वह जिसने अपने पुत्र को भी नहीं छोड़ा परन्तु उसे हम सब के लिए दे दिया, तो वह उसके साथ हमें सब कुछ उदारता से क्यों न देगा? (रोमियों 8:32)।
परमेश्वर के भविष्य-के-अनुग्रह की सबसे व्यापक प्रतिज्ञा रोमियों 8:32 में पायी जाती है। यह मेरे लिए बाइबल में सबसे बहुमूल्य पद है। इसका एक कारण यह है कि इसकी प्रतिज्ञा इतनी व्यापक है कि यह मेरे जीवन और सेवकाई में लगभग हर मोड़ पर मेरी सहायता करने के लिए तैयार रहती है। मेरे जीवन में ऐसी परिस्थिति न कभी हुई, और न कभी होगी जहाँ यह प्रतिज्ञा अप्रासंगिक हो।
वह व्यापक प्रतिज्ञा सम्भवत: स्वयं में इस पद को सबसे बहुमूल्य नहीं बनाएगी। ऐसी और भी व्यापक प्रतिज्ञाएँ हैं जैसे कि भजन 84:11: “जो खरी चाल चलते हैं उनसे [परमेश्वर] कोई अच्छी वस्तु रख न छोड़ेगा।” और 1 कुरिन्थियों 3:21-23 “सब कुछ तुम्हारा है, चाहे पौलुस हो या अपुल्लोस या कैफा, चाहे संसार हो या जीवन या मृत्यु, चाहे वर्तमान की बातें हो या आने वाली बातें — यह सब कुछ तुम्हारा है, और तुम ख्रीष्ट के हो, और ख्रीष्ट परमेश्वर का है।” इन प्रतिज्ञाओं की व्यापकता और विस्तार के विषय में अतिश्योक्ति करना कठिन है।
परन्तु वह तर्क उसको अनूठा बनाता है जिस पर रोमियों 8:32 की प्रतिज्ञा आधारित है और उसे परमेश्वर के उस प्रेम की नाई ठोस और अटल बनाता है जिसे वह अपने अनन्त रीति से प्रशंसनीय पुत्र से करता है।
रोमियों 8:32 में एक ऐसी नींव और ऐसी निश्चयता है जो कि इतनी शक्तिशाली और इतनी ठोस और इतनी सुरक्षित है कि इस बात की सम्भावना भी नहीं है कि यह प्रतिज्ञा कभी टूट सकती है। यह बात इसे अत्याधिक व्याकुलता की घड़ी में सर्वदा-उपस्थित रहने वाली सामर्थ्य बनाती है। शेष कुछ भी टूट जाए, शेष कुछ भी निराश करे, शेष कुछ भी असफल हो जाए, पर यह भविष्य-के-अनुग्रह की व्यापक प्रतिज्ञा कभी असफल नहीं हो सकती है।
“वह जिसने अपने पुत्र को भी नहीं छोड़ा परन्तु उसे हम सब के लिए दे दिया . . . ।” यही नींव है। यदि यह सत्य है, स्वर्ग के तर्क के अनुसार, तो पूर्ण निश्चितता के साथ, परमेश्वर उन लोगों को सब कुछ देगा जिनके लिए उसने अपना पुत्र दिया!