


भजन संहिता 64:1-10 परमेश्वर न्यायी-राजा है इसलिए छुटकारे के लिए उसकी शरण में आओ।

परमेश्वर ही हमारी सबसे बड़ी आवश्यकता है, इसलिए सबसे अधिक उसकी लालसा करो।

सुसमाचार माँग करता है कि हम पवित्रता और ईश्वरभक्ति का जीवन जीएँ।

सामर्थी परमेश्वर हमारा शरणस्थान है, इसलिए संकट के समय परमेश्वर ही पर सम्पूर्ण भरोसा रखो।

एक विश्वासी का स्वामी परमेश्वर होगा, धन नहीं।

आप जितनी अच्छी रीति से परमेश्वर के वचन को सुनेंगे, उतना ही अधिक परमेश्वर आप में फल उत्पन्न करेगा।

सुसमाचार बोने और काटने हेतु सहभागी होने में आनन्दित हों।

सुसमाचार माँग करता है कि हम अपनी देह में बचे हुए पाप को घात करें।

सुसमाचार स्वर्ग की ओर देखने व भावी महिमा हेतु लालायित होने में सहायता करता है।

सुसमाचार हमें समन्वयवाद, विधिवाद एवं वैराग्यवाद से स्वतन्त्र करता है।
