अश्लील चित्र व चलचित्रों को देखना पाप है।

हमारे समाज में लोग यौन-सम्बन्धी बातों के विषय में बोलना नहीं चाहते है, परन्तु इससे सम्बन्धित कार्य को प्रायः गुप्त रीति से करते हैं जो कि घृणित और पापपूर्ण है। जिसका एक रुप है पोर्नोग्राफी (Pornography) को देखना। हम इस लेख के में पोर्नोग्राफी (Pornography) की समस्या, उसके प्रति मसीही दृष्टिकोण, यह हमारे आत्मिक जीवन पर कैसे प्रभाव डालता है। इसके परिणाम तथा उससे बचने के लिए उपायों को देखेंगे।

अश्लील विडियों देखना एक वास्तविक समस्या:

Pornography अंग्रेजी भाषा का शब्द है जो कि यूनानी भाषा के पोर्ने (πόρνη) से आता है, जिसका अर्थ अश्लील साहित्य है। आधुनिक इंटरनेट के युग में ये सब बहुतायत के साथ उपलब्ध है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी आंखों की अभिलाषाओं की सन्तुष्टि के लिए, कामुकता को शान्त करने के लिए अपने लैपटॉप व मोबाइल पर यौन सम्बन्धी इन अश्लील व नग्न महिलाओं व पुरुषों के चित्र व चलचित्र को देखते हैं, जिसका प्रभाव बहुत बुरा होता है।

पोर्नोग्राफी से सम्बन्धित विडियो को देखना पाप है, जो हमें व्यभिचार की ओर अग्रसर करती है तथा अनेक पापों में लिप्त होने का द्वार खोल देती है।

अश्लील चलचित्रों के प्रति ख्रीष्टीय दृष्टिकोण:

अश्लील चलचित्रों को देखना एक भयंकर पापपूर्ण लत है जिससे अधिकांश जवान लोग ग्रसित पाए जाते हैं। आज लाखों लोगों के व्यक्तिगत जीवन तथा वैवाहिक जीवन बर्बादी के तट पर हैं, बहुतों के व्यक्तिगत जीवन, आत्मिक जीवन, वैवाहिक जीवन, शारीरिक जीवन बर्बाद हो चुके हैं। यह एक विश्वव्यापी, शैतान द्वारा निर्मित समस्या है।

बाइबल के अनुसार अश्लील चित्रों को देखना एक कामुकता व व्यभिचार जैसे पापपूर्ण स्वभाव का परिणाम है। यह एक आन्तरिक समस्या है अर्थात् हृदय की समस्या है जो हमारे देखने और करने में प्रकट होती है। यह एक भंयकर पाप है जो हमारे हृदय में पाया जाता है। मरकुस 7:21-22 के अनुसार “मनुष्यों के मन से कुविचार, व्यभिचार, कामुकता, निकलती है। जिसका परिणाम भयंकर है जो व्यक्ति को अशुद्ध करती है।

व्यभिचार का उदाहरण: एक बार इस्राएल के राजा दाऊद ने बतशेबा नामक एक स्त्री जो उरिय्याह की पत्नी थी, उसे छत पर नहाते हुए उसकी सुन्दरता देखा और पता लगवाने के पश्चात उसे बुलवाया और उसके साथ यौन सम्बन्ध स्थापित किया। इस प्रकार से राजा दाऊद ने दूसरे की पत्नी के साथ व्यभिचार किया, यह पाप न केवल उसके विरुद्ध था और परमेश्वर की आज्ञा के विरुद्ध बहुत ही घनघोर पाप था (2 शमूएल 11-12)। दाऊद ने उस स्त्री को देखा तब उसने व्यभिचार का पाप किया। पोर्नोग्राफी (Pornography) से सम्बन्धित विडियो को देखना पाप है, जो हमें व्यभिचार की ओर अग्रसर करती है तथा अनेक पापों में लिप्त होने का द्वार खोल देती है।

आत्मिक और शारीरिक व्यभिचार व उसके परिणाम:

सच्चे परमेश्वर को भूल कर किसी अन्य चीज को प्राथमिकता देना या मूर्तिपूजा करना आत्मिक व्यभिचार कहलाता है। याकूब 4:4 अनुसार यदि हम संसार के अनुसार जीवन जीते हैं तो हम सब व्यभिचारी हैं और परमेश्वर के शत्रु हैं। शारीरिक व्यभिचार के सन्दर्भ में 1 कुरिन्थियों 6:18 कहता है कि “व्यभिचार से भागो। अन्य सारे पाप जो मनुष्य करता है देह के बाहर होते हैं, परन्तु व्यभिचारी तो अपनी देह के विरुद्ध पाप करता है।”

जब दाऊद ने व्यभिचार का पाप किया तो उसे परमेश्वर ने दण्ड दिया। उसी प्रकार से हम भी दण्ड पाएंगे। 1कुरिन्थियों 6:9 “क्या तुम नहीं जानते कि दुष्ट लोग परमेशवर के राज्य के उत्तराधिकारी न होंगे? धोखा न खाओ: न व्यभिचारी, न मूर्तिपूजक, न परस्त्रीगामी, न कामातुर, न पुरुषगामी।” उपर्युक्त चीजें जो मन से निकलती हैं व्यभिचार के पाप की ओर ले जाता है। हम अश्लील वीडियो के देखने के द्वारा, चाहे सोचने के द्वारा, चाहे करने के द्वारा व्यभिचार करते हैं, हम सब पाप करते हैं।

बचने के उपाय:

यदि हम गंदे अश्लील वीडियों को निरन्तर या कभी-कभी देखते हैं तो इसका अर्थ है कि हम अभी भी पाप के दासत्व में जी रहे हैं, ख्रीष्ट में हम स्वतंत्र हो गए हैं, इसलिए पाप के दासत्व में न जीवन जीयो (रोमियों 6:6, गलातियों 4:3)।

हमें अश्लील वीडियो/व्यभिचार की परीक्षा से भागना चाहिए (1 कुरिन्थियों 6:18)।

सुसमाचार पर ध्यान दें और उसके अनुसार जीवन जियों।

प्रार्थना करें और वचन को पढ़ते रहे व एक दूसरे के प्रति उत्तरदायी और पारदर्शी बनें।

अश्लील चलचित्रों के देखने वाले पापों के प्रत्येक साधन को हटाएं।

एक-दूसरे की सहायता मांगे स्वधर्मी न बनें, सत्य को बताने में लजाए नहीं।

आप को व्यस्त रखे और गुप्त में रहने के बजाय सार्वजनिक स्थानों में रहें।

यदि हम अपने जीवन में अश्लील वीडियों (Pornography) से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो नम्र होकर प्रभु यीशु के पास आइए, सुसमाचार पर विश्वास कीजिए। अपने पापों से पश्चाताप कीजिए, वह आपको पापों की क्षमा को प्रदान करेंगे, सब प्रकार की लज्जा को हटाकर अनन्त शान्ति व आनन्द प्रदान करेंगे। हमारे प्रभु यीशु ख्रीष्ट हमें पोर्नोग्राफी (Pornography) द्वारा जनित व्यभिचार के पाप से लड़ने व बचने के लिए सामर्थ्य प्रदान करेंगे।

साझा करें
रोहित मसीह
रोहित मसीह

परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते हैं और मार्ग सत्य जीवन के साथ सेवा करते हैं।

Articles: 38