क्या आपको यह सुनना नहीं भाएगा यदि स्वर्गदूत जिब्राईल आपसे कहे कि, “आपसे अत्यन्त प्रेम किया गया है”?
दानिय्येल के साथ ऐसा तीन बार हुआ।
- “जब तू अनुनय विनय करने लगा तभी आज्ञा दी गई और मैं तुझे बताने आया हूँ, क्योंकि तू अत्यन्त सम्मानित ठहरा है” (दानिय्येल 9:23)
- “हे परम प्रिय दानिय्येल, जो बात मैं तुझ से कहने पर हूँ उसे समझ ले। सीधा खड़ा हो जा, क्योंकि मैं तेरे पास भेजा गया हूँ।” (दानिय्येल 10:11)
- और कहा, “हे परम प्रिय पुरुष, मत डर। तुझे शान्ति मिले। दृढ़ होकर हियाव बाँध!” (दानिय्येल 10:19)
मैं यह स्वीकार करता हूँ कि प्रत्येक वर्ष जब मैं बाइबल पढ़ कर समाप्त कर रहा होता हूँ और जब इन पदों पर आता हूँ, मैं इन पदों को लेकर स्वयं पर लागू करना चाहता हूँ। मैं परमेश्वर को मुझसे यह कहते हुए सुनना चाहता हूँ कि, “तुमसे अत्यन्त प्रेम किया गया है”।
वास्तव में तो, मैं इसे सुनता हूँ। और आप भी इसे सुन सकते हैं। यदि आप यीशु में विश्वास करते हैं, तो परमेश्वर स्वयं आपसे अपने वचन में कहता है — जो कि परमेश्वर के स्वर्गदूत के बोलने से अधिक निश्चित है — “आपसे अत्यन्त प्रेम किया गया है”।
यहाँ इफिसियों 2:3-5,8 में लिखा है: हम “अन्य लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे। परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है, अपने उस महान् प्रेम के कारण जिस से उसने हमसे प्रेम किया, जबकि हम अपने अपराधों के कारण मरे हुए थे उसने हमें ख्रीष्ट के साथ जीवित किया. . . . विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है”।
यही एकमात्र स्थल है जहाँ पौलुस इस अद्भुत वाक्याँश “महान् प्रेम” का प्रयोग करता है। और यह किसी स्वर्गदूत की बोली से भी उत्तम है। यदि आपने यीशु को सत्य के रूप में देखा और उसे अपने सर्वोच्च धन के रूप में ग्रहण किया है, अर्थात्, यदि आप “जीवित” हैं, तो आपसे अत्यन्त प्रेम किया गया है। संसार के सृष्टिकर्ता के द्वारा अत्यन्त प्रेम किया गया है। थोड़ा इसके बारे में सोचिए! अत्यन्त प्रेम किया गया है।