परमेश्वर ने दाऊद से जो प्रतिज्ञाएँ की थीं उससे कौन लाभान्वित होगा?
यहाँ फिर से भजन 132:17-18 है: “वहाँ मैं दाऊद का एक सींग उगाऊँगा; मैंने अपने अभिषिक्त के लिए एक दीपक तैयार किया है। उसके शत्रुओं को तो मैं लज्जा का वस्त्र पहनाऊँगा; परन्तु उस पर उसी का मुकुट शोभायमान होगा।”
अब यशायाह 55:1-3 को इन पदों से जोड़ें, “ हे सब प्यासे लोगों, पानी के पास आओ! और जिनके पास रुपया न हो, तुम भी आकर मोल लो और खाओ! . . . और मैं दाऊद पर की गई अटल करुणा के अनुसार तुम्हारे साथ सदा की वाचा बाँधूँगा।”
क्रूस के इस ओर से, मैं इस प्रतिज्ञा को इस रीति से अपने शब्दों में कहूँगा: परमेश्वर उसके साथ उस वाचा को बाँधेगा जो कोई परमेश्वर के पास उसके पुत्र यीशु ख्रीष्ट के द्वारा उस प्यास के साथ आता है कि परमेश्वर हमारे लिए ख्रीष्ट में क्या है, न कि इस बात पर निर्भर होते हुए कि हम कौन हैं या हम क्या करते हैं।
स्मरण कीजिए कि बाइबल किस बात के साथ प्रकाशितवाक्य 22:17 में अन्त होती है? “जो प्यासा है, वह आए। जो चाहता है, वह जीवन का जल बिना मूल्य ले।” ये केवल यशायाह के दिनों के यहूदी नहीं हैं। यह वह है जो अपनी आत्मा की प्यास बुझाने के लिए ख्रीष्ट के पास आता है। “मैं [उसके साथ] सदा की वाचा बाँधूँगा!”
कौन सी वाचा? वह वाचा जिसे परमेश्वर द्वारा “दाऊद पर की गई अटल करुणा के अनुसार” निश्चित और सुरक्षित किया गया है। यशायाह 55:3 में, “मैं दाऊद पर की गई अटल करुणा के अनुसार तुम्हारे साथ सदा की वाचा बाँधूँगा।” मैं इस वाचा का अर्थ यह समझता हूँ कि मैं दाऊदीय वाचा में सम्मिलित हूँ। जो दाऊद को प्राप्त होता है, वह मुझे ख्रीष्ट यीशु में प्राप्त होता है।
और उस वाचा में क्या सम्मिलित होगा?
मेरे लिए एक सींग उगेगा। अर्थात्, एक बड़ी शक्ति मेरे लिए लड़ेगी और मेरी रक्षा करेगी। मेरे लिए परमेश्वर द्वारा निर्मित दीपक होगा। अर्थात् दीपक का प्रकाश मुझे घेर लेगा और अन्धकार मुझ पर विजयी न होगा। वहाँ मेरे लिए एक मुकुट होगा। अर्थात् मैं दाऊद के पुत्र के साथ राज्य करूँगा, और उसके साथ उसके सिहांसन पर बैठूँगा। “जो जय पाए उसे मैं अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठने दूँगा” (प्रकाशितवाक्य 3:21)।
यह आश्चर्यजनक बात है कि हम उस प्रतिज्ञा से लाभान्वित होंगे जो परमेश्वर ने दाऊद से की थी। परमेश्वर चाहता है कि हम आश्चर्यचकित हों। हमारे लिए उसका अभिप्राय यह है कि हम अपने शान्त मनन के समय को जब पूर्ण करें तो हम उस सामर्थ्य और अधिकार और निश्चयता से चकित हों जिसके द्वारा परमेश्वर ने हमसे प्रेम किया है।