


सुसमाचार निर्मित सम्बन्ध।

सुसमाचारीय जीवन हेतु प्रार्थना आवश्यक है।

परमेश्वर का भय मानने वाले स्वामी।

ख्रीष्टीय विश्वासयोग्य कर्मचारी।

सुसमाचार बच्चों हेतु आज्ञापालन का आधार है।

माता-पिता की आज्ञा पालन करना।

अपनी पत्नियों से प्रेम करें।

पति के प्रति पत्नियों की अधीनता।
छह बिन्दुओं में सुसमाचार का साराँश


सुसमाचार विश्वासियों को विश्वास में दृढ़ और अत्यंत धन्यवादी बनने में समर्थ करता है।
