इब्रानियों 8:6 के अनुसार ख्रीष्ट एक नई वाचा का मध्यस्थ है। इसका अर्थ क्या है? इसका अर्थ है कि उसके लहू—वाचा के लहू (लूका 22:20; इब्रानियों 13:20)—ने हमारे लिए अन्तिम और निर्णायक रीति से परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं की परिपूर्णता को मोल लिया और सुरक्षित किया है।
इसका अर्थ है कि परमेश्वर नई वाचा की प्रतिज्ञाओं के अनुसार, ख्रीष्ट की आत्मा द्वारा हम में एक आन्तरिक परिवर्तन लाता है।
और इसका अर्थ यह है कि परमेश्वर हम में यह परिवर्तन विश्वास के द्वारा—ख्रीष्ट में परमेश्वर हमारे लिए जो कुछ भी है उसमें विश्वास के द्वारा लाता है।
नई वाचा ख्रीष्ट के लहू के द्वारा मोल ली जाती है, ख्रीष्ट की आत्मा द्वारा क्रियान्वित की जाती है, और ख्रीष्ट में विश्वास द्वारा ही प्राप्त होती है।
नई वाचा के मध्यस्थ के रूप में ख्रीष्ट को कार्य करते हुए देखने हेतु सबसे उत्तम स्थल है इब्रानियों 13:20–21:
अब शान्तिदाता परमेश्वर जिसने भेड़ों के महान् रखवाले हमारे प्रभु यीशु को सनातन वाचा के लहू द्वारा मृतकों में से जीवित कर दिया, तुम्हें सब भले गुणों से परिपूर्ण करे, जिस से तुम उसकी इच्छा पूरी करो, और जो कुछ उसकी दृष्टि में प्रिय है, वह यीशु ख्रीष्ट के द्वारा हमारे अन्दर पूरा करे। उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
ये शब्द “और जो कुछ उसकी दृष्टि में प्रिय है,” इस बात का वर्णन करते हैं कि जब परमेश्वर नई वाचा के अनुसार व्यवस्था को हमारे हृदयों पर लिखता है तब क्या होता है। और ये शब्द “यीशु ख्रीष्ट के द्वारा” यीशु को इस सम्प्रभु करुणा के महिमामय कार्य के मध्यस्थ के रूप में वर्णित करते हैं।
अतः, क्रिसमस का अर्थ केवल यह नहीं है कि परमेश्वर छाया को वास्तविकता से प्रतिस्थापित करता है, किन्तु यह भी है कि वह उस महान् वास्तविकता को लेता है और उसे अपने लोगों के लिए वास्तविक बना देता है। वह इसे हमारे हृदयों पर लिख देता है। वह क्रिसमस के उपलक्ष्य में अपने उद्धार और परिवर्तन के उपहार को केवल क्रिसमस ट्री के नीचे रख नहीं देता है जिससे कि आप अपनी स्वयं की शक्ति से उसे उठा लें। किन्तु वह उसे उठाता है और आप के हृदय तथा मन में रखता है और आपको इस आश्वासन की छाप देता है कि आप परमेश्वर की सन्तान हैं।