अपनी मंगनी के समय को कैसे अच्छे से उपयोग करें?

किसी भी विश्वासी भाई/बहन के लिए मँगनी एक महत्वपूर्ण समय होता है। जो विवाह से पूर्व इस बात को औपचारिक रीति से सुनिश्चित करता है कि विवाह के लिए दोनो एक-दूसरे के साथ वाचा बाँधने के लिए समर्पित हैं। मंगनी के बाद से विवाह करने के मध्य का समय विवाह करने वाले जोड़े के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, जिसमें वे विवाह पूर्ण महत्वपूर्ण बातों को ध्यान दे सकते हैं और विचार कर सकते हैं। किन्तु प्राय: अधिकाँश लोग मँगनी और विवाह के मध्य के समय को व्यर्थ में ही गवाँ देते हैं और उस समय का उचित रीति से उपयोग नहीं कर पाते। आइये हम विचार करें कि भविष्य में होने वाले जीवनसाथी के साथ मँगनी के समय को कैसे अर्थपूर्ण रीति से उपयोग कर सकते हैं-

एक-दूसरे (विवाह करने वाले जोड़े) के साथ कठिन विषयों पर खुलकर चर्चा करें। 

बहुत लोग यह सोचते हैं कि बस विवाह हो जाए उसके बाद जो भी समस्याएँ आएँगे, उसका समाधान विवाह के बाद कर लेंगे। किन्तु कुछ बातों के विषय में पहले चर्चा न करना बाद के लिए संघर्षों को निमन्त्रण देना है। इसलिए मंगनी के बाद और विवाह से पहले के समय का उपयोग कठिन विषयों पर बात करने के लिए भी करना आवश्यक है। जिससे कोई भी बात हो तो वह खुल कर सामने आ सके और उस पर कार्य किया जा सके। 

पुरुष आत्मिक अगुवाई का दायित्व उठाना आरम्भ करें। 

मंगनी के बाद का समय विवाह करने हेतु तैयार जोड़े का एक-दूसरे को जानने का समय है किन्तु यह अपने उत्तरदायित्वों को सीखने का भी समय है। इस समय पुरुषों को आत्मिक अगुवाई के विषय में उत्तरदायित्व सीखने का समय है। पुरुषों को स्वयं आत्मिक रीति से बढ़ना है और होने वाली पत्नी के साथ बाइबल पढ़ने, प्रार्थना करने और इस पर मनन के विषय में पहल करना हैं।

यीशु के साथ व्यक्तिगत संगति में बढ़ें। 

ख्रीष्टीय विवाह ख्रीष्ट केन्द्रित होता है। किन्तु जब विवाह के बने रहने और फलने-फूलने के लिए यीशु के साथ व्यक्तिगत सम्बन्ध में दूरियाँ होती हैं तो विवाह पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। पति-पत्नी साथ में मिलकर प्रभु के साथ बढ़ते हैं, यह विवाह को दृढ़ करता है किन्तु व्यक्तिगत रीति से जब वे प्रभु के साथ समय व्यतीत करते हैं वह उनके विवाह को और भी अधिक आनन्दपूर्ण और फलदायी रुप से उन्नत करेगा। यह अति आवश्यक है कि विवाह के लिए तैयारी कर रहे जोड़े प्रभु की निकटता में जीवन जिएँ।

अपने होने वाले जीवनसाथी के प्रति अपने प्रेम को प्रकट करें। 

विवाहित जोड़ों के मध्य कई बार यह संघर्ष देखने को मिलता है कि उनके जीवन साथी प्रेम नहीं करते। यद्यपि वे एक-दूसरे के लिए बहुत कुछ करते हैं, और अपनी उत्तरदायित्वों को पूरा करते हैं, किन्तु एक बात की कमी रह जाती हैं। वह यह है कि बातों के द्वारा भी कहना आवश्यक है। प्रचुरता से अपने शब्दों के द्वारा, एक-दूसरे को आनन्द भाव से प्रशंसा, स्नेह को बताने के लिए करें। यह मँगनी के समय से आरम्भ करने की आवश्यकता है और विवाह के बाद इसमें और भी अधिक बढ़ते जाना हैं। 

अत: यदि हमारी मँगनी हो गई है, या भविष्य में होने वाली है, तो आइये हम इन बातों को स्मरण रखें और मंगनी और विवाह के मध्य के समय को व्यर्थ में न गंवाएँ, किन्तु उस समय का अच्छे से उपयोग करें जिससे कि प्रभु के अनुसार विवाह हो और ऐसे परिवार बन सकें जिनके वैवाहिक सम्बन्ध द्वारा प्रभु को महिमा मिले। 


नोट: यह लेख जॉन पाइपर के पुस्तक “विवाह की तैयारी” के पहले पाठ पर आधारित है। यदि आप और अधिक मंगनी के विषय में जानना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध पुस्तक “विवाह के लिए तैयारी” को अवश्य ही पढ़ें। इस पुस्तक दो प्रारूपों उपलब्ध है – ई-पुस्तक और पुस्तक। इस पुस्तक को मात्र 100 रुपये का भुगतान करके अपने घर मंगवाएँ। हम आशा करते हैं कि यह पुस्तक आपकी मंगनी व विवाह के विषय में बाइबलीय परामर्श देगी।

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नीरज मैथ्यू
नीरज मैथ्यू

परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते हैं और मार्ग सत्य जीवन के साथ सेवा करते हैं।

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