Profit Gain AI Profit Method AI Crypto Core Profit

एकमात्र सत्य मार्ग जो जीवन की ओर ले जाता है।

बहुत से लोग परमेश्वर तक पहुंचने का सच्चा मार्ग जानना चाहते हैं। जैसा कि परमेश्वर एक ही है, इसलिए स्वर्ग जाने का मार्ग भी मात्र एक ही है। तो अन्ततोगत्वा वह मार्ग क्या है? इस लेख में उस सच्चे मार्ग के विषय में बात करेंगे।

हमारे समाज के लोग यह कहेंगे कि “मार्ग अनेक हैं, पर मन्ज़िल एक है”। मैं आपको बताना चाहूंगा कि ऐसा कदापि नहीं है।

सच्चा मार्ग कौन सा है – मनुष्य अपने आप नहीं ढ़ूंढ़ सकता था, जब तक परमेश्वर ही न उसे प्रकट करता। परमेश्वर तक पहुंचने का मार्ग, स्वर्ग का मार्ग तो केवल परमेश्वर ही बता सकता है। मनुष्य जाति तो केवल मानवीय विचारों व सोच के द्वारा जनित मार्ग के पीछे भाग रही है। सबने अपना-अपना मार्ग ले लिया है और उसी के पीछे चले जा रहे हैं, जिसका परिणाम अनन्त विनाश है।

इसलिए प्रिय भाई-बहनो, मैं उस सच्चे मार्ग से अवगत कराना चाहूँगा जिसे हमारे प्रभु यीशु ख्रीष्ट ने हमारे लिए प्रकट कर दिया है। बाइबल हमें बताती है कि यीशु ही परमेश्वर के पास जाने का एकमात्र मार्ग है। हम यह कैसे कह सकते हैं?

हम इस बात का आरम्भ कम से कम एक आधारभूत सत्य के साथ करते हैं कि यीशु परमेश्वर तक पहुंचने का एकमात्र मार्ग है। क्या यीशु झूठा नबी था या सच्चा नबी था? क्या वह विश्वासयोग्य, सच्चा जन था या झूठा जन था? इस बात पर सब मत के लोग निश्चित रूप से कहेंगे कि वह एक अच्छा और सच्चा जन था। वह एक सच्चा नबी था।

यदि यह वह सच्चा नबी, सच्चा जन था तो उसने (यीशु ने) जो अपने विषय में कहा था वह सही है। वह सत्य है। क्योंकि जब यीशु के एक शिष्य थोमा ने यीशु से कहा, हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू कहां जा रहा है, तो मार्ग कैसे जानें? यीशु ने उस से कहा, “मार्ग, सत्य, और जीवन मैं ही हूँ। बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।” (यूहन्ना 14:5-6)।

यीशु के द्वारा की गई यह घोषणा संसार की दृष्टि में एक मानवीय रीति से असत्याभासी (वह बात जो कि वास्तव में सत्य हो परन्तु देखने व सुनने में असत्य जान पड़ती हो) प्रतीत हो सकती है। क्योंकि यीशु जो इस बात की घोषणा कर रहा है, वह क्रूस पर मर जाएगा। तो वह कैसे परमेश्वर तक पहुंचने का मार्ग हो सकता है? क्योंकि यीशु का मार्ग क्रूस होगा; उसे लोगों के द्वारा दोषी ठहराया जाएगा, उसकी देह शीघ्र ही एक कब्र में मृतक पड़ी होगी।

यीशु ही परमेश्वर की ओर से दिया गया सच्चा एकमात्र मार्ग है। उसने जानबूझ कर परमेश्वर की अनन्त योजना के अन्तर्गत क्रूस के मार्ग को लिया, जो परमेश्वर का मार्ग है, जो मार्ग दुखों में से होकर महिमा की ओर जाता है। यीशु फंस नहीं गए थे, परन्तु वह स्वयं उस क्रूस के मार्ग पर चलते हुए अपने प्राण को देना चाहता था, इसलिए वह हमारे लिए मारा गया, गाड़ा गया और तीसरे दिन जी उठा, जिससे कि वह हमारे प्राणों को बचा ले, हमें जीवन प्रदान करे।

वह हमारे लिए जीवन और पुनरुत्थान का माध्यम बन गया। वास्तव में यीशु जो परमेश्वर तक पहुंचने का एकमात्र मार्ग है, वह क्रूस के मार्ग को चुनने के द्वारा हमारे लिए परमेश्वर तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त कर रहा था। वास्तव में यीशु ख्रीष्ट एकमात्र परम सत्य और एक मात्र मार्ग है।

यदि यीशु ख्रीष्ट परमेश्वर तक पहुंचने का एकमात्र मार्ग नहीं हैं, तो वह परमेश्वर तक पहुंचने का कोई मार्ग नहीं हैं। यदि परमेश्वर तक पहुंचने के रास्ते अनेक हैं, तो यीशु उनमें से एक भी नहीं हैं, क्योंकि उसने दृढ़ता के साथ कहा है कि “मार्ग मैं ही हूँ” “मैं ही सत्य हूँ” “मैं ही जीवन हूँ“ (यूहन्ना 14:6) यीशु ही परमेश्वर तक पहुंचने का एकमात्र मार्ग है। इसलिए यीशु के जीवन और क्रूस पर किए गए हमारे लिए बलिदान पर विश्वास कीजिए, क्योंकि वही परमेश्वर पिता तक पहुंचने का अर्थात् स्वर्ग पहुँचने का एकमात्र मार्ग है।

साझा करें
रोहित मसीह
रोहित मसीह

परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते हैं और मार्ग सत्य जीवन के साथ सेवा करते हैं।

Articles: 38

Special Offer!

ESV Concise Study Bible

Get the ESV Concise Study Bible for a contribution of only 500 rupees!

Get your Bible