कभी न समाप्त होने वाला मधुमास (हनीमून)
जॉन पाइपर द्वारा भक्तिमय अध्ययन

जॉन पाइपर द्वारा भक्तिमय अध्ययन

संस्थापक और शिक्षक, desiringGod.org

जैसे दूल्हा अपनी दुल्हन के कारण हर्षित होता है, वैसे ही तेरा परमेश्वर तेरे कारण हर्षित होगा। (यशायाह 62:5)

जब परमेश्वर अपने लोगों के प्रति भला करता है तो वह एक संकोच करने वाले न्यायाधीश के जैसा नहीं होता है जो एक ऐसे अपराधी पर दया दिखाता है जो उसकी दृष्टि में घृणित है। वह एक दूल्हे के जैसा है जो अपनी दुल्हन को स्नेह दिखाता है।

कभी-कभी हम उपहास करते हुए विवाह के विषय में कहते हैं, “मधुमास समाप्त हो गया है।” परन्तु वह इसलिए होता है क्योंकि हम सीमित हैं। हम मधुमास के जैसी तीव्रता और स्नेह को नहीं बनाए रख सकते हैं। परन्तु परमेश्वर कहता है कि उसके लोगों के लिए उसका हर्ष दुल्हन के लिए दूल्हे के आनन्द के जैसा है। और उसका अर्थ यह नहीं है कि यह आरम्भ तो वैसे होता है और फिर शिथिल पड़ जाता है।

वह मधुमास की तीव्रता और मधुमास के आनन्द और मधुमास की ऊर्जा और उत्तेजना और उत्साह और उल्लास की बात कर रहा है। वह हमारे हृदयों में इस बात को समझाना चाहता है कि उसका क्या तात्पर्य है जब वह कहता है कि वह अपने पूरे हृदय से हमारे लिए हर्षित होता है। यिर्मयाह 32:41, “मैं आनन्दपूर्वक उनकी भलाई करूँगा, और अपने सम्पूर्ण मन और सम्पूर्ण प्राण से सचमुच उन्हें इस देश में स्थापित करूँगा।” सपन्याह 3:17, “यहोवा तेरा परमेश्वर तेरे मध्य है, वह बचानेवाला पराक्रमी योद्धा है। वह तेरे कारण हर्षित होगा, वह अपने प्रेम के कारण चुप रहेगा, वह हर्ष से जयजयकार करता हुआ तेरे कारण आनन्दित होगा।”

परमेश्वर के साथ मधुमास कभी समाप्त नहीं होता है। वह सामर्थ्य और बुद्धि और रचनात्मकता में असीम है जिससे कि आने वाली सहस्राब्दियों के खरबों युगों के लिए कोई नीरसता नहीं होगी।

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