विश्वास कैसे भलाई की संकल्पों को पूरा करता है इसके तीन उदाहरण

August 13, 2025

 विश्वास कैसे भलाई की संकल्पों को पूरा करता है इसके तीन उदाहरण

इसी उद्देश्य से हम सर्वदा तुम्हारे लिए प्रार्थना भी करते हैं कि हमारा परमेश्वर तुम्हें अपनी बुलाहट के योग्य समझे तथा भलाई की हर एक [संकल्प] को और विश्वास के हर एक कार्य को सामर्थ्य सहित पूरा करे। (2 थिस्सलुकनीकियों 1:11)

जब पौलुस कहता है कि परमेश्वर अपने सामर्थ्य से विश्वास के द्वारा  (वह हमारे कार्यों को “विश्वास के  कार्य” कहता है) हमारे भले संकल्पों को पूरा करता है, तो उसके कहने का अर्थ है कि हम विश्वास से ही पाप को पराजित करते हैं और धार्मिकता के कार्य करते हैं, अर्थात् उन सब बातों से सन्तुष्ट होने के द्वारा जो अगले पाँच मिनट, पाँच महीने, पाँच दशक, और अनन्तकाल के लिए परमेश्वर हमारे लिए ख्रीष्ट में होने की प्रतिज्ञा करता है।

यहाँ तीन उदाहरण हैं कि यह आपके जीवन में कैसे दिख सकता है:

  1. यदि आप अपने मन को त्यागपूर्ण रीति से और उदारता से देने के लिए तैयार करते हैं, तो इस संकल्प को पूरा करने के लिए परमेश्वर की सामर्थ्य आपके पास आएगी क्योंकि आप इस प्रतिज्ञा में उसके भविष्य-के-अनुग्रह पर भरोसा  करते हैं, “मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित ख्रीष्ट यीशु में है तुम्हारी प्रत्येक आवश्यकता पूरी करेगा” (फिलिप्पियों 4:19)। और इस प्रतिज्ञा पर, “जो अधिक बोएगा वह अधिक काटेगा” (2 कुरिन्थियों 9:6)। और इस प्रतिज्ञा पर, “परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है, जिससे कि तुम सदैव, सब बातों में परिपूर्ण रहो, और हर भले कार्य के लिए तुम्हारे पास भरपूरी से हो” (2 कुरिन्थियों 9:8)।
  1. यदि आप अपने मन को अश्लील साहित्य और चलचित्रों को छोड़ने के लिए तैयार करते हैं, तो इस संकल्प को पूरा करने के लिए परमेश्वर की सामर्थ्य आपके पास आएगी क्योंकि आप इस प्रतिज्ञा में उसके भविष्य-के-अनुग्रह पर भरोसा  करते हैं, “धन्य हैं वे जिनके मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे” (मत्ती 5:8)। “तेरे लिए यही उत्तम है कि तेरा एक अंग नाश हो जाए, अपेक्षा इसके कि तेरा सारा शरीर नरक में डाला जाए” (मत्ती 5:29)। बहुत उत्तम। अद्भुत रीति से उत्तम। सर्व सन्तुष्टिदायक रीति से उत्तम।
  1. और यदि आप अपने मन को तैयार करते हैं कि अवसर आने पर आप ख्रीष्ट के लिए बोलेंगे, तो इस संकल्प को पूरा करने के लिए परमेश्वर की सामर्थ्य आपके पास आएगी क्योंकि आप इस प्रतिज्ञा में उसके भविष्य-के-अनुग्रह पर भरोसा  करते हैं, “चिन्तित न होना कि हम क्या और कैसे कहेंगे, क्योंकि जो कुछ तुम्हें कहना है वह उसी घड़ी तुम्हें बता दिया जाएगा” (मत्ती 10:19)।

परमेश्वर ऐसा करे कि परमेश्वर की बहुमूल्य प्रतिज्ञाओं पर हमारा दैनिक विश्वास बढ़े — अर्थात् उसके अटूट, लहू-द्वारा-मोल-लिये-गये, ख्रीष्ट-को महिमा देने वाले भविष्य-के-अनुग्रह की प्रतिज्ञाओं पर।

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जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

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