शैतान का सामना करो तो वह तुम्हारे पास से भाग जाएगा। (याकूब 4:7)
हमारे दिनों में शैतान जितना अधिक वास्तविक — और जितना अधिक स्पष्ट रूप से सक्रिय होता— प्रकट होता है, उतना ही अधिक उस पर भरोसा करने वालों के लिए ख्रीष्ट की विजय बहुमूल्य होगी।
नया नियम सिखाता है कि जब ख्रीष्ट मरके जी उठा, तो शैतान निर्णायक रूप से पराजित हुआ। उसे सीमित स्वतन्त्रता का समय दिया गया है, किन्तु परमेश्वर के लोगों के विरुद्ध उसकी शक्ति टूट गई है और उसका विनाश निश्चित है।
- “परमेश्वर का पुत्र इस अभिप्राय से प्रकट हुआ कि वह शैतान के कार्य को नष्ट करे” (1 यूहन्ना 3:8)।
- “अत: जिस प्रकार बच्चे मांस और लहू में सहभागी हैं, तो [ख्रीष्ट] आप भी उसी प्रकार उनमें सहभागी हो गया, कि मृत्यु के द्वारा उसको जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली है, अर्थात् शैतान को, शक्तिहीन कर दे” (इब्रानियों 2:14)।
- “[परमेश्वर] ने प्रधानों और अधिकारियों को उसके द्वारा निरस्त्र कर दिया तब उन पर विजय प्रप्त करके उनका खुल्लम-खुल्ला तमाशा बनाया” (कुलुस्सियों 2:15)।
दूसरे शब्दों में, कलवरी पर निर्णायक आघात किया गया। और एक दिन, जब शैतान की सीमित स्वतन्त्रता का समय समाप्त हो जाएगा, प्रकाशितवाक्य 20:10 कहता है, “शैतान . . . आग की झील में फेंक दिया [जाएगा] . . . और . . . अनन्तकाल तक दिन -रात तड़पता [रहेगा]।”
इसका हम यीशु ख्रीष्ट के पीछे चल रहे लोगों के लिए क्या अर्थ है?
- “अत: अब उन पर जो ख्रीष्ट यीशु में हैं, दण्ड की आज्ञा नहीं” (रोमियों 8:1)।
- “परमेश्वर के चुने हुओं पर कौन दोष लगाएगा? परमेश्वर ही है जो धर्मी ठहराता है!” (रोमियो 8:33)
- “न स्वर्गदूत न प्रधानताएँ, न वर्तमान न भविष्य, न शक्तियाँ, न ऊँचाई न गहराई, और न कोई सृजी हुई वस्तु हमें परमेश्वर के प्रेम से जो हमारे प्रभु यीशु ख्रीष्ट में है, अलग कर सकेगी” (रोमियों 8:38-39)।
- “वह जो तुम में है, उस से जो संसार में है, कहीं बढ़कर है” (1 यूहन्ना 4:4)।
- “वे मेमने के लहू के कारण और अपनी साक्षी के वचन के कारण उस पर विजयी हुए हैं” (प्रकाशितवाक्य 12:11)।
इसलिए, “शैतान का सामना करो तो वह तुम्हारे पास से भाग जाएगा!” वह हराया जा चुका है, और हमें विजय दी गई है। अब हमारा कार्य है उस विजय में जीना और शैतान को उसकी पराजय से अवगत कराना।