हम विश्वास के द्वारा आत्मा को अनुभव करते हैं
जो तुम्हें आत्मा प्रदान करता है और तुममें सामर्थ्य के कार्य करता है, क्या वह व्यवस्था के कार्यों से ऐसा करता है या तुम्हारे विश्वास सहित सुनने से? (गलातियों 3:5)
प्रत्येक ख्रीष्टीय के भीतर पवित्र आत्मा वास करता है। प्रेरित पौलुस ने कहा, “यदि किसी में ख्रीष्ट का आत्मा न हो तो वह उसका नहीं है” (रोमियों 8:9)। आत्मा आपके पास तब आया जब आपने पहली बार परमेश्वर की लहू से मोल ली गई प्रतिज्ञाओं पर विश्वास किया। और इसी साधन के द्वारा, आत्मा आता रहता है और कार्य करता रहता है।
इसलिए पौलुस गलातियों 3:5 में आलंकारिक रीति से पूछता है, “जो तुम्हें आत्मा प्रदान करता है और तुममें सामर्थ्य के कार्य करता है, क्या वह व्यवस्था के कार्यों से ऐसा करता है या तुम्हारे विश्वास सहित सुनने से?(गलातियों 3:5)” उत्तर: “विश्वास सहित सुनने से।”
इसलिए, विश्वास ही के माध्यम से आत्मा पहली बार आया, और आत्मा प्रदान किया जाता रहता है। हम में और हमारे द्वारा वह जो कुछ भी करता है, वह विश्वास के द्वारा होता है।
यदि आप मेरे जैसे हैं तो ऐसा हो सकता है कि समय समय पर अपने जीवन में पवित्र आत्मा के सामर्थी कार्य के लिए आप में तीव्र इच्छा उत्पन्न होती हो। सम्भवतः आप परमेश्वर से विनती करते हैं कि आत्मा आपके जीवन या आपके परिवार या आपकी कलीसिया या आपके नगर पर उण्डेला जाए। ऐसी विनतियाँ उचित और भली हैं। यीशु ने कहा, “तुम्हारा स्वर्गीय पिता उनको जो उस से माँगते हैं पवित्र आत्मा क्यों न देगा?” (लूका 11:13)।
परन्तु मैंने अपने जीवन में प्रायः जो पाया है, वह यह है कि मैं परमेश्वर की विशेष प्रतिज्ञाओं पर विश्वास न करने के द्वारा आत्मा के कार्य की सम्पूर्णता के लिए स्वयं को खोलने में विफल होता हूँ। मेरा तात्पर्य केवल उस प्रतिज्ञा से नहीं है कि मेरे माँगने पर आत्मा आएगा। मेरा तात्पर्य उन सभी बहमूल्य प्रतिज्ञाएँ से है जो सीधी रीति से आत्मा के विषय में नहीं हैं परन्तु सम्भवतः मेरे भविष्य के लिए परमेश्वर के प्रावधान के विषय में हैं — उदाहरण के लिए, “मेरा परमेश्वर तुम्हारी प्रत्येक आवश्यकता पूरी करेगा” (फिलिप्पियों 4:19)। परमेश्वर का आत्मा विशेष परिस्थितियों के लिए विशेष प्रतिज्ञाओं पर विशेष विश्वास के कार्यों के द्वारा एक जारी और सामर्थी रीति से प्रदान किया जाता है। क्या मैं अभी भरोसा करता हूँ कि वह अपनी प्रतिज्ञाओं को पूरी करेगा?
बहुत सारे ख्रीष्टियों के अनुभव में इसी बात का अभाव है जब वे अपने जीवन में आत्मा की सामर्थ्य की खोज करते हैं। आत्मा हमें “विश्वास सहित सुनने से” प्रदान किया जाता है (गलातियों 3:5) — केवल आत्मा के बारे में एक या दो प्रतिज्ञाओं पर विश्वास नहीं, परन्तु भविष्य में प्राण को सन्तुष्ट करने वाली परमेश्वर की उपस्थिति के विषय में प्रतिज्ञाओं पर विश्वास कि जो हमारे लिए आवश्यक है परमेश्वर वह बना रहेगा, और वह करेगा।







