омг омг тор

उद्धारकर्ता यीशु ख्रीष्ट का जन्म और हमारा प्रतिउत्तर

प्रिय भाई और बहनों, आज विश्व कोरोना वायरस नामक महामारी से जूझ रहा है। हमारा देश भारत भी उससे अछूता नहीं है। इसलिए आज कल की सबसे बड़ी घटना और चर्चा का विषय कोरोना वायरस है। परन्तु इन सबके मध्य में एक अनोखी घटना जो दुनिया की सबसे बड़ी घटना है लगभग दो हज़ार वर्ष पूर्व घटित हुई थी। जो आज भी बहुत से लोगों के जीवन में प्रभाव डालती है। वह घटना यह है कि एकमात्र सच्चा, सनातन परमेश्वर मनुष्य बनकर  इस संसार के इतिहास में प्रवेश करता है। 

वह सनातन का परमेश्वर जो स्तुति के योग्य है, हम सबके लिए इस संसार में आ गया ताकि हमें सच्चा आनन्द प्रदान करे। उसके आने की यह घटना एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसका विवरण लूका रचित सुसमाचार उसके 2 अध्याय में पाया जाता है। 

यीशु का जन्म एक वास्तविक घटना है।

यीशु का जन्म तब हुआ, जब औगुस्तुस कैसर राजा था और क्विरिनियुस सीरिया का राज्यपाल था। जब हम इस खण्ड को पढ़ते हैं, तब हम कई सारे नामों को देखते हैं। जैसे उस समय के राजा का नाम और उस समय के राज्यपाल का नाम और देश का नाम इत्यादि । यहां पर लूका कई नामों का वर्णन इसलिए कर रहा है, क्योंकि यह एक ऐतिहासिक घटना है। और वह यहाँ कोई मन-गढ़न्त बात नहीं लिख रहा है। यह वास्तविक और सत्य घटना है। जो कि उनके बीच में घटित हुई थी (लूका 2:1-2)।

यह घटना वर्तमान संसार के मध्य-पूर्व देश में हुई थी। जब हम लूका 2:2 को पढ़ते हैं, तो वहां पर सीरिया देश के बारे में देखते हैं। सीरिया आज वर्तमान के समय में मध्य-पूर्व देशों के अन्तर्गत आता है। जब हम लूका 2:4 को देखते हैं, तो वहां पर बैतलहम नामक स्थान के बारे में पाते हैं जो कि आज के वर्तमान के समय में पश्चिमी एशिया महाद्वीप के अन्तर्गत आता है। साथ ही साथ लूका वास्तविक स्थानों के साथ वास्तविक ऐतिहासिक लोगों का भी वर्णन करता है जैसे:  राजा दाऊद, युसुफ और मरियम इत्यादि।

यीशु का जन्म एक आनन्द का सुसमाचार है ।

यह न केवल एक वास्तविक घटना है, परन्तु यह आनन्द का सुसमाचार भी है। यह आनन्द का सुसमाचार क्यों है? लूका 2:11 हमें बताता है कि हमारे लिए एक उद्धारकर्ता का जन्म हुआ है अर्थात् मसीहा का जन्म हुआ है। क्योंकि हमारी सबसे बड़ी समस्या पाप है। बाइबल बताती है कि सबने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित है (रोमियो 3:23)। हमारा मन तो दूषित है। हमारे मन में असाध्य रोग लगा हुआ है (यिर्मयाह17:9)। हमारे अन्दर कोई शक्ति नहीं है जिससे कि हम अपने आपको बचा सकें। 

इसलिए परमेश्वर ने हमारे लिए किसी नेता को नहीं भेजा है, किसी समाज सुधारक या सैनिक को नहीं भेजा है बल्कि उद्धारकर्ता को भेजा है, जो पापों से उद्धार देता है। क्योंकि हमारी समस्या राजनैतिक समस्या नहीं है। हमारी समस्या आर्थिक समस्या नहीं है, परन्तु हमारी समस्या तो एक आत्मिक समस्या है। इसलिए उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह हमारे बदले में, हमारे स्थान पर, हमारी जगह पर बलिदान होने के लिए आये। जो पाप का दण्ड हमें मिलने वाला था उसको प्रभु यीशु मसीह ने स्वयं अपने उपर ले लिया। बाइबल बताती है, जो पाप से अनजान था, उसी को उसने हमारे लिए पाप ठहरा दिया, ताकि हम उसमें परमेश्वर की धार्मिकता बन जाएं ( 2 कुरिन्थियों 5: 21 )। अब हमें अनन्त मृत्यु का, परमेश्वर के प्रकोप का, सदा के लिए परमेश्वर से अलगाव का जीवन नहीं जीना पड़ेगा, परन्तु अब हम परमेश्वर के पुत्र और पुत्री हैं जो मसीह यीशु में स्वर्गीय स्थानों में बैठाए गए हैं (इफिसियों 2:6)। यह आनन्द सदा तक बना रहने वाला आनन्द है। 

यीशु के जन्म का सुसमाचार सब लोगों के लिए है।

इस आनन्द के सुसमाचार की अद्भुत बात यह है कि यह सब के लिए है। प्रभु यीशु मसीह के जन्म का सन्देश सबसे पहले चरवाहों के पास पहुँचता है (लूका 2:8)। उस समय के लोग चरवाहों को नीच या तुच्छ मानते थे। जब हम लूका सुसमाचार में पढ़ते हैं, लूका बार-बार इस बात को ज़ोर देता है कि सुसमाचार सभी प्रकार के लोगों के लिए है। उदाहरण के रूप में, सामरियों के लिए, महिलाओं के लिए, चुंगी लेने वालों के लिए और पापिओं के लिए।   

इस आनन्द के सुसमाचार को सबसे पहले किसी प्रसिद्ध व्यक्ति को नहीं बताया गया या सुनाया गया, परन्तु समाज में सबसे निम्न स्तर के लोगों को सुनाया गया। यह इस बात का प्रमाण है कि यीशु के जन्म के आनन्द का सुसमाचार सब लोगों के लिए है – चाहे वे जिस जाति के हों, चाहे जिस वर्ग स्तर के हों, चाहे स्त्री हो या पुरूष, चाहे शिक्षित हो या अशिक्षित हो, चाहे गांव के हो या नगर के, उसने सब के लिए इस संसार में जन्म लिया। 

एक प्रभु के दास ने सही कहा है, सुसमाचार किसी की व्यक्तिगत सम्पति नहीं है, परन्तु ये सार्वजनिक है। पवित्र शास्त्र बाइबल में लिखा है, क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलाैता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करें वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए (यूहन्ना 3:16)। यह विश्वव्यापी सुसमाचार है।

यीशु मसीह के जन्म के प्रति हमारा प्रतिउत्तर

यदि यीशु मसीह सच में आए और उस आनन्द के सुसमाचार को लाए जो सब के लिए है। जो हमारे लिए भी है, तो हम परमेश्वर की महिमा करेंगे। हम लूका 2:14 में देखते हैं यहाँ पर बहुत से स्वर्गदूत परमेश्वर की स्तुति कर रहे हैं। क्योंकि स्वर्गदूतों को मालूम है कि जो बालक उत्पन्न हुआ है वह कोई साधारण बालक नहीं है। वे जानते हैं कि जो बालक जन्मा है वह उद्धारकर्ता और मसीहा है जिसकी लम्बे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी। इसीलिए जब उन चरवाहों ने उस बालक के जन्म के बारे में सुना और देखा तो उन्होंने विश्वास किया और साथ ही साथ परमेश्वर की महिमा भी की (लूका 2:20)। 

चरवाहों ने तो केवल यीशु मसीह के जन्म की घटना को देखकर आनन्द मनाया और परमेश्वर की महिमा की। परन्तु आज हम सब वचन और विश्वास के द्वारा यीशु मसीह के जन्म, मृत्यु और पुनरुत्थान के सत्य को जानते हैं, इसलिए हमारे पास उन चरवाहों से अधिक स्तुति और महिमा करने का कारण है।

यीशु मसीह स्तुति के योग्य है। इस बड़े दिन के अवसर पर यीशु मसीह के उस महान कार्य को स्मरण करें जो कि उसने क्रूस पर किया है। और दूसरों को भी यीशु मसीह के बारे बताएं। याद रखें यह एक वास्तविक घटना है। यह आनन्द का सुसमाचार है। यह सब लोगों के लिए है। वह स्तुति के योग्य है। आइये हम प्रभु यीशु मसीह की स्तुति करें। बड़ा दिन मुबारक हो!

साझा करें
अन्शुमन पाल
अन्शुमन पाल

परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते हैं और प्रभु की सेवा में सम्मिलित हैं।

Articles: 24

Special Offer!

ESV Concise Study Bible

Get the ESV Concise Study Bible for a contribution of only 500 rupees!

Get your Bible