क्षमा का प्रक्रिया-चक्र

February 2, 2025

क्षमा का प्रक्रिया-चक्र

हमारे पापों को क्षमा कर, क्योंकि हम भी अपने प्रत्येक अपराधी को क्षमा करते हैं, और हमें परीक्षा में न पड़ने दे।” (लूका 11:4)

कौन किसको पहले हो कर क्षमा करता है?

  • एक ओर यीशु कहता है, “हमारे पापों को क्षमा कर, क्योंकि हम भी अपने प्रत्येक अपराधी को क्षमा करते हैं।” (लूका 11:4)
  • दूसरी ओर, पौलुस  कहता है, “जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।” (कुलुस्सियों 3:13)

जब यीशु हमें प्रार्थना करना सिखाता है कि परमेश्वर हमें क्षमा करे क्योंकि, “हम स्वयं क्षमा करते हैं,” तो वह यह नहीं कह रहा है कि क्षमा करने में हम पहल करते हैं। परन्तु इसका अर्थ यह है कि: जब हमने ख्रीष्ट पर विश्वास किया है तब परमेश्वर ने हमें क्षमा किया (प्रेरितों के काम 10:43)। इसके पश्चात् ही क्षमा किए जाने के इस टूटे हुए मन किन्तु हर्षित, आभारी और आशापूर्ण अनुभव के कारण ही हम एक दूसरों को क्षमा प्रदान करते हैं। 

क्षमा की यह आत्मा दर्शाती है कि हम उद्धार के लिए क्षमा किए गए हैं। अर्थात् हमारा दूसरों को क्षमा करना इस बात को प्रकट करता है कि हम में विश्वास पाया जाता है; हम ख्रीष्ट के साथ एक हैं; हम में अनुग्रहकारी एवं नम्र पवित्र आत्मा वास करता है। 

परन्तु हम अभी भी पाप करते हैं (1 यूहन्ना 1:8,10)। इसलिए ख्रीष्ट ने हमारे स्थान पर जो कार्य किया है उसके पुनः लागूकरण के लिए हम अभी भी परमेश्वर की ओर आते हैं — अर्थात् क्षमा के पुनः लागूकरण के लिए। 

यदि हम अक्षमाशील आत्मा को बनाए रखते हैं तो हम इस कार्य को किसी भी साहस के साथ नहीं कर सकते हैं। (मत्ती 18:23–35 में निर्दयी सेवक के दृष्टान्त को स्मरण कीजिए। उसने अपने संगी दास को क्षमा करने से अस्वीकार कर दिया जो उसके 10 रुपया का ऋणी था, यद्यपि उसका करोड़ों रुपया क्षमा कर दिया गया था। उसने अपने न क्षमा करने वाले हृदय से दर्शाया कि राजा की दया ने उसको परिवर्तित नहीं किया था।) 

यीशु हमें इस मूर्खता से बचाने के लिए प्रार्थना करने की शिक्षा देता है, “हमारे पापों को क्षमा कर, क्योंकि हम भी अपने प्रत्येक अपराधी को क्षमा करते हैं” (लूका 11:4)। इसी कारण यीशु कहता है कि हम क्षमा इसलिए माँगते हैं क्योंकि  हम क्षमा करने वाले लोग हैं। 

यह इस रीति से कहने जैसा है, “पिता, ख्रीष्ट के द्वारा मोल ली गयी दया में मुझे बनाए रखिए, क्योंकि इसी दया के द्वारा मैं क्षमा किया गया हूँ, और मैं प्रतिशोध को त्यागता हूँ और जो दया आपने मुझ पर की है उसी दया को मैं लोगों के प्रति करूँगा।”

परमेश्वर करे कि आज आप उसकी क्षमा को एक नवीन रीति से जानें, और वह अनुग्रह आपके हृदय में दूसरों के प्रति क्षमा के रूप में उमड़ पड़े। और अनुग्रह का मधुर अनुभव आपके जीवन में अतिरिक्त आश्वासन दे कि जब आप परमेश्वर के पास नवीन, लहू-द्वारा-मोल लिए हुए क्षमा का अनुभव करने जाते हैं, तो आप जानेंगे कि वह आपको क्षमा प्राप्त तथा क्षमा प्रदान करने वाले अपनी सन्तान के नाई देखता है। 

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जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

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