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वह जीता है जिससे कि मृत्यु मर सके

तू इस पुस्तक के लेने और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है, क्योंकि तू ने वध होकर अपने लहू से प्रत्येक कुल, भाषा, लोग और जाति में से परमेश्वर के लिए लोगों को मोल लिया है। (प्रकाशितवाक्य 5:9)

मसीह के अनेकों मुकुट

यीशु मसीह किसी भी अन्य राजा से भिन्न राजा है। मानवीय राजाओं की अपनी सामर्थ्य और निर्बलताएं होती हैं, उनके विशेष गुण और दोष, विशेष गौरवपूर्ण बातें जिनके लिए उन्हें स्मरण किया जाता है और अपरिहार्य अपर्याप्तताएं जिन्हें वे भूल जाना चाहते हैं। फिर भी वह मानव ख्रीष्ट यीशु — जो केवल सच्चा मनुष्य नहीं परन्तु सच्चा परमेश्वर भी है — जो दूसरों को निस्तेज करता है और सबसे कहीं आगे बढ़कर निकल जाता है। 

यीशु एक मुकुट से कहीं अधिक के योग्य है। राजाओं के राजा, और प्रभुओं के प्रभु के रूप में, और अति महिमामय होने के कारण, वह अनेक मुकुट के योग्य है।

प्रेम का प्रभु 
निःसन्देह, राजा यीशु ने इतिहास में — वस्तुनिष्ठ रूप से, समय और स्थान में — अपने लोगों के लिए बलिदान होने के त्याग-पूर्ण कार्य के द्वारा अपनी निष्ठा और अपने स्नेह को प्रदर्शित किया है। 

जब ख्रीष्ट की प्रजा उसके प्रेम पर विचार करती है, तो हमें व्यक्तिनिष्ठ सम्बन्धी अटकलें लगाने की आवश्यकता नहीं हैं। इसके विपरीत, हम अपने प्रति उसके प्रेम के ठोस प्रदर्शन को देखते हैं, और क्रूस पर, हमारे लिए उसके पिता के प्रेम को उसमें देखते हैं, “परन्तु परमेश्वर अपने प्रेम को हमारे प्रति इस प्रकार प्रदर्शित करता है कि जब हम पापी ही थे मसीह हमारे लिए मरा” (रोमियों 5:8)। उसके हाथों और पंजर को निहारो! 

हमारी आवश्यकता की गहराइयां, और हमें बचाने के लिए वह जिस दूरी तक गया, यह हमें उसके प्रेम की ऊंचाई को दिखाता है।

अपनी महिमान्वित देह में, जी उठा मसीह प्रत्यक्ष रूप से, क्रूसीकरण के चिन्हों को अपने हाथों और पंजर के घावों में उठाए रखा है जो सदा के लिए उसके लोगों के प्रति उसके प्रेम को व्यक्त करते हैं। एक दिन हम उसके “मूल्यवान घावों” को देखेंगे, जो अभी भी महिमामय सुन्दरता में दिखाई देते हैं।” प्रेम का कोई भी कार्य इस बात से बड़ा नहीं है कि स्वयं परमेश्वर का पुत्र न केवल मनुष्य बना परन्तु एक दास बनकर, मृत्यु तक अपने आपको दीन किया, क्रूस की मृत्यु तक, जिससे कि स्वयं को भले और धर्मी से नहीं परन्तु हम पापियों से मेल करा ले। हमारी आवश्यकता की गहराइयां, और हमें बचाने के लिए वह जिस दूरी तक गया, यह हमें उसके प्रेम की ऊंचाई को दिखाता है। 

जीवन का प्रभु
परन्तु अपने प्रेम का प्रकटीकरण, स्वयं को पापियों हेतु मृत्यु के लिए प्रदान करने के द्वारा,  त्रासदीपूर्ण होता यदि वह जीवन का प्रभु  कब्र पर विजय पाने में असक्षम होता। हमारे पास अनन्त जीवन नहीं होगा यदि वह हमारे लिए जी नहीं उठा था जिससे कि हम उसमें जोड़े जाएं। किन्तु वह मरा हुआ नहीं है; वह जीवित है। 

सृष्टिकर्ता के रूप में, “उसमें जीवन था” (यूहन्ना 1:4), और अब पुनरुत्थित जन होने के नाते जिसने मृत्यु पर विजय प्राप्त की है, हमारे पास उसमें नया जीवन है, उसके ही पुनरुत्थान का वही जीवन, अर्थात वह जीवन जो कभी नहीं मरेगा। जैसा यीशु ने मार्था से कहा जब वह अपने भाई की मृत्यु का शोक मना रही थी — और यीशु उसको जीवित करने पर था — “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ। जो मुझ पर विश्वास करता है यदि मर भी जाए फिर भी जिएगा, और प्रत्येक जो जीवित है, और मुझ पर विश्वास करता है, कभी नहीं मरेगा” (यूहन्ना 11:25-26)। 

पृथ्वी के शासक आएंगे और चले जाएंगे; उनके पास कुछ समय के लिए जीवन है, जब तक कि राजा यीशु उन्हें जीवन प्रदान करने के लिए उचित समझते हैं, परन्तु वे इसके स्वामी नहीं हैं। परन्तु यीशु सब जीवन का स्वामी है, आदि से अन्त तक, जगत की उत्पत्ति के पहले से लेकर अनन्त भविष्य तक, नये जन्म से लेकर नये आकाश और नई पृथ्वी के आने तक। 

 स्वर्ग का प्रभु 
अपने पुनरुत्थित जीवन में, यीशु न केवल पृथ्वी के समस्त शासकों के ऊपर प्रभु है। वह अब स्वर्ग के प्रभु के रूप में शासन करता है। न केवल उसने, मानव अवस्था में, अपने स्वर्गारोहण के पश्चात स्वर्ग में प्रवेश प्राप्त किया है, परन्तु वह अपने पिता के साथ ब्रह्माण्ड के सिंहासन पर बैठने के लिए उसी मुख्य स्थान में आगे आया है। सम्पूर्ण इतिहास के सबसे महान राज्याभिषेक समारोह में, स्वर्गदूतों की सेना की उपस्थिति में घिरे हुए, स्वर्ग का मुकुट उसके सिर पर रखा गया, और उसके पिता ने राजा यीशु को राष्ट्रों पर शासन करने के लिए राजदण्ड दिया है। 

और स्वर्ग के प्रभु के रूप में, वह खड़ा नहीं रहता है, परन्तु बैठता है। यह उसकी महिमा का चिन्ह है कि वह अब बैठता है। वह स्वर्ग के सिंहासन पर बैठा हुआ है। पुरानी वाचा की प्रणाली के अन्तर्गत, “प्रत्येक याजक प्रतिदिन खड़ा होकर  सेवा करता तथा एक ही प्रकार का बलिदान जो पापों को कभी दूर नहीं कर सकता बार बार चढ़ाता है। परन्तु जब यीशु ने पापों के बदले सदा के लिए एक ही बलिदान चढ़ाया, तो वह परमेश्वर के दाहिने जा बैठा, और उसी समय से वह प्रतीक्षा कर रहा है, कि उसके शत्रु उसके चरणों की चौकी बन जाएं” (इब्रानियों 10:11-13)। स्वर्ग के प्रभु के रूप में, वह अपने पिता के साथ “परमेश्वर और मेमने के सिंहासन” पर बैठता है (प्रकाशितवाक्य 22:1,3)। 

युगों का प्रभु 
अंत में, अनेक अन्तहीन महिमाओं के मध्य में, यीशु युगों का प्रभु है। “वह आदि में परमेश्वर के साथ था” (यूहन्ना 1:2), और “वही सब वस्तुओं में प्रथम है” (कुलुस्सियों 1:17)। और पृथ्वी पर अपने आगमन के द्वारा, उसने इतिहास को दो भागों में विभाजित कर दिया। उसके बिना, कोई समय और इतिहास नहीं हुआ होता। स्वर्ग की आराधना उसके विषय में घोषणा करती है केवल वही “[इतिहास में परमेश्वर के उद्देश्यों की] इस पुस्तक के लेने और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है. . .” (प्रकाशितवाक्य 5:9)। 

 समय उसका है। वर्ष उसके हैं। वह प्रत्येक वर्ष और घण्टे, प्रत्येक महीने और मिनट, चौकस रहता है और अपने सिद्ध समय में वह अधर्मी का नाश करेगा और इस पतित युग को समाप्त कर देगा,

प्रेरित पतरस हमें युगों के ऊपर राजा यीशु के सम्प्रभु शासन के विषय में बताता है: “हे प्रियो, यह बात तुमसे छिपी न रहे कि प्रभु की दृष्टि में एक दिन हज़ार वर्ष के बराबर है, और हज़ार वर्ष एक दिन के बराबर” (2 पतरस 3:8)। वह धीमा नहीं है, जैसा कि हम धीमेपन तथा अधीर होने के लिए जाने जाते हैं, परन्तु वह धीरज रखता है, वह नहीं चाहता है कि कोई नाश हो, परन्तु यह कि सब पश्चात्ताप करें (2 पतरस 3:9)। 

परन्तु शीघ्र ही वह आ जाएगा, पलभर में एक चोर के समान (2 पतरस 3:10)। समय उसका है। वर्ष उसके हैं। वह प्रत्येक वर्ष और घण्टे, प्रत्येक महीने और मिनट, चौकस रहता है और अपने सिद्ध समय में वह अधर्मी का नाश करेगा (2 पतरस 3:7) और इस पतित युग को समाप्त कर देगा, और वह अपने लोगों को नए आकाश और नई पृथ्वी में प्रवेश कराएगा जिसमें धार्मिकता वास करती है (2 पतरस 3:13)। 

तेरा अतुलनीय राजा 
यीशु मसीह वास्तव में अतुलनीय राजा है, और हमारे विश्वास तथा उसके आत्मा की सामर्थ्य के द्वारा, वह हमारा राजा है। हम न केवल उसकी महिमा को दूर से ही देखते हैं परन्तु हम उसे सराहते हैं एक भाई तथा एक मित्र के रूप में, तथा उनके जैसे जो उसके द्वारा जाने जाते हैं, और हम स्वयं जानते हैं कि वह हमसे प्रेम करता है। 

यीशु के जैसा कोई अन्य राजा नहीं है। वह अनेक मुकुट के योग्य है।

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डेविड मैथिस
डेविड मैथिस

डेविड मैथिस desiringGod.org के कार्यकारी संपादक हैं और मिनियापोलिस/सेंट में सिटीज चर्च में पासबान हैं।

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