परमेश्वर तुम्हारी प्रत्येक आवश्यकता पूरी करेगा
जॉन पाइपर द्वारा भक्तिमय अध्ययन

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संस्थापक और शिक्षक, desiringGod.org

मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित ख्रीष्ट यीशु में है तुम्हारी प्रत्येक आवश्यकता पूरी करेगा। (फिलिप्पियों 4:19)

पौलुस फिलिप्पियों 4:6 में कहता है “किसी भी बात की चिन्ता न करो, परन्तु प्रत्येक बात में प्रार्थना और निवेदन के द्वारा तुम्हारी विनती धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख प्रस्तुत की जाए।” और फिर इसके पश्चात् फिलिप्पियों 4:19 में (मात्र 13 पदों के पश्चात् ) वह भविष्य-के-अनुग्रह की मुक्तिदायक प्रतिज्ञा देता है: “मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित ख्रीष्ट यीशु में है तुम्हारी प्रत्येक आवश्यकता पूरी करेगा।”

यदि हम भविष्य-के-अनुग्रह की इस प्रतिज्ञा पर विश्वास के साथ जीते हैं, तो फिर चिन्ता का बना रहना बड़ा ही कठिन होगा। परमेश्वर की “महिमा का धन” ऐसा है जो कभी समाप्त नहीं होने वाला है। वास्तव में वह हमसे चाहता है कि हम भविष्य के विषय में चिन्ता न करें।

हमें पौलुस द्वारा प्रस्तुत की गई इस पद्धति का अनुसरण करना चाहिए। हमें भविष्य-के-अनुग्रह की प्रतिज्ञाओं के द्वारा चिन्ता के अविश्वास के प्रति युद्ध करना चाहिए।

जब मैं कुछ जोखिम भरे नये कार्य या सभा के विषय में चिन्तित होता हूँ, तो मैं प्रायः अविश्वास का सामना करने के लिए बहुधा उपयोग की जाने वाली प्रतिज्ञा, यशायाह 41:10 के साथ करता हूँ।

जिस दिन मैं तीन वर्ष के लिए अमेरिका छोड़कर जर्मनी जा रहा था, मेरे पिता ने मुझे टेलीफोन किया और मुझे इस प्रतिज्ञा को दिया। तीन वर्षों में मैंने इस प्रतिज्ञा को गम्भीर तनाव के समय से निकलने के लिए लगभग पाँच सौ बार उद्धृत किया होगा। “मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूँ। इधर-उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूँ। मैं तुझे दृढ़ करूँगा और निश्चय ही तेरी सहायता करूँगा और अपने धर्ममय दाहिने हाथ से तुझे सम्भाले रहूँगा।”

इस प्रतिज्ञा के द्वारा मैं इतनी बार चिन्ता से लड़ चुका हूँ कि जब भी मेरा मस्तिष्क शान्त होता है, तो मानो यशायाह 41:10 की ध्वनि ही उसमें गूँजती रहती है।

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