आप यह सुनिश्चित करने के लिए किस पर निर्भर हैं कि आपका विश्वास यीशु के आने तक बना रहेगा?
प्रश्न यह नहीं है, कि क्या आप अनन्त सुरक्षा में विश्वास करते हैं? प्रश्न यह है कि हम सुरक्षित कैसे बने रहते हैं?
क्या हमारे विश्वास में डटे रहना (perseverance) निर्णायक रूप से हमारे स्वयं के संकल्प की विश्वसनीयता पर टिकी हुई है? या फिर, क्या यह निर्णायक रूप से परमेश्वर के कार्य पर ही निर्भर है कि वह “हमें भरोसा करने में बनाए रखेगा?”
यह पवित्रशास्त्र का एक महान और अद्भुत सत्य है कि परमेश्वर विश्वासयोग्य है और जिसे उसने बुलाया है वह उसे सदा के लिए बनाए रखेगा। हमारा यह भरोसा कि हम सदा के लिए सुरक्षित हैं इस बात का भरोसा है कि परमेश्वर वह सब कुछ करेगा जो “हमारे भरोसा करते रहने” के लिए आवश्यक है।
अनन्त काल की निश्चितता उस निश्चितता से बड़ी नहीं है कि परमेश्वर अब हमें भरोसा करते रहने के लिए बनाए रहेगा। परन्तु वह निश्चितता उन सभों के लिए बहुत महान है जिन्हें परमेश्वर ने बुलाया है।
कम से कम तीन खण्ड परमेश्वर की बुलाहट और परमेश्वर द्वारा बनाए रखने के इस कार्य को इस प्रकार एक साथ रखते हैं।
- “[प्रभु] जो तुम्हें अन्त तक दृढ़ भी करेगा (बनाए रखेगा) कि हमारे प्रभु यीशु ख्रीष्ट के दिन में निर्दोष ठहरो। परमेश्वर विश्वासयोग्य है, जिसके द्वारा तुम उसके पुत्र हमारे प्रभु यीशु ख्रीष्ट की संगति में बुलाए गए हो” (1 कुरिन्थियों 1:8-9)।
- “अब शान्ति का परमेश्वर आप ही तुम्हें पूर्णत: पवित्र करे। और तुम्हारी आत्मा, प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु ख्रीष्ट के आगमन तक पूरी रीति से निर्दोष और सुरक्षित रहे। तुम्हारा बुलाने वाला विश्वासयोग्य है और वह ऐसा ही करेगा” (1 थिस्सलुनीकियों 5:23-24)।
- “यीशु ख्रीष्ट के दास और याकूब के भाई यहूदा की ओर से उन बुलाए हुओं के नाम जो परमेश्वर पिता में प्रिय तथा यीशु ख्रीष्ट के लिए सुरक्षित है : तुम्हें दया, शान्ति और प्रेम बहुतायत से प्राप्त होता रहे” (यहूदा 1-2)। (रोमियों 8:30, फिलिप्पियों 1:6, 1 पतरस 1:5, और यहूदा 24 में इसी वास्तविकता को देखें।)
परमेश्वर की “विश्वासयोग्यता” निश्चयता देती है कि वह उन सभी को सदा के लिए सुरक्षित रखेगा जिन्हें उसने बुलाया है।