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यीशु ख्रीष्ट ही क्रिसमस है।

दिसम्बर माह में प्रायः घरों में, मॉल में, दुकानों आदि में प्रायः क्रिसमस सम्बन्धी सजावट दिखने को मिल जाती है। ये सब बातें लोगों के आकर्षण का केन्द्र बिन्दु बन जाती है। 

इसी कारण से प्रायः लोग क्रिसमस को मनाने के तरीके और सजावट, खाने-पीने आदि चका-चौंध में पड़ जाते हैं। वे क्रिसमस के वास्तविक अर्थ को भूल जाते हैं। संसार की भौतिक वस्तुओं के आनन्द तक सीमित रह जाते हैं। 

क्रिसमस परमेश्वर के अविश्वसनीय प्रेम के कार्य का उत्सव है।

इसी प्रकार से कई बार सच्चे विश्वासी लोग भी इन्हीं बातों पड़ जाते हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि ये सब व्यर्थ है या पाप है। परन्तु मैं ये कह रहा हूँ कि क्रिसमस इन वस्तुओं के विषय में नहीं है। क्रिसमस या ख्रीष्ट-जन्मोत्सव तो केवल ख्रीष्ट के विषय में है।

इसलिए हमारे लिए यह आवश्यक हो जाता है कि क्रिसमस के वास्तविक अर्थ को समझा जाए और अपने समस्त बातों व मन को क्रिसमस के मुख्य नायक – यीशु ख्रीष्ट पर केन्द्रित किया जाए। 

क्रिसमस परमेश्वर के अविश्वसनीय प्रेम के कार्य का उत्सव है। जिसमें परमेश्वर पिता ने अपने एकलौते पुत्र को हमारे पापों से उद्धार के लिए दे दिया। जैसा कि यूहन्ना 3:16 वर्णन करता है कि “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करें वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।” 

क्रिसमस हमारे लिए अनन्त जीवन और आशा को प्रदान करता है। इसलिए हमारे लिए हर्षोल्लास और उत्सव मनाने का विषय है। इसलिए, इस उत्सव का केन्द्र-बिन्दु केवल यीशु ख्रीष्ट ही होना चाहिए। 

क्रिसमस को मनाने का अर्थ यीशु ख्रीष्ट के देहधारण के कारण, परमेश्वर की महिमा करना है।

सारी सृष्टि का सृजनहार मनुष्य रूप धारण करके इस संसार में आ गया, जिसका नाम यीशु ख्रीष्ट है। अब सोचने वाली बात यह है कि क्यों अनादिकाल का सब कुछ को बनाने वाला परमेश्वर स्वयं मनुष्य बना? क्यों उसने अपने परमेश्वरत्व में मनुष्यत्व को जोड़ लिया? 

इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि हम जो परमेश्वर की महिमा से रहित थे, तब परमेश्वर पुत्र (यीशु) अपने देहधारी हुआ जिससे कि वह अपने जीवन व मृत्यु  और पुनरुत्थान के द्वारा हमें परमेश्वर की महिमा में पुनः वापस ले आए। 

यह बात हमें परमेश्वर के प्रेम के प्रति आभार से, धन्यवाद से और कृतज्ञता से भर देती है। यह बात इस क्रिसमस के अवसर पर हमें प्रेरित करनी चाहिए, कि हम परमेश्वर की महिमा करें। क्योंकि यीशु ख्रीष्ट के द्वारा हम परमेश्वर की महिमा में लाए गए हैं।

यदि हमने अपने घरो में सजावट करके रखी है, हमने केक बनवाया है, अच्छा क्रिसमस ट्री और स्टार लगा रखा है, तो हमारी बात-चीत का विषय साज-सज्जा नहीं होगी, परन्तु हमारी चर्चा का विषय यीशु ख्रीष्ट होगा, जो परमेश्वर होते हुए भी मनुष्य बन गया अर्थात् अपने मनुष्यत्व में परमेश्वर जोड़ लिया। इस संसार में आ गया, जिससे कि वह हमारे लिए जीवन जीने और बलिदान होने के द्वारा हमें हमारे पापों से उद्धार करे।  

अन्त में, मैं आपसे आग्रह करना चाहूँगा कि यदि आप यीशु ख्रीष्ट में विश्वास करते हैं तो कृपया इन बातों पर विचार कीजिए और अपने उद्धारकर्ता के जन्म के कारण आनन्दित होइए और उत्सव मनाइए। 

यदि आप यीशु ख्रीष्ट को नहीं जानते हैं तो मैं आपको आमंत्रित करना चाहूँगा, कि आप हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु ख्रीष्ट पर विश्वास कीजिए और ख्रीष्ट-जन्मोत्सव के आनन्द में सहभागी होइए।

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भास्कर पॉल
भास्कर पॉल

परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते हैं और मार्ग सत्य जीवन के साथ सेवा करते हैं।

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