कठिन आज्ञाओं का पालन करने के लिए आशा

“जो जीवन की अभिलाषा रखता है, और अच्छे दिन देखना चाहता है . . . वह दुष्टता से फिर कर भलाई करे।” (1 पतरस 3:10-11)

हम यीशु की आज्ञाओं का उल्लंघन क्यों करते हैं, इस बात का केवल एक ही मौलिक कारण है: और वह कारण यह है क्योंकि हमें हृदय से विश्वास नहीं होता है कि अनाज्ञाकारिता की अपेक्षा आज्ञा मानने से हमें अधिक आशिष मिलेगी। हम परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं में पूरी रीति से आशा नहीं रखते हैं।

उसने क्या प्रतिज्ञा की? पतरस यीशु की शिक्षाओं को इस प्रकार से आगे बढ़ाता है:

बुराई का बदला बुराई से न दो, न गाली के बदले गाली दो, पर आशिष ही दो, क्योंकि तुम इसी अभिप्राय से बुलाए गए हो कि उत्तरधिकार में आशीष प्राप्त करो। क्योंकि “जो जीवन की अभिलाषा रखता है, और अच्छे दिन देखना चाहता है. . . वह दुष्टता से फिर कर भलाई करे।” (1 पतरस 3:9-11)

पतरस, यीशु का अनुकरण करते हुए, महान् आनन्द की प्रतिज्ञा के साथ कठिन आज्ञाओं के पालन करने के लिए प्रेरित करने में लजाता नहीं है — जैसे कि दुष्टता के बदले दुष्टता न करना। “गाली के बदले गाली न दो . . . कि तुम आशिष प्राप्त करो!” क्या आप अनन्तकाल के जीवन का आनन्द उठाना चाहते हैं? दुष्टता से दूर रहिए! सम्पूर्ण अनन्तकाल का आनन्द आपकी प्रतीक्षा कर रहा है! क्या यह प्रतिफल पर्याप्त नहीं है कि आप अभी प्रतिशोध के सुख को त्यागें?

आपके लिए यीशु की आज्ञाओं को न मानने से अधिक उनको मानना सर्वदा अच्छा होगा, भले ही उस आज्ञाकारिता के कारण आपको अपने जीवन की हानि ही क्यों न उठानी पड़े। यीशु ने कहा,

मैं तुम से सच सच कहता हूँ, ऐसा कोई नहीं जिसने मेरे और सुसमाचार के कारण घर या भाइयों या बहिनों, या माता या पिता या बच्चों या खेतों को छोड़ दिया हो, और वह वर्तमान समय में सौ गुना अधिक न पाए . . . पर सताव के साथ, तथा आने वाले युग में अनन्त जीवन। (मरकुस 10:29-30)

प्रेम के कठिन मार्ग से होकर ख्रीष्ट का अनुकरण करने की सामर्थ्य प्राप्त करने का एकमात्र उपाय है आशा में भरपूर होना, इस दृढ़ता के साथ कि यदि हम उसकी इच्छा पूरी करते हुए अपने जीवन को गँवा देते हैं, तो हम उसे पुनः प्राप्त करेंगे और अनन्तकाल के लिए भरपूरी का प्रतिफल पाएँगे।

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जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

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