छह बिन्दुओं में सुसमाचार का साराँश

यहाँ सुसमाचार का साराँश दिया गया है जो इसे समझने और इसका आनन्द लेने और इसको बाँटने में आपकी सहायता करेगा।

1)      परमेश्वर ने हमें अपनी महिमा के लिए रचा है।

“मेरे पुत्रों को दूर से तथा मेरी पुत्रियों को पृथ्वी के छोर से ले आओ, अर्थात् हर एक को जो मेरे नाम का कहलाता है, जिसको मैंने अपनी महिमा के लिए सृजा है, तथा जिसको मैंने रचा और बनाया है” (यशायाह 43:6-7)। परमेश्वर ने हम सब को अपने स्वरूप में बनाया है जिससे कि हम उसके चरित्र और नैतिक सुन्दरता को प्रकट करें या प्रतिबिम्बित करें।

2)      इसलिए प्रत्येक मनुष्य को परमेश्वर की महिमा के लिए जीना चाहिए।

“अत: चाहे तुम खाओ या पीओ या जो कुछ भी करो, सब परमेश्वर की महिमा के लिए करो” (1 कुरिन्थियों 10:31)। परमेश्वर की महिमा के लिए जीने का अर्थ है उससे प्रेम करना (मत्ती 22:37), उस पर भरोसा करना (रोमियों 4:20), उसके प्रति धन्यवादी रहना (भजन 50:23), उसकी आज्ञा मानना (मत्ती 5:16), और सब कुछ से बढ़कर उसे सँजोना (फिलिप्पियों 3:8; मत्ती 10:37)। जब हम इन कार्यों को करते हैं तो हम परमेश्वर की महिमा को प्रकट करते हैं।

3)      फिर भी, हम सबने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।

“सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं” (रोमियों 3:23)। “यद्यपि वे परमेश्वर को जानते थे, फिर भी उन्होंने उसे न तो परमेश्वर के उपयुक्त सम्मान, और न ही धन्यवाद दिया . . . उन्होंने अविनाशी परमेश्वर की महिमा को मूर्ति की समानता में बदल डाला” (रोमियों 1:21-23)। हम में से किसी ने भी परमेश्वर से प्रेम, या भरोसा, या धन्यवाद, या आज्ञापालन, या सँजोया नहीं है जैसा कि हमें करना चाहिए।

4)      इसलिए हम सब अनन्त दण्ड के योग्य हैं।

“पाप की मज़दूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु ख्रीष्ट यीशु में अनन्त जीवन है” (रोमियों 6:23)। जिन्होंने यीशु ख्रीष्ट की आज्ञा का पालन नहीं किया “ऐसे लोग उस दिन प्रभु की उपस्थिति तथा उसकी शक्ति के प्रताप से दूर होकर अनन्त विनाश का दण्ड पाएँगे” (2 थिस्स्लुनीकियों 1:9)। “ये लोग अनन्त दण्ड भोगेंगे, परन्तु धर्मी अनन्त जीवन में प्रवेश करेंगे” (मत्ती 25:46)।

5)      फिर भी, उसकी महान दया में, परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र यीशु ख्रीष्ट को पापियों को अनन्त जीवन का मार्ग प्रदान करने के लिए जगत में भेजा।

“परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, कि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए” (यूहन्ना 3:16)। “ख्रीष्ट ने व्यवस्था के शाप से हमें मूल्य चुकाकर छुड़ाया” (गलातियों 3:13)। “ख्रीष्ट भी सब के पापों के लिए एक ही बार मर गया,अर्थात् अधर्मियों के लिये धर्मी जिस से वह हमें परमेश्वर के समीप ले आए” (1 पतरस 3:18)।

6)      इसलिए अनन्त जीवन उन सबके लिए सेतमेंत में उपहार है जो ख्रीष्ट पर अपने जीवनों में प्रभु और उद्धारकर्ता और सर्वोच्च धन के रूप में भरोसा करते हैं।

“प्रभु यीशु पर विश्वास कर तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा” (प्रेरितों के काम 16:31)। “यदि तू अपने मुख से यीशु को प्रभु जान कर अंगीकार करे, और अपने मन में यह विश्वास करे कि परमेश्वर ने उसे मृतकों में से जीवित किया तो तू उद्धार पाएगा” (रोमियों 10:9)। “क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं वरन् परमेश्वर का दान है, यह कार्यों के कारण नहीं जिससे कि कोई घमण्ड करे” (इफिसियों 2:8-9)। “मैं ख्रीष्ट के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूँ। अब मैं जीवित नहीं रहा, परन्तु ख्रीष्ट मुझ में जीवित है,और अब मैं जो शरीर में जीवित हूँ, तो केवल उस विश्वास से जीवित हूँ जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिसने मुझ से प्रेम किया और मेरे लिए अपने आप को दे दिया” (गलातियों 2:20)। “मैं अपने प्रभु यीशु ख्रीष्ट की श्रेष्ठता के कारण सब बातों को तुच्छ समझता हूँ। जिसके कारण मैंने सब वस्तुओं की हानि उठाई है और उन्हें कूड़ा समझता हूँ जिससे मैं ख्रीष्ट को प्राप्त करूँ” (फिलिप्पियों 3:8)। 

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जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

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