हे परमेश्वर, मुझ पर दया कर
हे परमेश्वर, अपनी करुणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर: अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे। (भजन 51:1)
तीन बार। “दया कर,” “अपनी करुणा के अनुसार,” और “अपनी बड़ी दया के अनुसार।”
परमेश्वर ने निर्गमन 34:6-7 में इसी बात की प्रतिज्ञा की थी:
“यहोवा, यहोवा परमेश्वर, दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में धीमा, और करुणा तथा सत्य से भरपूर; हज़ारों पर करुणा करनेवाला; अधर्म, अपराध और पाप क्षमा करनेवाला; फिर भी दोषी को वह किसी भी प्रकार दण्ड दिए बिना नहीं छोड़ेगा।”
दाऊद इस बात को जानता था कि ऐसे दोषी लोग भी हैं जिन्हें क्षमा नहीं किया जाएगा। और ऐसे दोषी लोग भी थे जिन्हें छुटकारे के रहस्यमय कार्य द्वारा दोषी नहीं माना जाएगा, किन्तु उन्हें क्षमा कर दिया जाएगा। भजन 51 दया के उस रहस्य को पकड़े रखने के लिए दाऊद का प्रयास है।
“हे परमेश्वर, अपनी करुणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर, अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे।” छुटकारे के इस रहस्य को जितना दाऊद जानता था हम उससे कहीं अधिक जानते हैं। हम ख्रीष्ट को जानते हैं। किन्तु हम दया को उसी प्रकार पकड़े रहते हैं जिस प्रकार से दाऊद ने उसे पकड़ा था।
वह जो निर्णायक कार्य करता है, वह है असहाय होकर परमेश्वर की दया और प्रेम की ओर मुड़ना। आज इसका अर्थ है असहाय होकर ख्रीष्ट की ओर मुड़ना, जिसका लहू हमें वह सारी दया प्रदान करता है जिसकी हमें आवश्यकता है।



