परमेश्वर क्षमा करता है और फिर भी धर्मी है
दाऊद के व्यभिचार और हत्या करने के बाद नातान नबी उसके पास आकर कहता है, “यहोवा ने तेरे पाप को दूर कर दिया है, तू नहीं मरेगा। फिर भी अपने इस कार्य के द्वारा तू ने यहोवा के शत्रुओं को निन्दा करने का अवसर दिया है। इसलिए तेरा यह पुत्र भी जो उत्पन्न हुआ है, निश्चय मर जाएगा।” (2 शमूएल 12:13-14)
यह तो चौंका देने वाली बात है। ऊरिय्याह मर चुका है। बतशेबा का बालात्कार हो चुका है। बच्चा मर जाएगा। और नातान कहता है “यहोवा ने तेरे पाप को दूर कर दिया है।”
ऐसे ही? दाऊद ने व्यभिचार किया था। उसने हत्या करने का आदेश दिया था। उसने झूठ बोला था। उसने “यहोवा की आज्ञा को तुच्छ जाना” (2 शमूएल 12:9)। उसने परमेश्वर का अनादर किया। किन्तु परमेश्वर ने तो ऐसे ही “[उसका] पाप दूर कर दिया”?!
परमेश्वर किस प्रकार का धर्मी न्यायी है? आप बालात्कार और हत्या और झूठ को अनदेखा नहीं कर सकते हैं। धर्मी न्यायी तो ऐसा नहीं करते हैं।
यह पौलुस के ईश्वरविज्ञानीय संघर्षों में से एक बड़ा संघर्ष था — उन सब से बहुत भिन्न है जिनसे लोग आज संघर्ष करते हैं: परमेश्वर कैसे पापों को क्षमा करते हुए भी धर्मी बना रह सकता है? पौलुस ने जिस बात को रोमियों 3:25-26 में कहा है वह यह है:
[ख्रीष्ट] को परमेश्वर ने उसके लहू में विश्वास के द्वारा प्रायश्चित्त ठहराकर खुल्लमखुल्ला प्रदर्शित किया। यह उसकी धर्मिकता को प्रदर्शित करने के लिए हुआ, क्योंकि परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता में, पहिले किए गए पापों को भुला दिया; यह उसने इसलिए किया कि वर्तमान समय में उसकी धर्मिकता प्रदर्शित हो, कि वह स्वयं ही धर्मी ठहरे और उसका भी धर्मी ठहराने वाला हो जो यीशु पर विश्वास करता है।
दूसरे शब्दों में, जब ऐसा प्रतीत होता है कि परमेश्वर ने दाऊद के पाप को ऐसे ही दूर कर दिया तो इस कारण से हम अपने अन्दर जिस आक्रोश का आभास करते हैं, वह आक्रोश तब अच्छा होता यदि परमेश्वर दाऊद के पाप को मात्र अनदेखा कर रहा होता। परन्तु वह ऐसा नहीं कर रहा है।
परमेश्वर दाऊद के समय से आगे देखता है, शताब्दियों के पश्चात् उसके पुत्र यीशु ख्रीष्ट की मृत्यु को, जो दाऊद के स्थान पर मरा, जिससे कि परमेश्वर की दया और परमेश्वर के भविष्य के छुटकारे के कार्य पर दाऊद का विश्वास दाऊद को ख्रीष्ट के साथ एक कर देता है। और परमेश्वर के सर्वज्ञानी मन में दाऊद के पापों को ख्रीष्ट के पापों के रूप में गिना जाता है और ख्रीष्ट की धार्मिकता को दाऊद की धार्मिकता के रूप में गिना जाता है, और परमेश्वर न्यायपूर्ण रूप से ख्रीष्ट के कारण दाऊद के पापों को भुला देता है।
परमेश्वर के पुत्र की मृत्यु पर्याप्त रूप से चौंका देने वाली है और परमेश्वर की जिस महिमा को वह बनाए रखता है वह पर्याप्त रूप से महान् है, क्योंकि परमेश्वर दाऊद के व्यभिचार और हत्या तथा झूठ के पाप को दूर करने में भी न्यायोचित ठहरता है। और दाऊद के समान ही हमारे पापों को दूर करने में भी।
और इसी प्रकार परमेश्वर अपनी सिद्ध धार्मिकता तथा न्याय को उस समय भी बनाए रखता है जब वह उन पर दया दिखाता है जो ख्रीष्ट पर विश्वास करते हैं। इस बात से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है कि उनके पाप कितने हैं और वे कितने भयानक हैं। यह ऐसा शुभ सन्देश है जो वर्णन से बाहर है।



