प्रभु का आनन्द ही आपका बल है

“मेरे विचार से यह कहना उचित है कि बहुत से ख्रीष्टीय विश्वास ही नहीं करते हैं कि परमेश्वर हर्षित है।” यह विचार रैन्डी एल्कोर्न का है, जिसे उन्होंने अपनी पुस्तक हर्ष (Happiness) में इसे लिखा है। “यदि हम इस पर विश्वास करते, तो क्या हम और अधिक हर्षित नहीं होते?”

ऐसा नहीं है कि ख्रीष्टीय यह नहीं चाहते हैं कि परमेश्वर हर्षित हो, परन्तु मात्र इतना है कि हम इस ईश्वरविज्ञान को समझने में मन्द हैं कि परमेश्वर सर्वदा, अनिवार्य रूप से तथा सम्पूर्ण रीति से हर्षित है। हम यह विश्वास कर सकते हैं कि वह कभी-कभी हर्षित होता है—और यह बात हमारे लिए अर्थ भी बनाती है। परन्तु क्या परमेश्वर सदैव, अनिवार्य रूप से, तथा अपने अस्तित्व के मूल में सम्पूर्ण रीति से हर्षित है?

यह एक ऐसा प्रश्न है जिसे समझने में हमें कठिनाई होती है, और सामान्य प्रश्नों में से एक प्रश्न जो हमें आस्क पास्टर जॉन  के ईमेल पर सबसे अधिक प्राप्त होता है वह इस प्रकार है: यदि परमेश्वर इतना अधिक हर्षित है, तो वह बाइबल में इतना क्रोधित क्यों प्रतीत होता है?

यह एक उचित प्रश्न है जिसके विषय में हमें विचार करना चाहिए, परन्तु वास्तव में यह दर्शाता है कि परमेश्वर के आनन्द के सम्बन्ध में हमारा ईश्वरविज्ञान कितना उथला और अज्ञानतापूर्ण है। हम इस प्रश्न का उत्तर जिस प्रकार से देंगे वह इस बात को निर्धारित करेगा कि हम अपने ख्रीष्टीय जीवन के हर पहलू को किस दृष्टिकोण से देखते हैं—और यह भी कि हम पवित्रता की खोज किस प्रकार करते हैं। 

यदि हम परमेश्वर के हर्ष को नहीं अपनाते हैं, तो हम अपने जीवन में तीन अनमोल वास्तविकताओं को जोखिम में डालते हैं। 

1. आपका आनन्द परमेश्वर के आनन्द पर निर्भर है। 
एक पतित संसार में, जो श्रापित है और कई बातों में व्यर्थ है, हम मूल रूप से हर्षित नहीं होते हैं और हमारी आदत हो जाती है लम्बे समय तक हर्ष रहित जीवन जीने की। हम “हर्षित” किए जाते हैं वस्तुओं को प्राप्त करने के द्वारा, उपहारों को प्राप्त करने के द्वारा, या यह अनुभव करने से कि हम किसी समूह के भाग हैं।  

इसके ठीक विपरीत, परमेश्वर स्वयं में हर्षित है। जैसा कि अक्वायनस ने स्पष्ट रूप से कहा, “परमेश्वर और यह उसका तत्व है: क्योंकि वह किसी वस्तु को अर्जित करने या किसी भी अन्य बात की सहभागिता के कारण नहीं, परन्तु अपने तत्व के कारण हर्षित है। दूसरी ओर, पुरुष किसी न किसी बात में सहभागी होने के द्वारा हर्षित होता है। 

हम कयासे लगाते हैं कि परमेश्वर किन बातों से हर्षित होगा (“सम्भवतः जब सभी बातें परमेश्वर की योजना के अनुसार होंगी तब वह हर्षित होगा”) हम सोच सकते हैं कि परमेश्वर को हर्षित होने के लिए किसी की सहभागिता की आवश्यकता है—ठीक वैसे ही जैसी हमें होती है।

परन्तु परमेश्वर ही हर्ष है । उसके त्रिएक स्वभाव में आनन्द एक आधारभूत तत्व है। परमेश्वर को प्राप्त करने का अर्थ है सभी आनन्द के सोते को प्राप्त करना, इस विचार को और भी अधिक सुन्दरता और सरलता से ऑगस्टीन द्वारा इस प्रकार कहा गया है: “परमेश्वर का अनुसरण करना ही हर्ष को प्राप्त करने की इच्छा रखना है; परमेश्वर के निकट पहुंचना स्वयं में एक हर्ष है।” हमें तब आनन्द प्राप्त होता है जब हम आनन्द के सार के समीप पहुंच जाते हैं: जो कि स्वयं परमेश्वर है। 

या इस विचार को हमारे समय के सबसे सचेत ईश्वरविज्ञानियों में एक के द्वारा समझें: “परमेश्वर अनिवार्य रूप से धन्य और आनन्दित है” (रिचर्ड मुलर, 3:382)। 

हाँ, आप कहेंगे, इन सभी कथनों के लिए धन्यवाद, परन्तु आप कृपया बाइबल के स्थल के द्वारा इस विचार को समझाएं। 

इस विचार की नींव 1 तीमुथियुस 1:11 में रखी गई है, जहां पौलुस “परमधन्य परमेश्वर के महिमामय सुसमाचार” की प्रशंसा करता है। परमेश्वर अनिवार्य रूप से धन्य है। उसका धन्य होना—उसके अनन्द—उसकी महिमा का केन्द्र है। यह खण्ड हमें दिखाता है कि परमेश्वर की प्रकट महिमा अनिवार्य रूप से उसके आन्तरिक आनन्द से सम्बन्धित है (द जॉय प्रोजेक्ट, 116-119)। परमेश्वर का वैभव उसका प्रज्वल्लित आनन्द है, और इसी आनन्द की प्रतिज्ञा वह हमसे करता है। उसकी पवित्रता और मनोहरता उसके द्वारा चुने हुए लोगों को उसकी ओर आकर्षित करती है। परमेश्वर अपने वैभव को उन किरणों के समान प्रकट करता है जो उसके त्रिएकता के आनन्द से फूट कर निकलती हैं, वह आनन्द जो स्थिर है और दूसरों को आनन्द प्रदान करता है।

इस सत्य को देखिए, और इसे ग्रहण कीजिए, और अपने जीवन में वर्त्तमान जीवन और  अनन्त जीवन में भी कभी समाप्त न होने वाले—आनन्द की प्राप्ति होगी। 

2. परमेश्वर वास्तव में आप में प्रफुल्लित होता है।
जब हम पहले से यह मान लेते हैं कि परमेश्वर मौलिक रूप से क्रोधित है, और साथ ही साथ हम यह भी जानते हैं कि हम कोई विशेष व्यक्ति नहीं हैं — न हम अनोखे हैं और न ही हमारा कोई कार्य इतना विचित्र है — हम विश्वास नहीं कर सकते कि कैसे सम्पूर्ण जगत का परमेश्वर पृथ्वी पर (या स्वर्ग में) हमारे कारण आनन्द का गीत गाएगा (सपन्याह 3:17)। 

कैसे एक पवित्र परमेश्वर मुझमें प्रफुल्लित हो सकता है?

हेनरी डॉनल्ड मौरिस स्पेंस (1836 – 1917) नामक एक प्रचारक थे जिन्होंने एक ऐसी बात कही जिसे मैं भूल नहीं पाता हूँ: परमेश्वर आनन्द से इतना परिपूर्ण है कि वह हम में भी आनन्द प्राप्त करता है।”

इस बात को एक क्षण के लिए अपने मस्तिष्क में उतरने दें। अपने धर्मी ठहराए जाने वाले बच्चों के लिए परमेश्वर के आनन्द का गीत केवल उस आनन्द का सारांश नहीं है जिससे हम उसके द्वारा प्राप्त करते हैं; परन्तु यह उसके प्रचुर आनन्द की बड़ोतरी है जो त्रीव गति से हमारे ऊपर स्वयं को व्यक्त कर रहा है। 

आनन्दमय लोग अधिक सरलता से हर्ष को व्यक्त कर सकते हैं, जैसे परमेश्वर अपने बच्चों के कारण आनन्दित होता है, क्योंकि वह अनिवार्य रीति से आनन्दपूर्ण है। 

3. परमेश्वर का हर्ष वह बल है जिसकी आपको आवश्यकता है। 
इस विचार पर एक स्थल चिर-परिचित है, परन्तु हम इस बात पर अधिक ध्यान से विचार करने के लिए नहीं रुकते हैं। “यहोवा में आनन्दित रहना ही तुम्हारा बल है” (नहेमायाह 8:10)। भले ही यहां “प्रभु का हर्ष” मुख्य रूप से उस हर्ष को सन्दर्भित करता है जो उसके पास है, या वह हर्ष जो वह हमें देता है, हमें हर्ष या बल की कोई वास्तविक आशा तब तक नहीं है जब तक कि परमेश्वर हर्षित न हो (यूहन्ना 15:11)। 

परमेश्वर हमें उस हर्ष के बाहर कोई हर्ष नहीं देता है जो उसके पास पहले से ही है। जिसका अर्थ है, परमेश्वर का हर्ष ही हमारा बल है। 

यह एक अद्भभुत बात है जिसे नहेमायाह और उन लोगों को दिया गया जो युद्ध के कारण नाश हो गए थे, असुरक्षाओं के कारण बलहीन हो गए थे, और निरन्तर उन्हें अपनी स्वयं की दुर्बलता ही स्मरण रहती थी। 

और यह वह स्थिति है जहां पर हम अपना बल प्राप्त करते हैं: जीवन के लिए, पीड़ा के लिए, परीक्षाओं के लिए, विवाह के लिए, बच्चों के पालन-पोषण के लिए, सेवा कार्य के लिए, सब कुछ के लिए। इस जीवन के लिए जिस बल की हमें आवश्यकता है वह परमेश्वर के तत्व आनन्द में है। 

अभी आत्मिक रीति से कभी भी उतना दृढ़ नहीं होगें जितना कि परमेश्वर हर्षित है। परमेश्वर का हर्ष ही हमारा बल है। इस बात को बाइबल के आधार पर समझें। परमेश्वर वास्तव में स्वयं में हर्षित है। 

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टोनी रेंकी
टोनी रेंकी

टोनी रेंकी desiringgod.org के वरिष्ठ शिक्षक हैं, वह Ask Pastor John पॉडकास्ट के आयोजनकर्ता तथा परमेश्वर, तकनीकि और ख्रीष्टीय जीवन (2022) के लेखक हैं। वह अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ फीनिक्स क्षेत्र में रहते हैं।

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