विश्वासियों का न्याय कैसे किया जाएगा

तब मैंने छोटे बड़े सब मृतकों को सिंहासन के समक्ष खड़े हुए देखा, और पुस्तकें खोली गईं, तथा एक और पुस्तक खोली गई जो जीवन की पुस्तक है, और उन पुस्तकों में लिखी गई बातों के आधार पर सब मृतकों का न्याय उनके कामों के अनुसार किया गया। (प्रकाशितवाक्य 20:12)

अन्तिम न्याय में क्या होगा? क्या हमारे पाप स्मरण किए जाएँगे? क्या वे प्रकट किए जाएँगे?   एंथनी होकेमा इसे बुद्धिमानीपूर्वक इस प्रकार से कहते हैं: “विश्वासियों की असफलताएँ और दोष न्याय के दिन समाने लाए जाएँगे। परन्तु — और यह एक महत्वपूर्ण बात है — विश्वासियों के पाप और दोष को न्याय के दिन क्षमा किए गए पापों के रूप में प्रकट किए जाएँगे, जिनका दोष पूर्ण रीति से यीशु ख्रीष्ट के लहू के द्वारा ढाँपा गया है।”

इसको इस प्रकार से कल्पना करें। परमेश्वर के पास हर एक व्यक्ति का चिट्ठा है (प्रकाशितवाक्य 20:12 की “पुस्तकें”)। उसमें आपके सब कार्यों को और आपके द्वारा कही गई सब बातों को (मत्ती 12:36) श्रेणी सहित (“ए” से लेकर “एफ” तक) अभिलिखित किया गया है। जब आप न्याय के लिए “ख्रीष्ट के न्याय-आसन के समक्ष उपस्थित होंगे” (2 कुरिन्थियों 5:10) कि “प्रत्येक को अपने भले या बुरे कामों का बदला मिले जो उसने देह के द्वारा किए,” तब परमेश्वर चिट्ठा खोलेंगे और परीक्षणों को उनकी श्रेणियों के साथ सामने रखेंगे। वह सभी “एफ” श्रेणी वालों को निकालकर एक ढेर में रखेगा। और फिर वह सभी “डी” और “सी” वालों के परीक्षण के अच्छे भागों को लेगा और उनको “ए” के साथ रख देगा, और बुरे भागों को “एफ” के साथ रख देगा। और फिर वह सभी “बी” और “ए” को लेगा और उनके सारे बुरे भागों को “एफ” के ढेर के साथ रख देगा और सारे अच्छे भागों को “ए” के ढेर में डाल देगा।

तब वह दूसरे चिट्ठे को खोलेगा (“जीवन की पुस्तक”) और उसमें आपका नाम पाएगा क्योंकि आप विश्वास के द्वारा ख्रीष्ट में हैं। आपके नाम के पीछे यीशु के क्रूस से बनी लकड़ी की एक माचिस होगी। परमेश्वर उस माचिस को लेगा, उसे जलाएगा, और आपकी सभी असफलताओं और कमियों सहित “एफ” ढेर में आग लगा देगा और उन्हें जला देगा। न तो वे पाप आपको दोषी ठहराएँगे और न ही आपको पुरस्कृत करेंगे। 

फिर वह आपके “जीवन की पुस्तक” के चिट्ठे से एक मोहरबन्द लिफाफा लेगा जिस पर यह अंकित होगा “सेतमेंत और अनुग्रहपूर्ण उपहार: जीवन!” और इसे “ए” ढेर पर रखेगा (मरकुस 4:24 और लूका 6:38 देखें)। तब वह पूरे ढेर को लेकर घोषणा करेगा, “इसके द्वारा तुम्हारा जीवन मेरे पिता के अनुग्रह, मेरे लहू के मूल्य और मेरे आत्मा के फल की साक्षी देता है। ये साक्षी देते हैं कि तुम्हारा जीवन अनन्त है। और इनके अनुसार तुम्हें अपना प्रतिफल मिलेगा। अपने स्वामी के शाश्वत आनन्द में प्रवेश करो।”

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जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

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