Profit Gain AI Profit Method AI Crypto Core Profit

परमेश्वर के ढंग से कलीसिया वृद्धि

शरीर के सन्तान तो परमेश्वर की सन्तान नहीं हैं, परन्तु प्रतिज्ञा के सन्तान वंश माने जाते हैं। (रोमियों 9:8)

एक पास्टर के रूप में  पुराने नियम के अब्राहम की कल्पना कीजिए। यहोवा कहता है “मैं तुझे आशिष दूँगा और तेरी सेवकाई को बढ़ाऊँगा।” किन्तु कलीसिया तो बाँझ है और बच्चे उत्पन्न नहीं करती है।

अब्राहम क्या करता है? वह अलौकिक हस्तक्षेप के प्रति निराश होने लगा। वह बूढ़ा होने लगता है। उसकी पत्नी बाँझ ही रहती है। इसलिए वह निर्णय लेता है कि परमेश्वर के प्रतिज्ञात पुत्र को वह बिना अलौकिक हस्तक्षेप के ही उत्पन्न करेगा। उसने अपनी पत्नी की दासी हाजिरा के साथ यौन सम्बन्ध बनाए (उत्पत्ति 16:4)। फिर भी इसका परिणाम “प्रतिज्ञा की सन्तान” नहीं, किन्तु “शरीर की सन्तान” इश्माएल हुआ।

परमेश्वर अब्राहम को यह कहने के द्वारा आश्चर्यचकित करता है कि “मैं तुझे उसके [तेरी पत्नी सारा] द्वारा पुत्र दूँगा” (उत्पत्ति 17:16)। इसलिए अब्राहम परमेश्वर से कहता है “इश्माएल तेरी दृष्टि में बना रहे यही बहुत है!” (उत्पत्ति 17:18)। वह अपने स्वयं के स्वाभाविक मानवीय प्रयास के कार्य को परमेश्वर की प्रतिज्ञा की पूर्णता के रूप में देखना चाहता है। परन्तु परमेश्वर कहता “नहीं, तेरी पत्नी सारा ही तेरे लिए पुत्र उत्पन्न करेगी” (उत्पत्ति 17:19)। 

परन्तु सारा तो 90 वर्ष की है। वह अपने सम्पूर्ण जीवन भर बाँझ रही है, और उसका मासिक-धर्म तो पहले ही बन्द हो चुका था (उत्पत्ति 18:11)। अब्राहम 100 वर्ष का है। प्रतिज्ञा की सन्तान के लिए आश्चर्यचकित कर देने वाला अलौकिक हस्तक्षेप ही अब एकमात्र आशा है।

“प्रतिज्ञा की सन्तान”— होने का यही अर्थ है — “वे न तो लहू से, न शरीर की इच्छा से, और न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं” (यूहन्ना 1:13)। इस संसार में केवल वे ही बच्चे परमेश्वर की सन्तान के रूप में गिने जाते हैं जो अलौकिक रीति से उत्पन्न हुए प्रतिज्ञा की सन्तान हैं। गलातियों 4:28 में पौलुस कहता है, “तुम [ख्रीष्टियों], इसहाक के समान प्रतिज्ञा की सन्तान हो।” तुम “आत्मा के अनुसार जन्मे,” हो न कि शरीर के अनुसार (गलातियों 4:29)। 

एक बार पुनः अब्राहम को एक पास्टर के रूप में सोचें। जिस रीति से वह विश्वास करता है कि परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी, उस प्रकार से उसकी कलीसिया नहीं बढ़ रही है। वह मावनीय विधियों के “हाजिरा” के पास जाता है, और निर्णय लेता है कि पवित्र आत्मा के अलौकिक कार्य किए बिना ही वह “लोगों को आकर्षित” कर सकता है।

परन्तु, यह इसहाकों (अर्थात् प्रतिज्ञा की सन्तानों) की कलीसिया नहीं होगी, वरन् इश्माएलियों की (अर्थात् शरीर के सन्तानों की) कलीसिया होगी। परमेश्वर हमें इस प्रकार की प्राणघातक सफलता से बचाए। कार्य अवश्य करें। किन्तु निर्णायक तथा अलौकिक कार्य के लिए सदैव प्रभु की ओर देखें। “युद्ध के दिन के लिए घोड़ा तो तैयार किया जाता है, परन्तु विजय यहोवा ही से है” (नीतिवचन 21:31)।

साझा करें
जॉन पाइपर
जॉन पाइपर

जॉन पाइपर (@जॉन पाइपर) desiringGod.org के संस्थापक और शिक्षक हैं और बेथलेहम कॉलेज और सेमिनरी के चाँसलर हैं। 33 वर्षों तक, उन्होंने बेथलहम बैपटिस्ट चर्च, मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक पास्टर के रूप में सेवा की। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें डिज़ायरिंग गॉड: मेडिटेशन ऑफ ए क्रिश्चियन हेडोनिस्ट और हाल ही में प्रोविडेन्स सम्मिलित हैं।

Articles: 377
Album Cover
: / :

Special Offer!

ESV Concise Study Bible

Get the ESV Concise Study Bible for a contribution of only 500 rupees!

Get your Bible