बचाने वाला विश्वास क्षमा से प्रेम करता है

एक दूसरे के प्रति दयालु और करुणामय बनो, और परमेश्वर ने ख्रीष्ट में जैसे तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो। (इफिसियों 4:32)

बचाने वाले विश्वास का अर्थ केवल यह विश्वास करना नहीं है कि आपको क्षमा कर दिया गया है। बचाने वाला विश्वास पाप के घिनौनेपन को देखता है, और फिर परमेश्वर की पवित्रता को देखता है, और आत्मिक रूप से समझता है कि परमेश्वर द्वारा क्षमा किया जाना अवर्णनीय रीति से महिमामय और सुन्दर है। हम केवल इसे स्वीकार ही नहीं करते हैं; हम इसकी सराहना करते हैं। हम इसे महान्, क्षमा करने वाले परमेश्वर के साथ अपनी नई मित्रता में सन्तुष्ट होते हैं।

परमेश्वर द्वारा क्षमा किए जाने पर विश्वास करने का अर्थ केवल यह आभास करना नहीं है कि मुझे छोड़ दिया गया है। इसका अर्थ इस सत्य का रसास्वादन करना है कि एक क्षमा करने वाला परमेश्वर सम्पूर्ण विश्व की सर्वाधिक मूल्यवान वास्तविकता है। बचाने वाला विश्वास परमेश्वर द्वारा क्षमा किए जाने  को संजोता है, और वहाँ से यह उस परमेश्वर  को संजोने की ओर बढ़ता है जो क्षमा करता है — और उस सब को जो परमेश्वर हमारे लिए यीशु में है। हमें क्षमा करने वाले लोग बनने में इस अनुभव का एक बड़ा प्रभाव पड़ता है।

हमारी क्षमा को मोल लेने  का महान् कार्य भूतकाल में हो गया — ख्रीष्ट के क्रूस पर। इस प्रकार पीछे की ओर देखने के द्वारा, हम उस अनुग्रह के विषय में सीखते हैं जिसमें हम सदा के लिए बने रहेंगे (रोमियों 5:2)। हम सीखते हैं कि हम अभी प्रिय और ग्रहण किए गए लोग हैं, और सदा के लिए, प्रिय और ग्रहण किए गए लोग होंगे। हम सीखते हैं कि जीवित परमेश्वर एक क्षमा करने वाला परमेश्वर है।

परन्तु हमारी क्षमा को अनुभव करने  का महान् कार्य भविष्य में सर्वदा के लिए चलता रहता है। क्षमा करने वाले महान् परमेश्वर के साथ हमारी आनन्दपूर्ण संगति सर्वदा के लिए बनी रहती है। इसीलिए, क्षमा हेतु स्वतन्त्रता, जो कि क्षमा करने वाले परमेश्वर के साथ सन्तोषदायक संगति से प्रवाहित होती है, तब तक बनी रहती है जब तक हम बने रहेंगे।

मैंने सीखा है कि यदि आपके विश्वास का अर्थ केवल यह है कि आपने क्रूस की ओर पलटकर देखा है और यह  निष्कर्ष निकाला है कि आपको छोड़ दिया गया है तो आपके मन में द्वेष बना रहना सम्भव है। इस कारण ही मैं इसकी गहराई में जाने के लिए विवश हो गया हूँ कि सच्चा विश्वास है क्या — केवल इस बात के लिए शान्ति नहीं कि मुझे छोड़ दिया गया है, परन्तु इस बात में एक बड़ी सन्तुष्टि कि ख्रीष्ट में परमेश्वर मेरे लिए क्या है। यह विश्वास केवल यह देखने के लिए पीछे पलटकर नहीं देखता है कि हमें छोड़ दिया गया है, परन्तु उस परमेश्वर का रसास्वादन करने के लिए भी पीछे पलटकर देखता है जो हमें अपने साथ संगति में अनन्त मेल-मिलाप का भविष्य प्रदान करता है। क्षमा करने वाले लोग बनने के लिए हमारा ऐसे क्षमा करने वाले परमेश्वर के साथ सन्तुष्ट संगति मे बने रहना महत्वपूर्ण है।

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जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

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