सम्पूर्ण सृष्टि का शासक
निर्णय के लिए चिट्ठियाँ तो डाली जाती हैं, परन्तु उसका परिणाम यहोवा की ओर से होता है। (नीतिवचन 16:33)
आज के सन्दर्भ में हम इसको इस प्रकार कहेंगे, “पासा मेज़ पर डाल दिया गया है, और हर चाल परमेश्वर के द्वारा निर्धारित होती है।”
दूसरे शब्दों में, कोई भी घटना इतनी छोटी नहीं है कि परमेश्वर अपने स्वयं के उद्देश्यों के लिए उस पर शासन न करे। “क्या एक पैसे में दो गौरैएँ नहीं बिकतीं?” यीशु ने कहा। “फिर भी तुम्हारे पिता की इच्छा के बिना उनमें से एक भी भूमि पर नहीं गिर सकती। तुम्हारे सिर के बाल तक भी गिने हुए हैं” (मत्ती 10:29-30)।
प्रत्येक पासा जो लास वेगस में फेका जाता है, प्रत्येक छोटी सी छोटी चिड़िया जो हजारों जंगलों में गिरकर मरती हैं — यह सब परमेश्वर की आज्ञानुसार ही होता है।
योना की पुस्तक में, परमेश्वर एक महामच्छ को आदेश देता है कि वह एक मनुष्य को निगल जाए (1:17), वह छाँव देने के लिए एक पौधे को बढ़ने की आज्ञा देता है (4:6), और वह पौधे को काटने हेतु एक कीड़े को आज्ञा देता है जिससे कि पौधा सूख जाए (4:7)।
और मच्छ और कीड़ों के जीवन से कहीं बढ़कर, तारे अपना स्थान परमेश्वर की आज्ञा पर लेते हैं और परमेश्वर की ही आज्ञा से उस स्थान पर बने रहते हैं।
अपनी आँखें उठाकर देखो कि किसने इन तारागणों की सृष्टि की है, कौन उनके गणों में से एक-एक की अगुवाई करता, और उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है। उसके विशाल सामर्थ्य और उसकी महाशक्ति के कारण उनमें से एक भी न छूटेगा। (यशायाह 40:26)
इससे भी बढ़कर, इस संसार की प्राकृतिक घटनाएँ उसके नियन्त्रण में हैं — अर्थात् मौसम से लेकर आपदा तक और बीमारी से लेकर विकलांगता और मृत्यु तक।
वह अपने नियम को लागू करता है;
सितारे अपने मार्गों पर
और सूरज अपनी ही परिक्रमा पर आज्ञा पालन करते हुए चमकता है;
पर्वत और पहाड़,
नदियाँ और झरनें,
सागर की गहराईयाँ
इस बात की घोषणा करती हैं कि वह परमेश्वर है।
(कैथरीन डेविस के द्वारा, “लेट ऑल थिंग्ज़ नाउ लिविंग”)
तो आइए हम विस्मित खड़े हों और शान्ति से रहें, इस बात को जानते हुए कि कोई भी प्राकृतिक घटना परमेश्वर की बुद्धि और उसके भले उद्देश्यों और उसके पूर्ण नियन्त्रण से बाहर नहीं है।



