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स्वयं को प्रचार करें

“हे मेरे प्राण, तू निराश क्यों है? और भीतर ही भीतर तू व्याकुल क्यों? परमेश्वर पर आस लगाए रह —मैं तो उसकी स्तुति करूँगा जो मेरा उद्धारकर्ता, मेरा परमेश्वर है। (भजन 42:11)।

हमें निराशा से लड़ना सीखना चाहिए—अर्थात् हताश आत्मा से। यह लड़ाई भविष्य-के-अनुग्रह के द्वारा विश्वास की लड़ाई है। यह परमेश्वर और उसके द्वारा प्रतिज्ञा किए गए भविष्य के विषय में स्वयं को सत्य का प्रचार करने के द्वारा लड़ी जाती है।

भजन 42 में भजनकार यही करता है। भजनकार अपने व्याकुल प्राण को प्रचार करता है। वह स्वयं को डाँटता है और स्वयं से तर्क-वितर्क करता है। और उसका मुख्य तर्क भविष्य-का-अनुग्रह है: “परमेश्वर में आस लगाए रह! भविष्य में परमेश्वर जो तुम्हारे लिए होगा उस बात पर भरोसा रख। स्तुति करने का दिन आ रहा है। प्रभु की उपस्थिति ही तुम्हारे लिए सब प्रकार की सहायता होगी जिसकी तुम्हें आवश्यकता है। और उसने हमारे साथ सदा-सर्वदा रहने की प्रतिज्ञा की है।”

मार्टिन लॉयड-जोन्स मानते हैं कि परमेश्वर के भविष्य-के-अनुग्रह के विषय में स्वयं को सत्य का प्रचार करने की बात आत्मिक अवसाद (spiritual depression) पर विजय प्राप्त करने में सबसे महत्वपूर्ण है। वे अपनी सहायता प्रदान करने वाली पुस्तक, स्प्रिचुल डिप्रेशन (आत्मिक अवसाद) में लिखते हैं,

क्या आपने समझा है कि जीवन में आपकी अधिकाँश अप्रसन्नता इस तथ्य के कारण है कि आप स्वयं से बात करने के स्थान पर स्वयं की सुन रहे हैं? उन विचारों को लें जो आपके पास प्रातःकाल उठते ही आते हैं। आपने उन्हें उत्पन्न नहीं किया है, परन्तु वे आपसे बात करना आरम्भ कर देते हैं, वे कल की समस्याओं को पुनः ले आते हैं, और ऐसी ही अन्य बातों को भी। कोई तो बात कर रहा है। … आपका स्वयं (self) आपसे बात कर रहा है। अब इस व्यक्ति का उपचार [भजन 42 में] यह था: इस स्वयं को उससे बात करने की अनुमति देने के स्थान पर, वह स्वयं से बात करना आरम्भ कर देता है। “हे मेरे प्राण, तू निराश क्यों है?” वह पूछता है। उसका प्राण उसे निराश कर रहा था, उसे कुचल रहा था। तो वह खड़ा हो जाता है और कहता है, “हे प्राण, एक क्षण के लिए सुनो। मैं तुझसे बात करूँगा।” (20-21)

निराशा के विरुद्ध लड़ाई परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं पर विश्वास करने की लड़ाई है। और परमेश्वर के भविष्य-के-अनुग्रह पर विश्वास, वचन को सुनने से आता है। और इसलिए स्वयं को परमेश्वर के वचन का प्रचार करना इस युद्ध के केंद्र में है।

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जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

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