Profit Gain AI Profit Method AI Crypto Core Profit

प्रभु यीशु ख्रीष्ट सर्वोच्च परमेश्वर है।

क्या आप वास्तव में जानते हैं कि आख़िरकार यीशु कौन है? यह हम सब के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रश्न है। प्रभु यीशु ख्रीष्ट सर्वोच्च परमेश्वर है। आइए हम इस लेख में कुलिस्सियों 1 अध्याय में पाए जाने वाले 4 बातें यीशु की सर्वोच्चता व महानता को स्पष्टता प्रतिबिम्बित करते हैं – 

1. यीशु ख्रीष्ट अनन्तकाल का परमेश्वर है। ख्रीष्ट अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप है, जो सारी सृष्टि के ऊपर पहिलौठा है (कुलुस्सियों 1:15)। यह ख्रीष्ट के ईश्वरीय स्वभाव और सभी चीज़ों के शासक के रूप में उसकी स्थिति पर बल देता है। “पहिलौठे” शब्द का उपयोग महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका अर्थ यह नहीं है कि ख्रीष्ट को बनाया गया था, बल्कि इसका अर्थ यह है कि वह सारी सृष्टि पर सम्मान और अधिकार का एक विशेष स्थान रखता है। वह सर्वाधिकारी है।

2. यीशु ख्रीष्ट सम्पूर्ण सृष्टि का सृजनहार है। पौलुस आगे कहता है कि ख्रीष्ट ने स्वर्ग में और पृथ्वी पर, दृश्य और अदृश्य, चाहे सिंहासन या शक्तियाँ या शासक या अधिकारी समस्त चीजों को बनाया (कुलुस्सियों 1:16)। यह सभी चीजों के सृजनहार के रूप में ख्रीष्ट की भूमिका पर बल देता है और इस सत्य पर प्रकाश डालता है कि उसके नियन्त्रण से बाहर कुछ भी नहीं है। संक्षेप में, ख्रीष्ट सभी जीवन, शक्ति और अधिकार का स्रोत है।

3. यीशु ख्रीष्ट पालनहार(सम्भालने वाला) है। पौलुस तब सभी चीजों के सम्भाले रहने, उसका संचालन करने के रूप में ख्रीष्ट की स्थिति पर बल देता है। वह कहता है कि ख्रीष्ट सब वस्तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएँ उसी में स्थिर रहती हैं (कुलुस्सियों 1:17)। इसका अर्थ है कि ख्रीष्ट ऐसे गोंद (ग्लू) के जैसे है जो समस्त ब्रह्माण्ड को एक साथ जोड़े रखता है, या थामे रहता है, और उसके बिना, सब कुछ अलग हो जाएगा। सब कुछ बिखर जाएगा। एक बार फिर, यह ख्रीष्ट के ईश्वरीय स्वभाव और समस्त चीज़ों के शासक के रूप में में वर्णन करता है।

यीशु समस्त चीजों का सृजनहार और वही सब कुछ को सम्भालने वाला है। और वही यीशु कलीसिया का मुखिया (प्रधान) है। पौलुस कहता है कि ख्रीष्ट देह का सिर है, जो कि कलीसिया है (कुलुस्सियों 1:18)। इसका अर्थ है कि ख्रीष्ट कलीसिया के लिए अगुवा और जीवन का स्रोत है, और यह कि कलीसिया अन्ततः उसके अधिकार के अधीन है। शब्द “देह” का उपयोग महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इस सत्य पर बल देता है कि कलीसिया एक देह है, जिसका मुखिया ख्रीष्ट है। इसका अर्थ है कि विश्वासियों के बीच एकता और सद्भाव है, जिसके केन्द्र में ख्रीष्ट है।

4. यीशु ख्रीष्ट उद्धारकर्ता है। पौलुस संसार के उद्धारकर्ता के रूप में ख्रीष्ट की भूमिका पर बल देता है। वह कहता है कि परमेश्वर की प्रसन्नता इस बात में है कि उसकी सारी परिपूर्णता ख्रीष्ट में वास करे, और उसके क्रूस पर बहे हुए लहू के द्वारा मेल-मिलाप करके, सब वस्तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों चाहे स्वर्ग में की (कुलुस्सियों 1:19) -20)। इसका अभिप्राय यह है कि ख्रीष्ट सब मनुष्यों (जो यीशु पर विश्वास करते हैं) के लिए उद्धार और मेल-मिलाप का परम स्रोत है और क्रूस पर अपने बलिदान के माध्यम से, उसने सभी लोगों के लिए परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप कराना सम्भव बनाया। यह प्रेम और अनुग्रह का अन्तिम कार्य है, और यह इस सत्य को रेखांकित करता है कि ख्रीष्ट ब्रह्माण्ड का सर्वाधिकारी है। वही सब कुछ पर प्रभुता करता है।

अतः कुलुस्सियों 1 ख्रीष्ट को प्रमुख और सर्व-पर्याप्त उद्धारकर्ता के रूप में प्रस्तुत करता है, जो सभी चीज़ों का सृष्टिकर्ता और और पालनहार है, कलीसिया का मुखिया है, और समस्त मानवता के लिए उद्धार और मेल-मिलाप का स्रोत है। यह खण्ड ख्रीष्ट के ईश्वरीय स्वभाव और सर्वाधिकारी व सम्प्रभु के रूप में उनकी स्थिति का एक सामर्थ्य से भरा हुआ अनुस्मारक है। यह हमें यीशु ख्रीष्ट के अधिकार के अधीन होने और उसके प्रेम और अनुग्रह पर भरोसा करने के लिए बुलाता है जब हम जीवन की चुनौतियों का सामना करते हैं।

साझा करें
रोहित मसीह
रोहित मसीह

परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते हैं और मार्ग सत्य जीवन के साथ सेवा करते हैं।

Articles: 38

Special Offer!

ESV Concise Study Bible

Get the ESV Concise Study Bible for a contribution of only 500 rupees!

Get your Bible