विषय प्रेम

क्या परमेश्वर का प्रेम प्रतिबन्धात्मक (Conditional) है?

याकूब हमें सिखाता है कि एक बहुमूल्य अनुभव है जिसमें हम परमेश्वर से “और भी अधिक अनुग्रह” प्राप्त करते हैं और वह “निकट” आता है। निस्सन्देह यह एक अद्भुत अनुभव है—और भी अधिक अनुग्रह और परमेश्वर की विशेष निकटता। किन्तु…

एक-दूसरे से प्रसन्नतापूर्वक प्रेम करो

कभी भी किसी को ऐसा नहीं लगा है कि उससे प्रेम नहीं किया गया है क्योंकि उसे यह बताया गया था कि उसके आनन्द की प्राप्ति दूसरे व्यक्ति को प्रसन्नता प्रदान करेगी। जब मैं दयालुता को इस अधार पर उचित…

प्रेम की सबसे बड़ी प्रसन्नता

उस अन्तिम वाक्याँश पर ध्यान देना न भूलें: “क्योंकि हम उसकी देह के अंग हैं। ” और यह न भूलें कि पौलुस ने दो पद पहले क्या कहा था, अर्थात्, ख्रीष्ट ने अपने आप को हमारे लिए दे दिया, “कि…

परम (Absolute), सम्प्रभु (Sovereign), सर्वशक्तिमान (Almighty) प्रेम

परमेश्वर करुणा और सत्य से भरपूर है। जब मैं इन सत्यों पर विचार करता हूँ तो मेरे मन में दो चित्र उभर कर आते हैं: जब परमेश्वर “भरपूर” शब्द का उपयोग करता है — “करुणा तथा सत्य से भरपूर” —…

ख्रीष्ट के प्रेम का लक्ष्य

यीशु में विश्वासी परमेश्वर के लिए बहुमूल्य हैं (हम उसकी दुल्हन हैं!)। और वह हमसे इतना प्रेम करता है कि वह हमारी बहुमूल्यता को हमारा ईश्वर नहीं बनने देगा। परमेश्वर वास्तव में हमें बहुमूल्य मानता है (वह हमें अपने परिवार…

सर्वोच्च स्वतन्त्र प्रेम

 परमेश्वर का चुनने वाला प्रेम — अर्थात् जिस प्रेम के द्वारा वह अपने लिए लोगों को चुनता है — पूर्ण रीति से स्वतन्त्र है। यह उसकी असीम बुद्धि द्वारा निर्देशित उसकी असीम प्रसन्नता का अनुग्रहपूर्ण उमड़ना है।  व्यवस्थाविवरण 10:14-15 परमेश्वर…

सर्वोच्च स्वतन्त्र प्रेम

 परमेश्वर का चुनने वाला प्रेम — अर्थात् जिस प्रेम के द्वारा वह अपने लिए लोगों को चुनता है — पूर्ण रीति से स्वतन्त्र है। यह उसकी असीम बुद्धि द्वारा निर्देशित उसकी असीम प्रसन्नता का अनुग्रहपूर्ण उमड़ना है।  व्यवस्थाविवरण 10:14-15 परमेश्वर…

  कलवरी के लिए प्रत्येक पग प्रेम से भरा हुआ था

ख्रीष्ट का प्रेम उसकी मृत्यु में हमारे लिए उतना ही सचेत था, जितना कि उसने हमारे लिए साभिप्राय पीड़ा उठायी थी। उसने साभिप्राय अपना प्राण दिया था, और यह उसने केवल हमारे लिए किया था। और यह उसका प्रेम था। …

सर्वश्रेष्ठ प्रेम

हमें क्यों इस बात पर बल देना चाहिए कि “परमेश्वर अपने नाम के कारण” — अपने स्वयं की महिमा के लिए  प्रेम करता है, क्षमा करता है और उद्धार करता है? यहाँ पर दो कारण दिये गये हैं (कई कारणों…