उचित लज्जा क्या है?

April 10, 2025

उचित लज्जा क्या है?

क्योंकि जब तुम पाप के दास थे तो धार्मिकता की ओर से स्वतन्त्र थे। जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो उनसे उस समय पर क्या लाभ प्राप्त करते थे? क्योंकि उनका परिणाम तो मृत्यु है। (रोमियों 6:20-21)

जब एक ख्रीष्टीय की आँखे अपने पुराने व्यवहार द्वारा परमेश्वर का अनादर करने वाली दुष्टता के प्रति खोली जाती हैं, तो वह ख्रीष्टीय उचित रीति से लज्जा का आभास करता है। पौलुस रोम की कलीसिया से कहता है, “जब तुम पाप के दास थे . . . जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो  उनसे उस समय पर क्या लाभ प्राप्त करते थे?”

बीती बातों के विषय में मुड़कर देखने और पीड़ा की चुटकी को अनुभव करने का एक उचित स्थान है कि हम एक समय ऐसा जीवन जी रहे थे जो परमेश्वर का अत्यधिक अनादर करने वाला था। यह सच है, कि इस बात पर विचार करते रहने के द्वारा हमें लकवाग्रस्त नहीं होना चाहिए। किन्तु एक संवेदनशील ख्रीष्टीय का हृदय युवावस्था की मूर्खता के विषय में बिना लज्जा की गूँज को अनुभव किये नहीं सोच सकता है, भले ही प्रभु के साथ हमारा उचित सम्बन्ध हो।

उचित लज्जा बहुत स्वास्थवर्धक और छुटकारा दायक हो सकती है। पौलुस ने थिस्सलुनीकियों से कहा, “यदि कोई हमारे इस पत्र की बातों का पालन न करे तो उस मनुष्य से सतर्क रहो, और उसकी संगति न करो कि वह लज्जित हो” (2 थिस्सलुनीकियों 3:14)। इसका अर्थ यह है कि हृदय-परिवर्तन की प्रक्रिया में, और यहाँ तक कि आत्मिक शिथिलता और पाप के समयकाल से एक विश्वासी के पश्चात्ताप में भी, लज्जा एक उचित और छुटकारा देने वाला चरण है। लज्जा कोई ऐसी बात नहीं है जिसे किसी भी मूल्य पर टाला जाना चाहिए। अपने लोगों के साथ परमेश्वर के अच्छे व्यवहार में इसका एक उचित स्थान है।

हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि अनुचित  लज्जा और उचित  लज्जा के लिए बाइबल की कसौटी मौलिक रूप से परमेश्वर-केन्द्रित है।

अनुचित  लज्जा के लिए बाइबल की कसौटी कहती है, परमेश्वर का आदर करने वाली किसी बात के लिए लज्जा का अनुभव  करें, भले ही वह आपको अन्य लोगों की दृष्टि में कितना भी निर्बल या मूर्ख या त्रुटिपूर्ण क्यों न दिखाए। या अनुचित लज्जा के इस परमेश्वर-केन्द्रित कसौटी को लागू करने की एक और रीति है: किसी वास्तविक लज्जाजनक स्थिति के कारण लज्जा का आभास न करें जब तक कि आप किसी भी रीति से उस बुराई में भाग नहीं ले रहे हैं।

उचित  लज्जा के लिए बाइबल की कसौटी कहती है कि, परमेश्वर का अनादर करने वाली किसी भी उन बातों को करने में लज्जा का अनुभव करें, भले ही यह आपको दूसरों की दृष्टि में कितना भी दृढ़ या बुद्धिमान या सही बनाती है।

हमें परमेश्वर का अनादर करने वाले व्यवहार के प्रति अस्वीकृति के कारण लज्जा का अनुभव करना चाहिए।  हमें परमेश्वर का आदर करने वाले व्यवहार के कारण लज्जा का अनुभव नहीं करना चाहिए, भले ही इसके लिए लोग आपको लज्जित करने का प्रयास करें।

साझा करें
जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

Articles: 407

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  1. उचित लज्जा क्या है? (Current)

    जॉन पाइपर | April 10, 2025
  2. मृत्यु का पूर्वाभ्यास (Rehearsal)

    जॉन पाइपर | December 31, 2025
  3. तैयार और सशक्त किए गए

    जॉन पाइपर | December 30, 2025
  4. एक भयानक गन्तव्य

    जॉन पाइपर | December 29, 2025
  5. महिमा ही लक्ष्य है

    जॉन पाइपर | December 28, 2025
  6. आपका लक्ष्य क्या है?

    जॉन पाइपर | December 27, 2025
  7. आपदा के विषय में कैसे विचार करें

    जॉन पाइपर | December 26, 2025
  8. क्रिसमस के तीन उपहार

    जॉन पाइपर | December 25, 2025
  9. क्रिसमस के दो उद्देश्य

    जॉन पाइपर | December 24, 2025
  10. परमेश्वर का अवर्णनीय उपहार

    जॉन पाइपर | December 23, 2025
  11. कि तुम विश्वास करो

    जॉन पाइपर | December 22, 2025