Profit Gain AI Profit Method AI Crypto Core Profit

सृष्टि का आश्चर्य

परन्तु कोई कहेगा, “मृतक कैसे जिलाए जाते हैं? और वे किस प्रकार की देह में आते हैं? हे मूर्ख! जो कुछ तू बोता है जब तक वह मर न जाए जिलाया नहीं जाता। और जो कुछ तू बोता है, तू वह देह नहीं बोता जो उत्पन्न होने वाली है, परन्तु निरा दाना, चाहे गेहूँ का या किसी और अनाज का। परन्तु परमेश्वर अपने इच्छानुसार उसे देह देता है, और हर एक बीज को उसकी विशेष देह।” (1 कुरिन्थियों 15:35-38)

मैं पवित्रशास्त्र से कुछ छोटी बातों को उठा रहा हूँ जो इस बात को दिखाती हैं कि परमेश्वर सृष्टि के कार्यों में कितना अधिक सम्मिलित है।

उदाहरण के लिए, यहाँ पर 1 कुरिन्थियों 15:38 में पौलुस तुलना कर रहा है कि कैसे बीज एक रूप में बोया जाता है और दूसरे रूप में एक ऐसी “देह” के साथ निकलता है जो कि अन्य सारी देहों से भिन्न है। वह कहता है, “परमेश्वर अपनी इच्छानुसार उसे देह देता है, और हर एक बीज को उसकी विशेष देह।” 

परमेश्वर के गहन रीति से सम्मिलित होने का यह एक उल्लेखनीय कथन है कि परमेश्वर किस रीति से प्रत्येक बीज को उसके स्वयं के अनूठे पौधे (केवल प्रजाति ही नहीं परन्तु प्रत्येक बीज!) के रूप में होने के लिए रचता है।

पौलुस यहाँ पर उद्विकास (evolution) के विषय में शिक्षा नहीं दे रहा है, परन्तु वह यह अवश्य  दिखा रहा है कि कैसे वह सृष्टि में परमेश्वर के गहन रीति से सम्मिलित होने को मानकर चलता है। स्पष्ट रूप से, पौलुस यह कल्पना नहीं कर सकता है कि बिना परमेश्वर के कार्य के कोई भी प्राकृतिक प्रक्रिया की जा सकती है।

पुनः भजन 94:9 में लिखा है, “जिसने कान दिया, क्या यह स्वयं नहीं सुनता? जिसने आँख रची, क्या वह स्वयं नहीं देखता?” भजनकार इस बात को मान कर चल रहा है कि परमेश्वर ही आँख का रचयिता और उसने इस रीति से कान को रचकर सिर से जोड़ा है कि वह अपने सुनने का कार्य कर सके।

इसलिए, जब हम मनुष्य की आँख के विषय में और कान की अद्भुत बनावट के विषय में आश्चर्य करते हैं, तो हमें संयोग की प्रक्रियाओं पर नहीं वरन् हमें परमेश्वर के मन और रचनात्मकता और उसकी सामर्थ्य पर आश्चर्यचकित होना चाहिए।

उसी रीति से भजन 95:5 में, “समुद्र उसका है, क्योंकि उसी ने उसको बनाया है, और उसके हाथों ने भूमि को रचा है।” भूमि और समुद्र की रचना करने में वह इतना अधिक सम्मिलित था कि वर्तमान में  समुद्र उसी का  है।

ऐसा नहीं है कि उसने किसी अव्यक्तिगत रीति से एक अरब वर्ष पूर्व सब वस्तुओं को एक झटके में क्रियान्वित कर दिया था। इसके विपरीत वही इसका स्वामी है क्योंकि उसी ने इसे सृजा है। आज यह उसकी हस्तकला है और इस पर उसके सृजनहार होने के दावे के चिन्ह पाए जाते हैं, जैसे कलाकृति का एक भाग तब तक उसी का होता है जिसे उसने चित्रित  किया है जब तक कि वह इसे बेच नहीं दे ता या किसी को दे नहीं देता है।

मैं इन बातों की ओर इसलिए संकेत नहीं कर रहा हूँ कि उत्पत्ति से सम्बन्धित सभी समस्याओं का समाधान कर सकूँ, परन्तु इसलिए कि संसार की सभी अद्भुत बातों के अवलोकन में आप पूर्ण रीति से परमेश्वर-सचेत और परमेश्वर-प्रशंसक और परमेश्वर-ओत-प्रोत हो जाएँ।

साझा करें
जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

Articles: 377
Album Cover
: / :

Special Offer!

ESV Concise Study Bible

Get the ESV Concise Study Bible for a contribution of only 500 rupees!

Get your Bible