परमेश्वर की दया प्रति भोर को नई होती है इसलिए प्रत्येक दिन के पास केवल उतनी ही दया है जो उस दिन के लिए पर्याप्त है। परमेश्वर प्रत्येक दिन के दुखों को निर्धारित करता है। और परमेश्वर ही प्रत्येक दिन की दया भी निर्धारित करता है। उसके बच्चों के जीवन में, ये पूर्ण सिद्धता के साथ निर्धारित की गई है। यीशु ने कहा, “इसलिए कल की चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा। आज के लिए आज ही का दुख बहुत है” (मत्ती 6:34) प्रत्येक दिन में उस दिन के दुख उपस्थित होते हैं। प्रत्येक दिन के पास स्वयं की दया भी होती है। प्रत्येक दया प्रतिदिन नई होती है।
किन्तु जब हम यह सोचते हैं कि सम्भवतः हमें आज के संसाधनों पर कल का भी बोझ उठाना पड़ेगा तो हम प्रायः हताश हो जाते हैं। परमेश्वर हमें बताना चाहते हैं कि: हमें ऐसा नहीं करना पड़ेगा। आज की दया आज के दुखों के लिए है। कल की दया, कल के दुखों के लिए होगी।
कभी-कभी हम यह सोचते हैं कि पता नहीं घोर परीक्षा के समय में हम पर दया होगी कि नहीं। जी हाँ, हम पर दया होगी। पतरस कहता है, “यदि ख्रीष्ट के नाम के कारण तुम्हारी निन्दा की जाती है तो तुम धन्य हो, क्योंकि महिमा का आत्मा, जो परमेश्वर का आत्मा है, तुम में वास करता है” (1 पतरस 4:14)। जब निन्दा आती है, तो महिमा का आत्मा भी आता है। ऐसा ही स्तिफनुस के साथ भी हुआ जब उसका पथराव हुआ। यह आपके लिए भी होगा। जब आत्मा और महिमा की आवश्यकता होगी, तो वे आयेंगे।
जंगल में मन्ना दिन में एक बार दिया गया था। उसे बचा के नहीं रखना था। इसी रीति से हमें भी परमेश्वर की दया पर निर्भर होना चाहिए। आप कल का बोझ उठाने के लिए आज सामर्थ्य नहीं प्राप्त करते हैं। आप को आज की दया, आज के दुखों के लिए दी गई है।
कल, दया नई होगी। “परमेश्वर विश्वासयोग्य है, जिसके द्वारा तुम उसके पुत्र हमारे प्रभु यीशु ख्रीष्ट की संगति में बुलाए गए हो” (1 कुरिन्थियों 1:9)।