अपने पुत्र के लिए परमेश्वर के प्रेम जितना निश्चित? 

परमेश्वर प्रत्येक पीड़ा को उसके विनाशकारी शक्ति से निरस्त्र कर देता है। आपको इस पर अवश्य ही विश्वास करना चाहिए नहीं तो आप आधुनिक जीवन के दबावों और प्रलोभनों में एक ख्रीष्टीय के रूप में विकसित नहीं हों पाएँगे, और सम्भवत: आप जीवित भी नहीं रह पाएँगे।

बहुत सारी पीड़ा है, बहुत सारी रुकावटें और निराशाएँ हैं, बहुत सारे विवाद और दबाव हैं। मुझे नहीं पता कि मैं कहाँ मुड़ता, यदि मैं यह विश्वास नहीं करता कि सर्वसामर्थी परमेश्वर प्रत्येक बाधा और प्रत्येक निराशा और प्रत्येक विवाद और प्रत्येक दबाव और प्रत्येक पीड़ा को ले रहा है, और उसकी विनाशकारी शक्ति को निरस्त्र कर रहा है, और उसने परमेश्वर में मेरे आनन्द की बढ़ोत्तरी के लिए उपयोग कर रहा है।

1 कुरिन्थियों 3:21- 23 में पौलुस के आश्चर्यजनक शब्दों को सुनें, “सब कुछ तुम्हारा है, चाहे पौलुस हो या अपुल्लोस या कैफा, चाहे संसार हो या जीवन या मृत्यु, चाहे वर्तमान बातें हों या आने वाली बातें — यह सब कुछ तुम्हारा है, और तुम ख्रीष्ट के हो, और ख्रीष्ट परमेश्वर का है।” संसार हमारा है। जीवन हमारा है। मृत्यु हमारी है। इस बात को मैं इस प्रकार समझता हूँ कि: परमेश्वर अपने चुने हुओं की ओर से इतने सर्वोच्च रूप से शासन करता है कि जीवनपर्यन्त आज्ञाकारिता और सेवकाई में जो कुछ भी हमारे सामने आता है वह परमेश्वर के शक्तिशाली हाथ के द्वारा वश में किया जाएगा और परमेश्वर में हमारी पवित्रता और हमारे अनन्त आनन्द का दास बना दिया जाएगा।

यदि परमेश्वर हमारे पक्ष में है, और यदि परमेश्वर वास्तव में परमेश्वर है, तो यह सत्य है कि हमारे विरुद्ध कुछ भी सफल नहीं हो सकता है। वह जिसने अपने पुत्र को भी नहीं रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिए निश्चित् रूप से और सेंतमेंत में दे दिया है, तो वह उसके साथ हमें सब कुछ भी दे देगा—सब कुछ—संसार, जीवन, मृत्यु, और स्वयं परमेश्वर।

रोमियों 8:32 एक अनमोल मित्र है। परमेश्वर के भविष्य-के-अनुग्रह की प्रतिज्ञा जो अति महान है। परन्तु इसकी नींव सबसे महत्वपूर्ण है: मैंने इसे स्वर्ग का तर्क कहा है। यहाँ सभी बाधाओं के विरुद्ध खड़े होने का एक स्थान है। परमेश्वर ने अपने ही पुत्र को नहीं छोड़ा! इसलिए! इसलिए! स्वर्ग का तर्क! इसलिए, वह हमें वह सब कुछ देने के लिए हर सम्भव प्रयास क्यों नहीं करेगा जिसे मोल लेने के लिए ख्रीष्ट मर गया—सब कुछ, सभी भली, और सभी बुरी बातें जो हमारे भले के लिए कार्य करती हैं!

यह उतना ही निश्चित है जितना कि यह तथ्य कि उसने अपने पुत्र से प्रेम किया है। 

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जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

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