
सताव हमारा अन्त नहीं है।
बहुत सारे ख्रीष्टीय हुए हैं, जिनको केवल इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया, क्योंकि वे
कुछ दिन पहले मैं एक भाई से बात कर रहा था, उसने मुझसे कहा, जीवन यह है कि अच्छा खाओ, अच्छे घर में रहो, अच्छे कपड़े पहनो। आज के युवा इन्हीं सारी वस्तुओं के पीछे भाग रहे हैं। वे सब कुछ शीघ्र ही प्राप्त करना चाहते हैं। इसमें आश्चर्य की बात नहीं कि आज की युवा पीढ़ी आनन्दित है, खुश है। इसके विपरित वे परेशान हैं, निराश हैं, जवानी की अभिलाषाओं में पड़े हुए हैं, और बहुत सारे व्यसनों में लिप्त हैं। क्योंकि वे इस संसार की वस्तुओं में जीवन को ढ़ूँढ़ते हैं तथा अपनी पहचान को इस संसार में खोजते हैं। इसलिए इस लेख में युवाओं के लिए चार महत्वपूर्ण बातों को देखेंगे जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है, जो जीवन के लिए अत्यन्त आवश्यक है।
पहला, अपने जीवन के उद्देश्य को जानें।
इन दिनों युवा अपने मोबाइल फोन और सोशल मीडिया में इतने व्यस्त रहते हैं कि वे यह भूल गए हैं कि अन्ततोगत्वा जीवन के उद्धेश्य क्या है। वे सोचते हैं कि इस संसार में ही असली जीवन है, सब कुछ है। इसलिए जो भी समय मिला है, अभी खुल के जी लो, क्योंकि कल किसने देखा है। उनकी मानसिकता यह होती है कि अभी समय है इसलिए जीयो जी भरके। क्योंकि यह जीवन दोबारा नहीं मिलेगा। क्या यही हमारे जीवन का उद्देश्य है? बाइबल बताती है कि अपनी जवानी के दिनों में अपने सृजनहार को स्मरण रख, इस से पहले कि विपत्ति के दिन और वे वर्ष आएं जिनमें तू यह कहे इनमें मेरा मन नहीं लगता (सभोपदेशक 12 :1)।
परमेश्वर को जानना ही सच्चा जीवन है, और यह हमारे जीवन में सच्ची सन्तुष्टि लेकर आता है।
इसलिए युवाओ, स्मरण रखें, परमेश्वर ने आपको बनाया है। परमेश्वर सृष्टिकर्ता है और हम सृष्टि है। परमेश्वर ने हमें इसलिए नहीं बनाया कि केवल डिग्रियाँ प्राप्त करें, नौकरी, शादी, जीवन में आराम ही खोजें, बढ़िया फोन, बढ़िया घर, और केवल पैसा ही कमाएं । यद्यपि इनका अपना स्थान है, और इन चीजों के होने में कोई बुराई नहीं है। परन्तु हमारे जीवन का सबसे बड़ा उद्धेश्य यह है कि हम परमेश्वर को जानें। परमेश्वर को जानना ही सच्चा जीवन है, और यह हमारे जीवन में सच्ची सन्तुष्टि लेकर आता है। लेकिन प्रश्न यह है कि हम कैसे परमेश्वर को जान सकते हैं? हम कहाँ जाएं?
दूसरा, परमेश्वर के वचन पर भरोसा रखें।
यदि हम परमेश्वर को जानना चाहते हैं, तो हमें बाइबल के पास जाना चाहिए। क्योंकि परमेश्वर ने अपने आपको बाइबल में प्रकट किया है। बाइबल बताती है, अनन्त जीवन यह है कि वे तुझे जो एकमात्र सच्चा परमेश्वर है और यीशु ख्रीष्ट को जानें तू ने भेजा है (यूहन्ना 17:3)। युवा पीढ़ी आज विभिन्न चीजों को जानने में शीघ्रता में है, अधिक रूचि रखते हैं जैसे कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, गणित, इंजीनियरिंग आदि। इनमें कोई बुराई नहीं है। आज अनेक युवा इस संसार के जाल में, शैतान की चंगुल में फंसे हुये हैं। वे वहां से निकलना भी नहीं चाहते हैं। बिडम्बना यह है कि वे जानते ही नहीं हैं कि वे फंसे हुये हैं ।
इसलिए पौलुस युवा तीमुथियुस को निर्देश देता है कि वह परमेश्वर के वचन पर भरोसा रखें। पौलुस समाज और मनुष्यों के भ्रष्ट स्वभाव का वर्णन करता है, जो अंतिम दिनों में बिगड़ता जाएगा। पौलुस तीमुथियुस को स्मरण दिलाता है कि जो उसने सीखा है – वे बातें पवित्रशास्त्र से हैं, जो कि परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है (2 तीमुथियुस 3:14-17)। भजनकार कहता है, जवान अपनी चाल को कैसे शुद्ध रखे ? तेरे वचन के अनुसार चलने से (भजन संहिता 119: 9)। इसलिए संसार पर भरोसा न रखें परन्तु परमेश्वर के वचन पर भरोसा रखें ।
तीसरा, यीशु ख्रीष्ट की सुन्दरता को देखें।
स्मरण रखें, जो हम देखते हैं, और जो हम पढ़ते हैं वे हमारे जीवन में प्रभाव डालता है। हम ऐसे संसार में रहते हैं कि जो हमें बहुत सारे सपने दिखाता है, आकर्षित करता है, बहकाता है और हमारे जीवन में प्रभाव ड़ालता है। इस संसार की चीजें जैसे-धन, यौन, स्वास्थ, सामर्थ, पद, बाहरी सुन्दरता, प्रसिद्ध होना, क्षण भंगुर है तथा अस्थायी है। ये आज हैं, कल चली जाएगीं। इसलिए यीशु को देखें, वह सुन्दर है, वह चिरस्थायी है। यीशु की ओर देखने का अर्थ है कि यीशु ने जो कार्य क्रूस पर किया है उस पर भरोसा रखें, उस पर मनन करें।
इस संसार की चीजें जैसे-धन, यौन, स्वास्थ, सामर्थ, पद, बाहरी सुन्दरता, प्रसिद्ध होना, क्षण भंगुर है तथा अस्थायी है। ये आज हैं, कल चली जाएगीं।
बाइबल बताती है एकमात्र छुड़ाने वाला प्रभु यीशु ख्रीष्ट, जो परमेश्वर का सनातन पुत्र है लगभग दो हजार वर्ष पूर्व मनुष्य बनकर इस संसार में आ गया। उसने एक सिद्ध धार्मिकता का जीवन जिया। और हमारे बदले में क्रूस पर बलिदान हुआ। वह तीसरे दिन मृतकों में से जी उठा। यीशु क्रूस पर मारे गये, उसके बदले हमें जीवन मिलता है। यह सुसमाचार है और यह बहुत ही अदभुत है। यदि आप इस संसार की सुन्दरता को देखेंगे तो आप अवश्य ही निराश होंगे, यदि आप यीशु की ओर देखेंगे तो आप सन्तुष्टि प्राप्त करेंगे।
अन्त में, पाप के बारे में बात करें।
आज के युवा इस विचारधारा से चलित होता है, कि उनके जीवन में सब कुछ ठीक है, सब चलता है। वे स्वतन्त्र है, इसलिए वे जो चाहे, उसको कर सकते हैं। इस कारण से वे पाप को हल्के में लेते हैं और पाप के साथ खिलवाड़ करते हैं। अच्छा यह होगा कि आप अपनी स्थानीय कलीसिया के अगुवों या किसी परिपक्व विश्वासी भाई और बहन है, जिससे आप भरोसा करते हैं, आपके संघर्ष के बारे में बताएं। इब्रानियों का लेखक कहता है, हे भाइयो, सावधान रहो, कहीं ऐसा न हो कि तुम में से किसी का मन दुष्ट और अविश्वासी हो जाए और तुम जीवित परमेश्वर से दूर हो जाओ। जब तक आज का दिन कहलाता है, तुम दिन प्रतिदिन एक दूसरे को प्रोत्साहित करो, कहीं ऐसा न हो कि तुम में से कोई व्यक्ति पाप के छल में पड़कर कठोर हो जाए (इब्रानियों 3:12-13)। अपने आपको खोलिए, दूसरों को अपने जीवन में आने दीजिए। पाप के बारे में बात करें। पाप के साथ खिलवाड़ न करें क्योंकि पाप घातक है। स्मरण रखें कि हम सभी का न्याय होगा। बाइबल बताती है, उसने एक दिन निश्चित किया है, वह धार्मिकता से संसार का न्याय करेगा (प्रेरितों के काम 17:31)।
आइए, हम अपने जीवन में इतना व्यस्त न हो जाएं कि हम परमेश्वर को भूल जाए जिसने हमको न केवल बनाया, बल्कि उसने हमारे लिए अपने प्रिय पुत्र को भेजा जो हमारे लिए बलिदान हुआ। जिस पर भरोसा करने के द्वारा हमें अनन्त जीवन मिलता हैं। एक प्रभु के दास ने सही कहा है, जीवन में सफलता की कुंजी केवल बहुत सी बातों को जानना नहीं है, या कुशल होना है, या एक महान वक्ता होना या एक महान व्यक्तित्व होना या बहुत सारी डिग्रियाँ प्राप्त करना है। लेकिन एक बात को अच्छी तरह से जानना है। एक चीज़ में निपुण या माहिर बनना, भीतर और बाहर से उस बात को जानना है। निश्चित रूप से जिसे हमें जानने की आवश्यकता है, वह सुसमाचार है।
बहुत सारे ख्रीष्टीय हुए हैं, जिनको केवल इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया, क्योंकि वे
“भले ही तुम्हें अभी कुछ समय के लिए विभिन्न परीक्षाओं द्वारा दुख उठाना पड़ा हो कि
हम सब के सामने जो प्रश्न है, वह यह है कि: क्या हम उन “बहुतों” में
यदि मैं आपसे पूछूँ कि “सताव के मध्य में प्रार्थना की क्या भूमिका है?” आपका क्या
क्या आपने कभी सोचा है कि उस समय परमेश्वर क्या कर रहा होता है जब आपको
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