स्वयं को प्रतिज्ञाओं से सुसज्जित करें

March 2, 2025

स्वयं को प्रतिज्ञाओं से सुसज्जित करें

"धन्य हैं वे जिनके मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।" (मत्ती 5:8)

जब पौलुस “आत्मा के द्वारा” शरीर के कार्यों को नष्ट करने के लिए कहता है (रोमियों 8:13), तो मैं समझता हूँ कि उसका अर्थ है कि हमें आत्मा के अस्त्र-शस्त्र में उस हथियार का उपयोग करना चाहिए जो कि घात करने के लिए उपयोग किया जाता है; अर्थात्, तलवार, “जो परमेश्वर का वचन है” (इफिसियों 6:17)।

इसलिए, जब शरीर किसी भय या लालसा के द्वारा किसी पापमय कार्य की ओर जाने वाला होता है, तो हमें आत्मा की तलवार लेनी चाहिए और उस भय और उस लालसा का घात करना चाहिए। मेरे अनुभव के अनुसार, मुख्य रूप से इसका अर्थ पाप की प्रतिज्ञा की जड़ को किसी श्रेष्ठ प्रतिज्ञा की सामर्थ्य के द्वारा काट डालना।

उदाहरण के लिए, जब मैं किसी अवैध यौन सुख की लालसा करने लगता हूँ, तब तलवार का वह वार जिसने अधिकतर इस प्रतिज्ञा किए गए सुख की जड़ को काटा है, वह है, “धन्य हैं वे जिनके मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे” (मत्ती 5:8)।         

प्रलोभन की घड़ी के लिए उपयुक्त प्रतिज्ञाओं को तैयार रखना पाप के विरुद्ध सफल युद्ध की एक कुंजी है।

परन्तु कभी-कभी परमेश्वर की ओर से हमारे मन में उस समय के लिए हमारे पास उपयुक्त वचन नहीं होते हैं। और उस स्थिति के अनुरूप प्रतिज्ञा को बाइबल में खोजने के लिए समय भी नहीं होता है। इसलिए, हम सब के पास सामान्य प्रतिज्ञाओं का छोटा शास्त्रागार तैयार होना चाहिए जिन्हें हम तब उपयोग कर सकते हैं जब भय या लालसा हमें पथभ्रष्ट करने का प्रयास करें।

पाप के विरुद्ध लड़ने के लिए मेरे द्वारा सबसे अधिक उपयोग की गयीं चार प्रतिज्ञाएँ ये हैं:

यशायाह 41:10, “मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूँ। इधर-उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूँ। मैं तुझे दृढ़ करूँगा और निश्चय ही तेरी सहायता करूँगा, और अपने धर्ममय दाहिने हाथ से तुझे सम्भाले रहूँगा।”  

 फिलिप्पियों 4:19, “मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित ख्रीष्ट यीशु में है तुम्हारी प्रत्येक आवश्यकता को पूरी करेगा।”

और प्रतिज्ञा जो फिलिप्पियों 3:8 में अन्तर्निहित है, “मैं अपने प्रभु यीशु ख्रीष्ट के ज्ञान की श्रेष्ठता के कारण सब बातों को तुच्छ समझता हूँ।”

और नि:सन्देह, मत्ती 5:8, “धन्य हैं वे जिनके मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।”

अपने प्रतिज्ञाओं के शास्त्रागार में निरन्तर प्रतिज्ञाओं को जोड़ते रहें। परन्तु कभी भी उन चुने हुओं को न भूलिए जिनके द्वारा परमेश्वर ने आपके जीवन में आशीष दिया है। दोनों प्रकार की प्रतिज्ञाओं को स्मरण कीजिए। पुरानी प्रतिज्ञाओं के साथ सर्वदा तैयार रहिए। और दिन भर अपने साथ उपयोग करने के लिए प्रत्येक सवेरे एक नई प्रतिज्ञा की खोज कीजिए।

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जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

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