मुझे हर्ष और आनन्द की बातें सुना; जो हड्डियाँ तूने तोड़ डाली हैं वे मग्न हो जाएं। . . . अपने उद्धार का आनन्द मुझे फिर से दे, और उदार आत्मा देकर मुझे सम्भाल ले। (भजन 51:8, 12)
दाऊद यहाँ पर यौन संयम के लिए प्रार्थना क्यों नहीं कर रहा है? वह ऐसे पुरुषों के लिए क्यों नहीं प्रार्थना कर रहा है जो उसे उत्तरदायी बनाए रखेंगे? वह संरक्षित आंखों और यौन-मुक्त विचारों के लिए प्रार्थना क्यों नहीं कर रहा है? अंगीकार और पश्चाताप के इस भजन में जो कि वास्तव में बतशेबा का बलात्कार करने के पश्चात है, आप सम्भवतः अपेक्षा करेंगे कि दाऊद प्रार्थना में कुछ उस प्रकार की बातों को माँगेगा।
इसका कारण यह है कि वह जानता है कि यौन पाप तो वास्तव में लक्षण है, न कि रोग है।
लोग यौन पाप में पड़ जाते हैं क्योंकि उनके पास ख्रीष्ट में आनन्द और हर्ष की पूर्णता नहीं है। उनकी आत्माएं दृढ़ और स्थिर तथा स्थापित नहीं हैं। वे डगमगाते हैं। वे लुभाए जाते हैं, और वे पाप में पड़ जाते हैं क्योंकि परमेश्वर का उनकी भावनाओं और विचारों में वह सर्वोच्च स्थान नहीं है जो कि उसके पास होना चाहिए।
दाऊद स्वयं के विषय में यह जानता था। यह बात हमारे विषय में भी सत्य है। दाऊद अपने प्रार्थना करने की रीति से हमें दिखा रहा है, कि उन लोगों की वास्तविक आवश्यकता क्या है जो यौन सम्बन्धी पाप करते हैं: उनकी वास्तविक आवश्यकता परमेश्वर है! परमेश्वर में आनन्द।
यह हमारे लिए अगाध बुद्धि की बात है।