अतः हम साहस के साथ अनुग्रह के सिंहासन के निकट आएँ कि हम पर दया हो और अनुग्रह पाएँ कि आवश्यकता के समय हमारी सहायता हो। (इब्रानियों 4:16)
हम में से प्रत्येक जन को सहायता की आवश्यकता है। हम परमेश्वर नहीं हैं। हमारी आवश्यकताएँ हैं। हम में निर्बलताएँ हैं। हम भ्रमित होते हैं। हम में सब प्रकार की कमियाँ हैं। हमें सहायता की आवश्यकता है।
परन्तु हम से प्रत्येक के पास कुछ और भी है: हमारे पास पाप हैं। और इसलिए अपने हृदयों की गहराइयों में हम जानते हैं कि हम उस सहायता के योग्य नहीं हैं जिसकी हमें आवश्यकता है। और इसलिए हमें ऐसा प्रतीत होता है कि हम फँसे हुए हैं।
मुझे सहायता की आवश्यकता है अपना जीवन जीने के लिए, मृत्यु का सामना करने के लिए, और अनन्तता का सामना करने के लिए — मुझे सहायता की आवश्यकता है अपने परिवार के लिए, अपनी पत्नी के लिए, अपने बच्चों के लिए, अपने अकेलेपन के लिए, अपने कार्य के लिए, अपने स्वास्थ्य के लिए, अपने धन के लिए। परन्तु मैं उस सहायता के योग्य नहीं हूँ जिसकी मुझे आवश्यकता है।
तो मैं क्या कर सकता हूँ? मैं इन सबको नकारने का प्रयास कर सकता हूँ और स्वयं को एक ऐसा महानायक या महानायिका समझ सकता हूँ जिसे किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता नहीं है। या मैं सब कुछ को डुबोने का प्रयास कर सकता हूँ और अपने जीवन को कामुक सुखों के कुण्ड में डुबा सकता हूँ। या मैं हार मानकर निराशा के कारण लकवाग्रसित स्थिति में पड़ सकता हूँ।
परन्तु परमेश्वर इस आशाहीन परिस्थिति के लिए घोषणा करता है: यीशु ख्रीष्ट उस निराशा को आशा के द्वारा नाश करने के लिए, और उस महानायक या महानायिका को नम्र करने के लिए, और उस डूबने वाले अभागे को बचाने के लिए, एक महायाजक बना।
हाँ, हम सब को सहायता की आवश्यकता है। हाँ, हम में से कोई भी उस सहायता के योग्य नहीं है जिसकी हमें आवश्यकता है। परन्तु हमें निराशा और घमण्ड और कामुकता में नहीं पड़ जाना है। देखिए! परमेश्वर क्या कहता है। क्योंकि हमारे पास एक महान् महायाजक है, परमेश्वर का सिंहासन अनुग्रह का सिंहासन है। और उस अनुग्रह के सिंहासन से जो सहायता हमें प्राप्त होती है वह आवश्यकता के समय के लिए दया और अनुग्रह है। सहायता के लिए अनुग्रह! ऐसी सहायता नहीं जिसके हम योग्य हैं — किन्तु अनुग्रहकारी सहायता। इसीलिए तो महायाजक यीशु ख्रीष्ट ने अपना लहू बहाया है।
आप फँसे हुए नहीं हैं। उस झूठ का खण्डन करें। हमें सहायता की आवश्यकता है। हम इसके योग्य नहीं हैं। परन्तु हमें यह प्राप्त हो सकती है। आप इसे अभी और सर्वदा के लिए प्राप्त कर सकते हैं। यह आपको तब प्राप्त होगी यदि आप अपने महायाजक, परमेश्वर के पुत्र यीशु को ग्रहण करेंगे और उस पर भरोसा करेंगे, और उसके द्वारा परमेश्वर के निकट आएँगे।