 

2. वह मसीहाई राजा महिमा और प्रशंसा के योग्य है। इसलिए अपने आपको उसके अधीन करते हुए, अपने आप को उसके प्रति समर्पित करते हुए उसकी महिमा कीजिए। 

3. स्मरण रखें यीशु विजयी राजा है। उसने अन्तिम विजय पाप और मृत्यु पर पा ली है। हम अपने जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं, लेकिन यीशु ने पहले ही युद्ध जीत लिया है। उस पर अपना विश्वास रखकर, हम अनन्त जीवन और उसके आने वाले राज्य में एक स्थान के प्रति आश्वस्त हो सकते हैं।

4. यीशु सम्प्रभु मसीहाई राजा है, इसलिए उस पर अपने उद्धार हेतु विश्वास कीजिए।

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रोहित मसीह
रोहित मसीह

परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते हैं और मार्ग सत्य जीवन के साथ सेवा करते हैं।

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