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शिष्योन्नति करने का अर्थ।

“जाओ और सब जातियों के लोगों को चेले बनाओ तथा उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो, और जो जो आज्ञाएं मैंने तुम्हें दी हैं उनका पालन करना सिखाओ।…” (मत्ती 28:18-20)।

शिष्योन्नति का अर्थ – शिष्य के हित में किए जाने वाला कार्य हैं। परन्तु जब हम कलीसिया के सन्दर्भ में शिष्योन्नति की बात करते हैं। तो इसका साधारण सा अर्थ – यीशु का अनुसरण करने में विश्वासियों की सहायता करना है। यीशु ख्रीष्ट की आज्ञाओं के अनुसार जीवन जीने में सहायता करना है।

शिष्योन्नति का कार्य प्रत्येक विश्वासी का प्रथम कार्य है। क्योंकि इसकी आज्ञा स्वयं हमारे प्रभु यीशु ख्रीष्ट ने दी है। जो लोग यीशु को नहींं जानते हैं। उन्हें सुसमाचार सुनाना है और उन्हें शिष्य बनाना है। परन्तु जो लोग पहले से ही यीशु ख्रीष्ट में विश्वास करते हैं, उन्हें ख्रीष्टीय जीवन में बढ़ने की आवश्यकता होती है। उन्हें यीशु की आज्ञाओं पालन करने में सहायता की आवश्यकता होती है। उन्हें जीवन में पाप से संघर्षों में परामर्श जैसी सहायता होती है। इसलिए कलीसिया के भीतर शिष्योन्नति का कार्य अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाता है।

इस कार्य करने के लिए सबसे पहले हमें स्वयं एक शिष्य बनना होगा। हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि इस महत्वपूर्ण कार्य को केवल एक शिष्य ही कर सकता है। ख्रीष्टीय होने का अर्थ यीशु का एक शिष्य होना है।

ख्रीष्टीय जीवन शिष्य बनने और शिष्योन्नति का जीवन है। क्योंकि शिष्य शिष्यता करते हैं। वह लोगों को सिखाते हैं, उनके जीवन में विभिन्न प्रकार से निवेश करते हैं और आवश्यकता पड़े पर एक-दूसरे का सुधार भी करते हैं। अपने जीवन को दूसरों की ओर उन्मुख करते हैं और जीवन के प्रत्येक क्षण के माध्यम से परमेश्वर और उसके वचन के ज्ञान का संचारण एक-दूसरे के जीवन में करते हैं। यह हमारे लिए कोई विकल्प नहीं है, परन्तु यह हमारा उत्तरदायित्व है।

प्रिय भाइयो-बहनो, शिष्योन्नति का कार्य हमारा प्रथम उत्तरदायित्व होना चाहिए। क्योंकि शिष्य बनाने और शिष्योन्नति के सन्दर्भ में यीशु ख्रीष्ट अपने शिष्यों को महान आदेश देते हैं। वह महान आदेश न केवल उस समय उनके लिए था, किन्तु इस समय, आज हमारे लिए भी है। यह महान आदेश प्रत्येक ख्रीष्टीय के लिए लागू होता है। इसलिए हम ख्रीष्टीय लोगों को इस शिष्योन्नति के कार्य में निरन्तर लगे रहना चाहिए। जिससे कि शिष्य लोग ख्रीष्ट की समानता में बढ़ते जाएं और उन्नति करते जाएँ।

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रोहित मसीह
रोहित मसीह

परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते हैं और मार्ग सत्य जीवन के साथ सेवा करते हैं।

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