क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, प्रबल और किसी भी दोधारी तलवार से तेज़ है। वह प्राण और आत्मा, जोड़ों और गूदे, दोनों को आरपार बेधता और मन के विचारों तथा भावनाओं को परखता है। (इब्रानियों 4:12)
परमेश्वर का वचन ही हमारी एकमात्र आशा है। परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं का शुभ सन्देश और उसके न्याय की चेतावनियाँ पर्याप्त रीति से धारदार और पर्याप्त रीति से जीवित और पर्याप्त रीति से सक्रिय हैं, जो मेरे हृदय के तल तक जाकर मुझे दिखाती हैं कि पाप के झूठ वास्तव में झूठ ही हैं।
गर्भपात मेरे लिए एक उत्तम भविष्य को उत्पन्न नहीं करेगा। न ही छल, न ही अश्लील कपड़े पहनना, या स्वयं की यौन शुद्धता को गवाँ देना, या कार्य स्थल पर कुटिलता को अनदेखा करना, या तलाक, या प्रतिशोध। और जो बात मुझे इस छल से बचाती है वह है परमेश्वर का वचन।
परमेश्वर की प्रतिज्ञा का वचन ऐसा है कि मानो हमारे हृदयों में पाप के तिलचट्टे (कॉकरोचों) जो कि सन्तुष्टिदायक सुख का भेष धारण किए हुए थे, उन पर भोर की तेज धूप की एक बड़ी खिड़की खोल दी जाए। परमेश्वर ने आपको अपना शुभ सन्देश, अपनी प्रतिज्ञाएँ, अपने वचन इसलिए दिए हैं कि आप पाप के गहरे छल से सुरक्षित रहें जो आपके हृदय को कठोर करने और उसे परमेश्वर से दूर ले जाने और विनाश की ओर ले जाने का प्रयास करते हैं।
विश्वास करने के अपने युद्ध में साहस रखिए। क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, प्रबल और किसी भी दोधारी तलवार से धारदार है, यह पाप के किसी भी छल से कहीं अधिक गहराई तक प्रवेश करेगा और यह प्रकट करेगा कि वास्तव में क्या मूल्यवान है और वास्तव में भरोसा करने और प्रेम करने योग्य क्या है।