अब जो बातें हम कह चुके हैं उनमें मुख्य बात यह है कि हमारा ऐसा महायाजक है, जो स्वर्गों में महामहिमन के सिंहासन के दाहिने विराजमान है। वह उस पवित्र स्थान और सच्चे तम्बू का सेवक बना जिसे मनुष्य ने नहीं, परन्तु प्रभु ने खड़ा किया है। . . . वे केवल स्वर्गीय वस्तुओं के प्रतिरूप और छाया की सेवा उसी प्रकार किया करते हैं, जिस प्रकार मूसा को, जब वह तम्बू खड़ा करने पर था, परमेश्वर की ओर से चेतावनी मिली थी, “देख, जो नमूना तुझे पर्वत पर दिखाया गया था, उसी के अनुसार सब कुछ बनाना।” (इब्रानियों 8:1–2, 5)
हमने इसे पहले देखा है। परन्तु अभी और भी देखना रह गया है। क्रिसमस, छाया को वास्तविक वस्तुओं से प्रतिस्थापित करता है।
इब्रानियों 8:1-2, 5 एक प्रकार का सारांश कथन है। मुख्य बात यह है कि वह जो एक मात्र याजक हमारे और परमेश्वर के बीच मध्यस्थ है, और हमें परमेश्वर के समक्ष सही ठहराता है, और परमेश्वर से हमारे लिए प्रार्थना करता है, वह पुराने नियम के दिनों की नाईं एक साधारण, निर्बल, पापी, नश्वर याजक नहीं है। वह तो परमेश्वर का पुत्र है—सामर्थी, पाप रहित, अविनाशी जीवन के साथ।
इतना ही नहीं, वह पृथ्वी के एक तम्बू में सेवा नहीं कर रहा है जिसका स्थान और लम्बाई-चौड़ाई सीमित होती है, जो पुराना हो जाता है, जिसमें कीड़े लग जाते हैं, जो भीग जाता है, जल जाता है और चोरी हो जाता है। नहीं, इब्रानियों 8:2 कहता है कि ख्रीष्ट हमारे लिए एक “सच्चे तम्बू का सेवक बना जिसे मनुष्य ने नहीं, परन्तु प्रभु ने खड़ा किया है।” यह छाया नहीं है। यह स्वर्ग में वास्तविक वस्तु है। यह वही वास्तविकता है जिसने सीनै पर्वत पर मूसा के समक्ष छाया डाली थी जिससे कि वह उसके अनुसार सब कुछ बना सके।
इब्रानियों 8:1 के अनुसार, वास्तविकता के विषय में एक और बड़ी बात जो छाया से उत्तम है, वह यह है कि हमारा महायाजक स्वर्ग में महामहिमन् के दाहिने हाथ पर विराजमान् है। कोई भी पुराने नियम का याजक कभी भी ऐसा नहीं कह सकता था।
यीशु सीधे परमपिता परमेश्वर के साथ बर्ताव करता है। परमेश्वर के दाहिने हाथ पर उसका सम्माननीय स्थान है। उसे परमेश्वर द्वारा असीमित प्रेम और सम्मान प्राप्त है। वह सदा परमेश्वर के साथ है। यह वैसी वस्तु नहीं है जो वास्तविक होते हुए भी छाया मात्र है, जैसे कि पर्दे और कटोरे और मेज़ और दीवटें और याजकीय वस्त्र और रेशम के गुच्छे और भेड़-बकरियाँ और कबूतर। यह अन्तिम, सर्वश्रेष्ठ वास्तविकता है: परमेश्वर और उसका पुत्र हमारे अनन्त उद्धार के लिए प्रेम और पवित्रता में सहभागिता करते हैं।
सर्वश्रेष्ठ वास्तविकता यह है: परमेश्वरत्व के तीनों व्यक्तियों का आपसी सम्बन्ध, जहाँ वे एक-दूसरे के साथ इस विषय पर बर्ताव करते हैं कि कैसे उनकी महिमा और पवित्रता और प्रेम और न्याय और भलाई और सच्चाई, छुटकारा पाए हुए लोगों में प्रकट होगी।