सेवा करने के लिए आपको क्या प्रेरित करता है?
क्योंकि जो अपने शरीर के लिए बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; परन्तु जो पवित्र आत्मा के लिए बोता है, वह पवित्र आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। (गलातियों 6:8)
विश्वास में परमेश्वर के अनुग्रह का यथासम्भव अनुभव करने की एक अतृप्त भूख होती है। इसलिए, विश्वास उस नदी की ओर बढ़ता है जहाँ परमेश्वर का अनुग्रह सबसे अधिक मुक्त रूप से बहता है, अर्थात् प्रेम की नदी की ओर।
कौन सी अन्य बात हमें अपने सुखदायक जीवन शैली से बाहर ले जाएगी कि हम उन असुविधाओं और पीड़ाओं को अपने ऊपर ले सकें जिनकी माँग प्रेम करता है?
हमें क्या प्रेरित करेगा . . .
- कि हम जब संकोच कर रहे हों तब भी नए लोगों का अभिवादन करें?
- कि हम जब क्रुद्ध हों तब भी अपने शत्रु के पास जाएँ और उनसे मेल मिलाप के लिए विनती करें?
- कि हमने जब पहले कभी न दिया हो तब दसवाँश दें?
- कि हम जब डरपोक हों तब भी अपने सहकर्मियों से ख्रीष्ट के विषय में बात करें?
- कि हम अपने पड़ोसी को बाइबल अध्ययन के लिए आमन्त्रित करें?
- कि हम सुसमाचार को दूसरी संस्कृति में लेकर जाएँ?
- कि हम पियक्कड़ लोगों के मध्य नई सेवकाई का आरम्भ करें?
- कि हम अपनी गाड़ी के द्वारा दूसरों की सहायता करें?
- कि हम प्रातःकाल को जागृति हेतु प्रार्थना में समय व्यतीत करें?
प्रेम के इन मूल्यवान कृत्यों में से कोई भी कार्य स्वतः नहीं हो जाते हैं। ये सब कार्य एक नई भूख से प्रेरित होते हैं — अर्थात् परमेश्वर के अनुग्रह के पूर्ण अनुभव के लिए विश्वास की भूख। हम और अधिक परमेश्वर को चाहते हैं। और हम इसे अपनी व्यक्तिगत, शान्ति-पूर्ण सुरक्षा और सुख से भी अधिक चाहते हैं।
विश्वास को यह भाता है की वह परमेश्वर पर निर्भर हो और उसे हम में आश्चर्यकर्म करते हुए देखे। इसलिए, विश्वास हमें उस प्रवाह में धकेलता है जहाँ परमेश्वर का भविष्य-का-अनुग्रह सबसे अधिक मुक्त रूप में बहता है — अर्थात् प्रेम के प्रवाह में।
मेरे विचार से पौलुस का यही तात्पर्य था जब उसने कहा कि हमें पवित्र आत्मा के लिए बोना है (गलातियों 6:8)। विश्वास के द्वारा, हमें अपनी शक्ति के बीजों को उस भूमि में डालना चाहिए जहाँ हम जानते हैं कि आत्मा फल देने के लिए कार्य कर रहा है — अर्थात् प्रेम की भूमि में।







