January 20, 2022

एक विश्वासी का “ख्रीष्ट में” होने का क्या अर्थ है?

मैं ख्रीष्ट के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूँ। अब मैं जीवित नहीं रहा, परन्तु ख्रीष्ट मुझ में जीवित है, और अब मैं जो शरीर में जीवित हूँ, तो केवल उस विश्वास से जीवित हूँ, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिसने मुझ से प्रेम किया और मेरे लिए अपने आप को दे दिया।
(गलातियों 2:20)

“ख्रीष्ट से मिलन” या “ख्रीष्ट में” पाया जाना हम विश्वासियों के उद्धार का केन्द्र बिन्दु है। यह दिखाता है कि हमारा सम्बन्ध ख्रीष्ट से है और परमेश्वर ने अपने पुत्र प्रभु ख्रीष्ट के द्वारा हमें हमारे पापों से बचाया है। इस बात को और अधिक संक्षिप्त में जानने के लिए हम दो बातों पर विचार करेंगे कि एक विश्वासी का “ख्रीष्ट में” होने का क्या अर्थ है?

1. ख्रीष्ट में होने का अर्थ है कि परमेश्वर ने हमें अनन्त काल पूर्व से “ख्रीष्ट में” चुन लिया।
पौलुस इफिसियों 1:4 में कहता है कि “परमेश्वर पिता ने जगत की उत्पत्ति से पूर्व हमें ख्रीष्ट में चुन लिया कि उसके समक्ष प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों।” परमेश्वर ने हमें उस समय ख्रीष्ट में चुन लिया जब हमारा इस संसार में कोई अस्तित्व ही नहीं था। यद्यपि हम अस्तित्व में नहीं थे, परन्तु हम परमेश्वर द्वारा उद्धार की योजना में थे। ऐसा नहीं है कि परमेश्वर ने पहले हमें चुना और फिर बाद में हमें ख्रीष्ट के साथ एक होने का निर्णय लिया, परन्तु इसके विपरीत परमेश्वर ने चुनाव के समय ही एक विशेष रीति से अर्थात “ख्रीष्ट में” होने के रूप में जोड़ दिया जिससे कि हमारा उद्धार हो। यह हमारे और आपके लिए अति आनन्दित करने वाली बात है कि परमेश्वर ने हमें उस समय ख्रीष्ट में चुन लिया है जब हमारा कोई अस्तित्व नहीं था। परमेश्वर जो संसार का सृष्टिकर्ता है और उसकी बुद्धि और ज्ञान अगम्य है वह सम्पूर्ण संसार के भूतकाल, वर्तमानकाल तथा भविष्य को जानता है। और इसी ज्ञान में होकर परमेश्वर ने हमें ख्रीष्ट में चुन लिया ताकि हमारा उद्धार हो। यह दिखाता है कि परमेश्वर कितना दयालु और प्रेमी है। 

यह हमारे और आपके लिए अति आनन्दित करने वाली बात है कि परमेश्वर ने हमें उस समय ख्रीष्ट में चुन लिया है जब हमारा कोई अस्तित्व नहीं था।

न केवल परमेश्वर ने हमें ख्रीष्ट में चुना है परन्तु उसने हमें ख्रीष्ट में पापों की क्षमा भी दी है। पौलुस इफिसियों 1:6 में कहता है कि “उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो जिसे उसने हमें उस अति प्रिय में सेंतमेंत में दिया।” परमेश्वर ने यीशु ख्रीष्ट के द्वारा हम पर अनुग्रह किया है। यदि परमेश्वर अपने पुत्र को इस संसार में नहीं भेजता तो हम अनुग्रह से वंचित हो जाते। बाइबल इस बात को बार-बार बताती है कि बिना यीशु ख्रीष्ट के हमारे पास पापों की क्षमा नहीं है। यीशु ख्रीष्ट हमारे और आपके  लिए इस संसार में मानव रूप देहधारण करके आ गया और उसने सिद्ध जीवन जीया। और हमारे लिए अपने आप को क्रूस पर बलिदान कर दिया तथा मृतको में से तीसरे दिन जी उठा। जब हम सुसमाचार पर विश्वास पर करते हैं तो हमारा मिलन यीशु ख्रीष्ट से हो जाता है। इसलिए यदि हम और आप यीशु ख्रीष्ट पर विश्वास करते हैं तो हमारे पास इन बातों का आश्वासन है कि परमेश्वर ने हम पर अनुग्रह किया है और ख्रीष्ट में हमारे पास पापों की क्षमा है, अनन्त जीवन है। 

2. ख्रीष्ट में होने का अर्थ है कि हम ख्रीष्ट के साथ मर गए, गाड़े गए तथा उसके साथ जी भी उठे। 
एक विश्वासी का ख्रीष्ट में होने का दूसरा अर्थ यह है कि हम प्रभु यीशु की मृत्यु और उसके जी उठने में सहभागी हुए हैं। जब हम अपने अपराधों और पापों में मृतक थे तो परमेश्वर ने हमें ख्रीष्ट के साथ जीवित किया है। उसने हमारे मृतक हृदय को जीवित किया ताकि हम उसके अनुग्रह को जान सकें और उसके पुत्र पर विश्वास कर सकें। जब हम सुसमाचार पर विश्वास करने के पश्चात् बपतिस्मा लेते समय जब हम पानी में अन्दर जाते हैं, तो उस समय हम इस बात को प्रदर्शित करते हैं कि हम ख्रीष्ट के साथ मर गए अर्थात ख्रीष्ट के साथ क्रूस पर चढ़ाए गए हैं। और जब पानी से बाहर आते हैं तो हम दिखाते हैं कि ख्रीष्ट के साथ हम जी उठे हैं। और अब हम जो शरीर में जीवित हैं तो हम उस विश्वास के द्वारा जीवित हैं जो ख्रीष्ट ने हमारे लिए किया अर्थात् उसने हमसे इतना प्रेम किया कि उसने हमारे लिए स्वर्ग को छोड़कर पापी संसार में आ गया। और हमारे लिए अपना लहू बहा दिया जिससे कि उसके लहू के द्वारा हमारे असंख्य पाप क्षमा हो सकें। 

यह सत्य न केवल हमें इस बात का अश्वासन देता है कि ख्रीष्ट के द्वारा हमारे पास पापों की क्षमा है परन्तु यह सत्य दिन प्रतिदिन हमें परमेश्वर के लिए जीवन जीने के लिए सामर्थ्य भी देता है। पौलुस गलातियों 2:20 में कहता है कि “अब मैं जीवित नहीं रहा, परन्तु ख्रीष्ट मुझ में जीवित है” ख्रीष्ट का हम में जीवित रहना इस बात को दिखाता है कि अब हमारा जीवन हमारा नहीं है, परन्तु ख्रीष्ट का है। इसलिए अब हम ख्रीष्ट के लिए जीएंगे। हम जिन पापों के लिए ख्रीष्ट के साथ मर गए तथा जी उठे, उन पापों में हम अब जीवन नहीं जीएंगे परन्तु ख्रीष्ट में एक होने के कारण ख्रीष्ट के लिए जीवन व्यतीत करेंगे।

हमारी पहचान अब हमारे प्रभु यीशु ख्रीष्ट में पायी जाती है इसलिए अवश्य है कि हम ख्रीष्ट के अनुसार जीवन व्यतीत करें। हमारा प्रभु यीशु ख्रीष्ट पवित्र परमेश्वर है और वह अपने लोगों से मांग करता है कि वे पवित्र जीवन जींए, संसार की अभिलाषाओं को त्याग कर ख्रीष्ट में प्राप्त होने वाले आशा अनन्त आशा में मन लगाएं। यदि हम ऐसा करते हैं तो हम इस बात को अपने जीवन से प्रदर्शित करते हैं कि हम ख्रीष्ट में एक किए गए हैं और ख्रीष्ट हम में वास करता है। 

तो आइए क्यों न हम इस सत्य पर विश्वास करें और इस सत्य के अनुसार परमेश्वर की महिमा के लिए जीवन जीएं।

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अमित मोज़ेज
अमित मोज़ेज

परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते हैं और मार्ग सत्य जीवन के साथ सेवा करते हैं।

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