अटल रूप से प्रसन्न परमेश्वर

August 21, 2025

अटल रूप से प्रसन्न परमेश्वर

“ये बातें मैंने तुम से इसलिए कहीं हैं कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।” (यूहन्ना 15:11)

परमेश्वर पूर्णतः सम्प्रभु है। 

“परन्तु हमारा परमेश्वर तो स्वर्ग में है; जो कुछ वह चाहता है, करता है” (भजन 115:3)।

इसलिए वह निराश नहीं है। जब वह अपने कार्यों को छुटकारे के इतिहास के भव्य चित्र के विभिन्न रंगों के रूप में देखता है, तो वह अपने सभी कार्यों में प्रसन्न होता है। वह एक अटल रूप से प्रसन्न परमेश्वर है। 

उसकी प्रसन्नता मुख्य रूप से वह हर्ष है जो वह स्वयं में पाता है। सृष्टि से पूर्व, वह अपने पुत्र में — अपने प्रिय पुत्र में जिससे वह अति प्रसन्न था, उसमें अपनी महिमा के प्रतिरूप में आनन्दित था (मत्ती 3:17)। फिर  सृष्टि तथा छुटकारे के कार्यों में परमेश्वर का आनन्द “सार्वजनिक रूप से” दिखाई देता है।

ये कार्य परमेश्वर के हृदय को हर्षित करते हैं क्योंकि ये उसकी महिमा को प्रतिबिम्बित करते हैं। आकाश परमेश्वर की महिमा का वर्णन कर रहा है (भजन 19:1)। “यहोवा की महिमा सदा होती रहे; यहोवा अपने कार्यों से आनन्दित हो” (भजन 104:31)। वह सब कुछ अपनी उसी महिमा को दिखाने तथा उसे सुरक्षित करने के लिए करता है, क्योंकि उसी में उसका प्राण हर्षित होता है।

परमेश्वर के समस्त कार्य उसके छुड़ाए गए लोगों के द्वारा उसकी की गई स्तुति में परिपूर्णता पाते हैं। “उसके पराक्रम के कार्यों के कारण उसकी स्तुति करो; उसकी अत्यन्त महानता के अनुसार उसकी स्तुति करो!” (भजन 150:2)। सन्तों द्वारा की गई स्तुति में अपने कार्यों की श्रेष्ठता की गूँज में हर्षित होना ही उसकी प्रसन्नता का चर्मोत्कर्ष है। “वह घोड़े की शक्ति से प्रसन्न नहीं होता, वह मनुष्य के पैरों से आनन्दित नहीं होता। यहोवा उन पर अनुग्रह करता है जो उसका भय मानते हैं, अर्थात् जो उसकी करुणा की आस लगाए रहते हैं” (भजन 147:10-11)।

किन्तु हमारी स्तुति न केवल परमेश्वर की श्रेष्ठता की गूँज के रूप में उसका हर्ष है; यह हमारे आनन्द का भी शिखर है। स्तुति उस आनन्द की परिपूर्णता है जो हमें परमेश्वर की महानता को देखने तथा रसास्वादन करने में आता है।

इसलिए, परमेश्वर का हमसे स्तुति की अभिलाषा करना तथा हमारे द्वारा उसमें आनन्द की अभिलाषा करना, दोनों एक ही अभिलाषा हैं। यह ख्रीष्ट में परमेश्वर के अनुग्रह की महिमा के सुसमाचार का महान् परिणाम है।

साझा करें
जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

Articles: 407

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  1. अटल रूप से प्रसन्न परमेश्वर (Current)

    जॉन पाइपर | August 21, 2025
  2. मृत्यु का पूर्वाभ्यास (Rehearsal)

    जॉन पाइपर | December 31, 2025
  3. तैयार और सशक्त किए गए

    जॉन पाइपर | December 30, 2025
  4. एक भयानक गन्तव्य

    जॉन पाइपर | December 29, 2025
  5. महिमा ही लक्ष्य है

    जॉन पाइपर | December 28, 2025
  6. आपका लक्ष्य क्या है?

    जॉन पाइपर | December 27, 2025
  7. आपदा के विषय में कैसे विचार करें

    जॉन पाइपर | December 26, 2025
  8. क्रिसमस के तीन उपहार

    जॉन पाइपर | December 25, 2025
  9. क्रिसमस के दो उद्देश्य

    जॉन पाइपर | December 24, 2025
  10. परमेश्वर का अवर्णनीय उपहार

    जॉन पाइपर | December 23, 2025
  11. कि तुम विश्वास करो

    जॉन पाइपर | December 22, 2025