Profit Gain AI Profit Method AI Crypto Core Profit

हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं। (लूका 23:34) 

क्रूस पर यह यीशु की पहली वाणी है, जहाँ वह अपने पिता से प्रार्थना कर रहा है। इस प्रार्थना से जुड़ी दो असाधारण बातों को हम इस लेख में देखेंगे।  

1. एक असाधारण अवस्था में प्रार्थना: यीशु ने क्रूस पर पीड़ा को सहते हुए इस प्रार्थना को किया। वह किसी अच्छे स्थान पर नहीं बैठा था और न ही उसकी अवस्था अच्छी थी। उसके हाथों और पैरों में कीलें ठोंकी गई थी और वह लहूलुहान था। परन्तु क्रूस पर इस पीड़ा की अवस्था में उसके मन में अपने शत्रुओं के प्रति कड़वाहट, प्रतिशोध और क्रोध नहीं था। वह न तो अपने शत्रुओं के विनाश के लिए, न अपने छुटकारे या बचाव के लिए प्रार्थना कर रहा है। इसके विपरीत वह अपने शत्रुओं की क्षमा हेतु अपने पिता से प्रार्थना कर रहा है। न केवल उसने लोगों को क्षमा के विषय में निर्देश दिए, परन्तु अपनी सेवा के दिनों में और क्रूस पर भी मृत्यु के समय क्षमा करने को प्रदर्शित किया जो इस बात को दर्शाता है कि पाप क्षमा करने का अधिकार यीशु ही के पास है।  

2. एक असाधारण उत्तर के लिए प्रार्थना: इस प्रार्थना में यीशु अपने शत्रुओं के जीवन में एक परिणाम को देखना चाहते हैं। यह उनके विनाश से जुड़ा नहीं है परन्तु यह उनके उद्धार से जुड़ा हुआ है। यीशु ने अपनी प्रार्थना के उत्तर मे अपना छुटकारा नहीं मांगा। उसने यह मांगा कि उसके शत्रु क्षमा को प्राप्त करें। यीशु इस सत्य को जानता था कि शैतान ने लोगों की बुद्धि को अन्धा कर दिया है और इसलिए वे सब सुसमाचार की ज्योति से वंचित हैं (2 कुरिन्थियों 4:4)। यीशु अपनी प्रार्थना के उत्तर में यही मांग रहे थे कि पिता परमेश्वर उनके ऊपर अपनी कृपादृष्टि करे। जिससे कि उनकी आँखें खुल सकें और वह सुसमाचार की महिमा को देख सकें। 

यीशु की प्रार्थना में यह दो असाधारण बातें हमारे लिए प्रोत्साहन का विषय है। अतः हमें उस क्षमा के अर्थ और गम्भीरता को समझना होगा। यीशु ने हमारे लिए क्षमा का द्वार खोल दिया है। अब, जो कोई उस पर विश्वास करेगा और पश्चात्ताप करेगा वो अपने पापों की क्षमा को प्राप्त करेगा। और हम में से जितनों के ऊपर परमेश्वर की कृपादृष्टि हुई है, हम इस सुसमाचार के लिए धन्यवादी हों और इसे दूसरों तक भी लेकर जाने के लिए तत्पर बनें।  

साझा करें
मोनीष मित्रा
मोनीष मित्रा

परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते हैं और मार्ग सत्य जीवन के साथ सेवा करते हैं।

Articles: 38

Special Offer!

ESV Concise Study Bible

Get the ESV Concise Study Bible for a contribution of only 500 rupees!

Get your Bible